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थायराइड बैलेंस कर सकती हैं ये 5 प्राकृतिक चीजें, आयुर्वेद विशेषज्ञ बता रही हैं इनके फायदे

थायराइड से पीड़ित हैं, तो आयुर्वेद के अनुसार सुझाए गए कुछ खास सुपरफूड्स का सेवन करें, जो थायराइड हार्मोंस को नियंत्रित करने में आपकी मदद करेगा।
Published On: 17 Aug 2024, 06:00 pm IST
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थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करेगा ये आयुर्वेदि डाइट प्लान। चित्र : शटरस्टॉक

हमारे आसपास ज्यादातर महिलाएं और कुछ पुरुष भी थायराइड की समस्या से पीड़ित होंगे। यह समस्या महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। थायराइड के मरीजों (thyroid disorder) के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण शरीर को कई नकारात्मक लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में अनियंत्रित तरीके से वजन बढ़ता है, स्किन और बालों का ड्राई होने लगते हैं साथ ही साथ यह आपकी मेंटल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए थायराइड पर नियंत्रण पाना बेहद महत्वपूर्ण है।

बॉडी में थायराइड का बढ़ता और घटता स्तर हाइपो और हाइपर थाइरॉएडिज्म का कारण बन सकता है। ये दोनों ही स्थितियां शरीर के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होती। यदि आप भी थायराइड से पीड़ित हैं, तो आयुर्वेद के अनुसार सुझाए गए कुछ खास सुपरफूड्स का सेवन करें, जो थायराइड हार्मोंस को नियंत्रित करने में आपकी मदद करेगा।

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर चैताली राठौड़ ने कुछ ऐसे सुपरफूड्स के नाम सुझाए हैं, जो थायराइड हार्मोंस को नियंत्रित करने में आपकी मदद करेंगे। इनके नियमित इस्तेमाल से शरीर पर नजर आने वाले संकेतों में भी सुधार होगा। तो आप भी इन सुपरफूड्स को जरूर ट्राई करें (ayurvedic foods to control thyroid)।

थायराइड बैलेंस रखने में मदद करेंगे ये 5 आयुर्वेदिक फूड्स (ayurvedic foods to control thyroid)

1.आंवला

आंवले में संतरे से आठ गुना ज़्यादा और अनार से लगभग 17 गुना ज़्यादा विटामिन सी होता है। यह साधारण भारतीय फल वाकई एक बेहद खास और पौष्टिक सुपरफ़ूड है। यह बालों के लिए एक सिद्ध टॉनिक है। यह बालों को समय से पहले सफ़ेद होने की प्रक्रिया को धीमा करता है, रूसी को रोकता है, हेयर फॉलिकल्स को मज़बूत करता है और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है जिससे बालों की ग्रोथ बेहतर होती है।

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आंवले का चटनी, अचार और जूस के तौर पर सेवन करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

थायराइड हार्मोन के असंतुलित होने से बालों से जुड़ी तमाम समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं, ऐसे में आंवला हार्मोंस को बैलेंस करता है और इनके लक्षणों पर राहत पाने में प्रभावी रूप से कार्य करता है।

यह भी पढ़ें : Thyroid : कई समस्याओं का कारण हो सकता है थायरॉइड का असंतुलित होना, ये 2 योगासन हो सकते हैं मददगार

2. तांबे के बर्तन में पानी पिएं

हमारे पूर्वजों को सुबह तांबे का पानी पीने की आदत रही है और उस समय थायराइड जैसी अन्य तमाम ऑटो-इम्यून बीमारियों का खतरा बेहद कम होता था। थायरॉइड की स्थिति में आयुर्वेद में रोज़ाना सुबह तांबे का पानी पीने की सलाह दी जाती है। रात को तांबे के बर्तन में पानी रखें, और सुबह इसे पी लें। इन पानी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता जुड़ जाती है, जो थायराइड को बैलेंस करने में मदद करते हैं।

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धनिया में टेरपीन, क्वेरसेटिन और टोकोफेरोल कंपाउड को पाया जाता हैं। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। चित्र : शटरस्टॉक

3. धनिया के बीज

धनिया के बीज बेहद प्रभावी और फायदेमंद होते हैं, यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं। यह थायराइड हार्मोंस को संतुलित करने में कारगर होते है। सुबह 1 गिलास धनिया का पानी पीने से थायरॉइड संतुलन में अच्छे परिणाम मिलते हैं। वहीं इस स्थिति में नजर आने वाले लक्षणों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। धनिया के बीजों को रात भर के लिए पानी में भिगोकर छोड़ दें, और सुबह इसका पानी पिएं, इसके साथ ही आप चाहें तो धनिया के बीज को पानी में उबालकर भी इसे चाय के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।

4. कद्दू के बीज

कद्दू के बीज जिंक का एक समृद्ध स्रोत होते हैं, जो शरीर में अन्य विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने के लिए महत्वपूर्ण है और शरीर में थायराइड हार्मोन के संश्लेषण और संतुलन को भी बढ़ावा देता है। यदि आपको थायराइड डिसऑर्डर है, तो इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आप इन्हे रोस्ट कर अपने स्नैक्स में शामिल कर सकती हैं।

Moong dal ke fayde
प्रोटीन और फाइबर से भरपूर मूंग दाल का सेवन करने से हंगर हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। चित्र अडोबीस्टॉक

5. मूंग बींस

बींस में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। इसके साथ ही ये फाइबर का एक अच्छा स्रोत होते हैं, जो कब्ज की स्थिति में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। कब्ज यानी की कांस्टीपेशन थायराइड असंतुलन का एक सामान्य साइड इफेक्ट है। मूंग, अधिकांश बीन्स की तरह, आयोडीन प्रदान करता है और मूंग के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि अन्य बीन्स की तुलना में इसे पचाने बेहद आसान होता है। इसलिए इसे थायराइड-अनुकूल आहार में प्राथमिक स्थान पर रखा जाता है। यह थायराइड डिसऑर्डर में नजर आने वाले सभी लक्षणों को नियंत्रित करता है।

यह भी पढ़ें : World Thyroid Day 2022 : जिंक की कमी भी हो सकती है थायराइड समस्या के लिए जिम्मेदार

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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