मल में खून आना हो सकता है पाइल्स का संकेत, हिबिस्कस दिला सकता है आपको इस समस्या से राहत

हिबिस्कस यानी गुड़हल पाइल्स दूर करने में मदद कर सकता है। यदि आपको पाइल्स की समस्या है, तो यहां एक्सपर्ट से जानें कि इसका प्रयोग किस तरह किया जा सकता है।
Stool mei blood aane ka kaaran jaanein
जानते हैं एक्सपर्ट से मल के साथ आने वाले खून के कारण और किस प्रकार इस समस्या को किया जा सकता है हल (causes of blood in stool)। चित्र : एडोबी स्टॉक
Updated On: 20 Oct 2023, 10:04 am IST
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खराब खानपान और लाइफस्टाइल सही नहीं होने के कारण हमारे शरीर में कई तरह की समस्या होती है।इससे पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है। इससे हमारा बोवेल मूवमेंट सही तरीके से नहीं हो पाता है। कब्ज की समस्या होने लगती है। लंबे समय तक कब्ज रहने पर पाइल्स की भी समस्या हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, हिबिस्कस यानी गुड़हल पाइल्स को दूर करने में कारगर होता है। गुड़हल किस तरह से पाइल्स पर (hibiscus for piles) काम करता है, इसके लिए हमने बात की आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ नीतू भट्ट से।

कैसे विकसित होती है पाइल्स (Piles Problem)

आयुर्वेद के नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार, पाइल्स को अर्श कहा जाता है। उचित आहार और जीवन शैली की उपेक्षा करने से पाचन अग्नि कम हो जाती है। इसे मंदाग्नि कहा जाता है। इसका अर्थ है उचित गति और समय के साथ भोजन सामग्री को पचाने में असमर्थता। इसके कारण मल रूप में आधा पचे हुए खाद्य पदार्थ (आमा) जमा होते रहते हैं। इसे पानी या सेमी सॉलिड रूप में समय से पहले बाहर निकालने से एनोरेक्टल क्षेत्र में परेशानी होती है।
अर्श(Arsh) या बवासीर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गुदा में छोटे आकार की मांसल संरचना बनने लगती है।

ये हैं पाइल्स के लक्षण (Piles Symptoms) 

गुदा में मांसल सूजन होना, गैस पास होने में रुकावट, स्टूल पास होने पर दर्द, भूख कम लगना और कब्ज- ये सभी पाइल्स के लक्षण हैं। ये दो तरह का हो सकता है-सूखी अर्श और श्रावी अर्श। जिस पाइल्स से खून नहीं आता उसे सूखी अर्श कहते हैं। यह वायु और कफ की प्रधानता के कारण होती है।

Foods to avoid piles
गुदा में मांसल सूजन होना, गैस पास होने में रुकावट, स्टूल पास होने पर दर्द, भूख कम लगना और कब्ज- ये सभी पाइल्स के लक्षण हैं। चित्र शटरस्टॉक।

श्रावी अर्श पित्त और रक्त की प्रधानता के कारण होता है। इस स्थिति में स्टूल के साथ ब्लड भी आता है।

यहां हैं बवासीर(Piles) के लिए गुड़हल (Hibiscus Sinensis) के फायदे

हिबिस्क्स के पोषक तत्व (Hibiscus Nutrients) 

डॉ. नीतू बताती हैं, गुड़हल के फूल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी और विटामिन बी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें एंथोसायनिन कंपाउंड भी मौजूद होता है, जिसके कारण फूलों को चटख लाल रंग मिलता है।

रेचक गुण से होता है कब्ज(Constipation) दूर

गुड़हल (Hibiscus Sinensis) में रेचक गुण होते हैं। इसलिए इसकी चाय पीने से कब्ज दूर होने में मदद मिलती है। यह मेनोरेजिया, दस्त और उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure) के प्रबंधन में मदद कर सकती है। हिबिस्क्स में कामोत्तेजक गुण भी होते हैं। यह हेयर ग्रोथ के लिए भी बढिया है।

पित्त (Pitta Dosha) को संतुलित कर पाइल्स को कम करता है

पित्त दोष बढ़ने से बवासीर में खून आता है। कसैले गुणों के कारण यह पित्त को संतुलित करता है। यह ठंडक प्रदान करता है। साथ ही, रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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किस रूप में लिया जा सकता है हिबिस्कस (Hibiscus Sinensis)

इसे ताज़े रस के रूप में लिया जा सकता है। इसके अलावा, हिबिस्कस सिरप, हिबिस्कस चाय, हिबिस्कस कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है।
कैसे लें हिबिस्कस के फूल
गुड़हल का रस लेने के लिए एक पैन में 2 ग्लास पानी डालें।
इसमें 4 टेबलस्पून गुड़हल के फूल डाल दें। इसके स्थान पर इसके 1 टेबलस्पून पाउडर का भी प्रयोग कर सकती हैं।
धीमी आंच पर उबाल आने दें। इसे15-20 मिनट तक पकाएं।
उतारने के बाद इसमें 1-2 टीस्पून शहद डालें।

हिबिस्कस सिरप, हिबिस्कस चाय, हिबिस्कस कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है। चित्र : शटर स्टॉक

अच्छी तरह मिला लें।
आपका जूस तैयार है।
छान कर और ठंडा कर खुद भी पीयें और परिवार को भी पिलायें।
यदि आप डायबिटीज पेशेंट हैं तो शहद नहीं डालें।
चाय के लिए गुड़हल के पत्तों को पानी के साथ उबाल लें।
छान कर शहद मिलाकर गुड़हल की चाय पी सकती हैं।
यदि आपको खूनी बवासीर है, तो दिन में एक या दो बार इसे ले सकती हैं। रात में सोने से पहले भी इसे लिया जा सकता है।

अंत में

गुड़हल ब्लड शुगर लेवल घटा देता है। इसलिए जिन लोगों को शुगर लेवल घटने की समस्या है, डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही लें। यदि आपको गुड़हल से एलर्जी है, तो इसकी चाय या जूस का सेवन नहीं करें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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