आपने अकसर देखा होगा कि सर्दियों की शुरुआत से पहले लोग अपने पुराने बिस्तरों, जैसे रजाई, कंबल और गद्दों आदि को धूप लगाते हैं। जबकि कुछ लोग समय-समय पर अपने पुराने गद्दे और बेड ही बदल देते हैं। इसकी वजह हैं खटमल (Bed bugs)। जी हां, पलंग या खाट के कोनों, दरारों या बिस्तर की सीवन में छुपकर रहने वाले खटमल। ये बेड बग्स न केवल आपकी नींद खराब करते हैं, बल्कि स्किन रैश (Skin Rashes), एनीमिया (Anemia) और एलर्जी (Allergy) तक का कारण बन सकते हैं। यह हमारे आसपास की ही नहीं, बल्कि पेरिस और लंदन जैसे सुविधा संपन्न इलाकों की भी समस्या है। आइए जानते हैं बेड बग्स से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम (Bed bugs health risk) और इससे बचने के उपाय (How to get rid of bed bugs)।
अचानक से चेहरे, गर्दन और बाजूओं पर दिखने वाले लाल निशान कई बार हमारी चिंता का कारण बन जाते हैं। कुछ लोग उसे स्किन रैश समझते है, तो कुछ उसे मच्छर के काटने से होने वाले निशान समझने लगते हैं। अगर आपकी स्किन पर भी सुबह उठते ही कुछ रेड स्पॉट्स दिखने लगें, तो वे बेड बग्स बाइट्स के कारण भी हो सकते हैं। जानते हैं कि बेड बग्स क्या है और ये कैसे आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं।
आप को जानकर हैरानी होगी कि गांव और शहर से लेकर ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के देश भी बेड बग्स से परेशान हैं। ये हर उस जगह मौजूद हैं जहां सोने के लिए कपड़े या लकड़ी से बने बिस्तर, बेड या बेड कवर्स का इस्तेमाल किया जाता है। अंधेरे और धूप से दूर होने वाली जगहों में इनकी तादाद लगातार बढ़ती जाती है।
बेड बग्स उन स्मॉल बग्स को कहा जाता है, जो स्किन एलर्जी का कारण बनते हैं। लाल व हल्के भूरे रंग के ये बग्स खून चूसने वाले कीड़े होते हैं। इनके काटने से कोई गंभीर बीमारी होने का खतरा नहीं रहता। पर ये त्वचा संबधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ये सूक्ष्म जीव बेड के कॉरनर्स में अपने लिए जगह बना लेते हैं और रात के समय बाहर आते हैं।
इस बारे में एमडी, एमबीबीएस, डर्माटोलॉजिस्ट डॉ नवराज सिंह विर्क का कहना है कि बेड बग्स के काटने से शरीर पर इंफ्लेमेटरी दाने होने लगते हैं। जो इचिंग का कारण बनते हैं। कुछ लोगों को माइल्ड और कुछ को मॉडरेट इचिंग होने लगती है। इन्हें आसानी से डायग्नोज नहीं किया जा सकता है। अगर आप बेड बग्स का शिकार है, तो फैमिली के सभी मेंबर्स को उपचार अवश्य करवाना चाहिए।
दूसरी ओर बेड कवर्स और शीट्स को वॉश करके ही दोबारा इस्तेमाल करें। अगर बिस्तर की चादरें, कंबल, रजाई या बेड कवर्स लंबे समय से प्रयोग नहीं हुए हैं, तो उन्हें इस्तेमाल करने से पहले धूप जरूर लगाएं। और संभव हो तो वॉश भी करें। बेड बग्स से कुछ लोगों को इचिंग, बर्निंग और चक्कर आने की भी शिकायत होने लगती है।
अगर आपके घर में बेड बग की समस्या है, तो आपको हर दम खुजली और जलन का एहसास रहता है। आप खुद को अनकंफर्टेबल महसूस करने लगते हैं, जो नींद न आने का भी कारण साबित होता है। इसके चलते आप रात भर नींद पूरी न होने की समस्या से भी दो चार रहते हैं। नींद पूरी न होने से आप एंग्जाइटी, मेमोरी लॉस और डिप्रेशन की समस्या से होकर गुज़रते हैं।
बेड बग्स के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी बढ़ने लगती है। इससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होने लगते हैं। इसके चलते शरीर में आयरन की कमी बढ़ जाती है। बेड बग्स ब्लड को स्किन में से सक कर लेते हैं। इससे त्वचा पर पीलापन, कमज़ोरी, थकान और सास लेने में तकलीफ होने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
अगर आप बेड बग्स का शिकार हैं, तो इसका असर आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी दिखने लगता है। इससे शरीर कमज़ोर होने लगता है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। शरीर पर जगह जगह काटने वाले बग्स स्किन एलर्जी के खतरे को भी बढ़ा देता है।
बार बार बेड बग्स के संपर्क में आने से एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। सि्कन पर जगह जगह रैशेज नज़र आने लगते है। स्किन पहले से डल और बाइट वाली जगह पर रेड स्पॉटस से भर जाती है। अगर आप जगह जगह स्किन रैश होने से परेशान हैं, तो डॉक्टस से तुरंत संपर्क करें।
1 बेड फ्रेम से लेकर कुशन और तकियों तक सभी चीजों को क्लीनिंग के लिए भेजें। इसके अलावा बेडशीट को भी हर दो दिन में बदलें।
2 कमरे में लगाए गए सभी हैगिंग्स को क्लीन रखें। इसके अलावा वॉल पेटिंगस और मैट्स को भी वैक्यूम ज़रूर करें, ताकि बेड बग्स के जोखिम को कम किया जाए।
3 अगर आपके रूम में बग्स हैं, तो उस कमरे के सामान को बिना साफ सफाई के किसी अन्य जगह पर शिफ्ट न करें।
4 बुक्स, न्यूजपेपर और मैगज़ीन के बॉक्स अलावा सभी अलमारियों को भी क्लीन रखें। आप चाहें, तो प्रोफेशनल्स की भी मदद ले सकते हैं।
5 अगर फर्नीचर में कोई क्रैक है, तो उसे रिप्लेस करें या भी रिपेयरिंग के लिए भेज दें।
6 लंबे वक्त तक मैट्रेस न बदलना भी बेड बग्स का कारण हो सकता है। ऐसे में मैट्रेस को तुरंत प्रभाव से बदल डालें।
7 उपरोक्त के अलावा कमरे के फ्लोर की क्लीनिंग का भी पूरा ध्यान रखें।
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