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आपकी सेहत की बेस्‍ट फ्रेंड है तुलसी, जानें इसके ये 7 औषधीय लाभ

आपको गले में खराश है या एक्‍ने की समस्‍या है, तुलसी के पत्‍तों का सेवन आपको काफी राहत दे सकता है। आयुर्वेद का यह औषधीय पौधा आपको कई गंभीर बीमारियों से भी बचाए रखता है।
Updated On: 10 Dec 2020, 01:06 pm IST
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तुलसी एक्‍ने का प्राकृतिक उपचार है। चित्र- शटर स्टॉक
तुलसी एक्‍ने का प्राकृतिक उपचार है। चित्र- शटर स्टॉक

एक पौधा जो हर घर में आपको मिल जाएगा वो है तुलसी। बागवानी का शौक नहीं भी रखते होंगे फ़िर भी तुलसी का छोटा सा गमला ज़रूर होगा। चाय से लेकर काढ़े तक तुलसी का इस्तेमाल हम करते ही हैं। लेकिन तुलसी के इतने गुण हैं, यह आपको नहीं मालूम होगा।

आयुर्वेद में तुलसी का सबसे अधिक महत्व है। और हो भी क्यों ना, छोटी से बड़ी हर बीमारी का इलाज़ तुलसी से सम्भव है। स्किन इन्फेक्शन्स के लिए तुलसी को प्राथमिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं आयुर्वेद में ट्यूमर का इलाज करने के लिए भी तुलसी के प्रयोग का उल्‍लेख मिलता है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने अपनी 2005 की ग्लोबल रिपोर्ट में तुलसी के हेल्थ बेनेफिट्स को मान्यता दी है। WHO के स्टेटमेंट के अनुसार,”मॉडर्न समय में लाइफस्टाइल से होने वाली कई गम्भीर और जानलेवा बीमारियों को तुलसी से कंट्रोल किया जा सकता है।”

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हर्बल मेडिसिन के प्रोफ़ेसर ए. एन. सिंह बताते हैं तुलसी के मेडिसिनल फ़ायदे-

1. स्वस्थ दिल के लिए रोज़ खाएं तुलसी

तुलसी को नियमित रूप से खाने से कई बीमारियां दूर रहती हैं, जिनमें से एक कार्डियक प्रोब्लम्स भी हैं। तुलसी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट यूजेनॉल होता है, जो खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। प्रोफेसर सिंह कहते हैं, “नियमित रूप से सुबह खाली पेट 5-8 तुलसी की पत्ती खाने से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है।”

खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है तुलसी। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. किडनी स्टोन को ख़त्म करती है तुलसी

तुलसी में माइल्ड डाईयूरेक्टिक गुण होते हैं जो किडनी को स्वस्थ रखते हैं। साथ ही तुलसी में डिटॉक्सिफाइंग एजेंट्स होते हैं, जिनसे किडनी की कार्य प्रणाली दुरुस्‍त रहती है और यूरिक एसिड लेवल कंट्रोल में रहता है। तुलसी छोटे स्टोन्स को खत्म कर सकती है।

3. एन्टी एजिंग

स्किन को लम्बे समय तक जवान और खूबसूरत रखने के लिए तुलसी का सेवन करना चाहिए। तुलसी में विटामिन सी, विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं। स्किन में पिगमेंटेशन, झुर्रियां और दाग-धब्बे मिटाने में तुलसी कारगर है।

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4. ओरल हेल्थ के लिए चबाएं तुलसी

तुलसी में एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टी होती हैं। तुलसी चबाने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं। दांत और मसूड़ों में सड़न, बदबू और कैविटी से छुटकारा पाने के लिए तुलसी की सहायता लें। यह नेचुरल है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते।

5. सांस सम्बन्धी बीमारियों में मिलती है राहत

प्रोफेसर सिंह बताते हैं कि आयुर्वेद में तुलसी रेस्पिरेटरी समस्याओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल होती आयी है। मॉडर्न मेडिसिन में भी ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए तुलसी का उपयोग होता है।

6. एक्ने और पिम्पल से लड़ती है तुलसी

तुलसी के एंटीबैक्टीरियल और एन्टीफंगल गुणों के कारण किसी भी तरह के स्किन इंफेक्शन के लिए तुलसी का उपयोग होता है।

तुलसी की पत्तियां अपनी चाय में मिलाकर पीने से सर्दी ज़ुखाम ठीक होता है। चित्र : शटरस्‍टॉक

7. सर्दी ज़ुखाम में देती है राहत

अगर आपको आसानी से फ्लू हो जाता है तो आपके लिए रोजाना तुलसी का सेवन लाभकारी रहेगा। तुलसी की 4 से 5 पत्तियां अपनी चाय में मिला लें या सिर्फ़ तुलसी का काढ़ा बनाकर पियें। इससे सर्दी ज़ुखाम ठीक होता है और इम्यूनिटी भी स्ट्रांग होती है।

हमारी संस्कृति में तुलसी को पूजनीय माना गया है, और अब हम जानते हैं क्यों। तुलसी का पौधा न सिर्फ़ दवा के रूप में लाभकारी है बल्कि तुलसी आपके घर के अंदर की हवा को शुद्ध करती है और बाकी पौधों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन भी रिलीज़ करती है। इसलिए घर में तुलसी का पौधा ज़रूर लगाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
विदुषी शुक्‍ला
विदुषी शुक्‍ला

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते।

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