सर्दियों के मौसम में पेट फूलना या ब्लोटिंग की समस्या होना बहुत आम बात है। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि सर्दियों के दौरान आपका पेट कई बार फूलने लगता है। ऐसा सुबह के समय ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन जो लोग पाचन संबंधी समस्याओं के शिकार हैं उनके लिए यह काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। वे लोग अगर ऐसे में कुछ तला-भुना या मसालेदार भोजन खा लेते हैं, तो उन्हें पेट में गैस या एसिडिटी (Acidity) और अपच (Indigestion) की समस्या हो जाती है। इसलिए हमें इन दिनों अपने खानपान का अधिक ध्यान रखने की जरूरत है।
सर्दियों के मौसम में हमारा पाचनतंत्र बहुत धीरे काम करता है। इसलिए इन दिनों हमारे शरीर को भोजन को आसानी से पचा पाने में दिक्कत होती है। इसलिए सर्दियों में पेट में गैस, पेट में भारीपन, पेट फूलने की समस्या काफी बढ़ जाती है। जिसके चलते आप काफी आलसी महसूस करती हैं। कई बार यह समस्या बढ़ने पर आपको लोगों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ता है। हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो पेट फूलने की समस्या का बड़ा कारण हो सकते हैं और जिनका इन दिनों आपको सेवन करने से बचना चाहिए।
डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर और दही कैल्शियम और प्रोटीन के बहुत ही अच्छे स्रोत होते हैं। लेकिन कुछ लोगों में लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) हो सकती है। जिसका अर्थ है कि उनका शरीर दूध के उत्पादों में से लैक्टोज (lactose) और शुगर (sugar) को अलग करने में असमर्थ है।
यूरोपियन रिव्यू फॉर मेडिकल एंड फार्माकोलोजिकल साइंस (the European Review for Medical and Pharmacological Sciences) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 75 प्रतिशत आबादी अपने जीवनकाल के दौरान लैक्टोज (lactose) को पचाने की क्षमता खो सकती है, अगर लोगों में लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) की समस्या है। ऐसे में दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन करने से पेट फूलना, सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त होने की संभावना होती है।
आप इसकी जगह लैक्टोज-फ्री दूध (lactose-free milk), बादाम का दूध (almond milk), सोया दूध (soy milk), चावल का दूध (rice milk) और फ्लैक्स मिल्क (flax milk) का सेवन कर सकती हैं।
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बीन्स (Beans) प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, और विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। बीन्स (Beans) पेट फूलने का मुख्य कारण हो सकते है क्योंकि इनमें उच्च फाइबर सामग्री (high fiber content ) होती है साथ ही इसमें ऑलिगोसेकेराइड (oligosaccharides) होते हैं। यह ऐसी शुगर होती है जिसे शरीर के लिए तोड़ पाना मुश्किल होता है। आप इसकी जगह ऐसे विकल्प को चुन सकती हैं जो पचने में आसान होते हैं जैसे- एडजुकी (adzuki) और मूंग बीन्स (mung beans)। साथ ही क्विनोआ (Quinoa), अनाज (grains) और मसूर की दाल (lentils) का भी सेवन कर सकती हैं।
एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन प्रतिभागियों नें 8-12 सप्ताह तक रोजाना बीन्स (Beans) का सेवन किया। उस अवधि में उनके पाचन लक्षणों में कमी देखी गई।
पत्तेदार सब्जियों में फूलगोभी (cauliflower), ब्रोकोली (broccoli), गोभी (cabbage), ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels sprouts), गार्डन क्रेस (garden cress), और कई अन्य सब्जियां भी शामिल हैं। ये बहुत हेल्दी फूड्स हैं, क्योंकि इनमें विटामिन-सी और के, फाइबर और पोटेशियम सहित कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। हालांकि वे पेट फूलना, सूजन सहित कुछ अवांछनीय पाचन संबंधी लक्षणों का कारण बन सकते हैं।
आप इनकी जगह पालक (spinach), तुरई (zucchini), शकरगंद (sweet potatoes), एस्परैगस (asparagus), गाजर (carrots), अदरक (ginger), अजवायन (celery) को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। क्योंकि यह पचने में आसान होते हैं और पेट संबंधी समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
गेहूं में ग्लूटेन नाम का एक प्रोटीन होता है, जो कुछ लोगों के लिए सूजन, गैस, पेट दर्द और दस्त का कारण बन सकता है। ब्रेड, पास्ता और कई पके हुए पदार्थों में ग्लूटेन होता है। ग्लूटेन की संवेदनशीलता सेलिएक रोग (celiac disease,) की स्थिति का कारण बन सकती है। जिससे अमेरिकन आबादी के लगभग 1 प्रतिशत लोग प्रभावित हैं। वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (World Journal of Gastroenterology) की रिपोर्ट के अनुसार, गैर-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता (Non-celiac gluten sensitivity) 6 प्रतिशत तक लोगों को प्रभावित कर सकती है।
आपके इसकी जगह गेंहूं के ऐसे विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं जिससे पेट फूलने की समस्या नहीं होती है। जैसे- ऑट्स (pure oats), बकव्हीट (buckwheat) या वाइल्ड राइस (wild rice), बादाम और नारियल का आटा और क्विनोआ (Quinoa)।
प्याज में फ्रुक्टेन (fructans) होते हैं, यह घुलनशील फाइबर होते हैं जिसका कारण पेट फूलने की समस्या हो सकती है। साथ ही लहसुन (garlic), लीक (leek), एगेव (agave), गेंहूं (wheat) और अन्य गैस उत्पादक फूड्स (gas-producing foods) में भी फ्रूक्टेन पाया जाता है। यहां तक की लहसुन और प्याज का कम मात्रा में सेवन करने पर भी यह पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। कुछ लोगों को लहसुन या प्याज से एलर्जी हो सकती है, जिसके सेवन के बाद उनमें सूजन, पेट फूलना और गैस होने की संभावना बढ़ जाती है।
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आप प्याज के लिए अजवाइन, कोलार्ड साग (collard greens), लीक (leeks) और सौंफ़ का विकल्प चुन सकती हैं। लहसुन के विकल्प में मसाले और तुलसी जैसे अन्य मसाले और जड़ी बूटियों को भी शामिल किया जा सकता है।
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