आपने सुना होगा कि ज्यादा शुगर इन्टेक कैंसर को बढ़ावा देता है और हमें चीनी युक्त सभी खाद्य और पेय पदार्थों से बचना चाहिए। हालांकि यह कुछ अर्थों में सच हो सकता है और हमें पता होना चाहिए कि हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका ऊर्जा के लिए ग्लूकोज के रूप में रक्त शर्करा का उपयोग करती है। हालांकि, कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं की तुलना में लगभग 200 गुना अधिक उपयोग करती हैं। ऐसे ट्यूमर जो पतले होने लगते हैं, ऐसे में ग्लूकोज उनके विकास को और तेज़ कर देता हैं।
चीनी हमारे शरीर में हमारे आहार से आती है। मेरा मतलब सिर्फ चॉकलेट या डेजर्ट नहीं है। ये निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में भी पाई जाती है:
ऐसे फल जिनमें फ्रुक्टोस (Fructose) होता है
सब्जियों में ग्लूकोस (Glucose) होता है
डेरी प्रोडक्ट्स में लैक्टोस (Lactose) होता है
कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) जैसे चावल, ब्रेड, पास्ता आदि
आप देख सकते हैं कि एक स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करने से आपका फ़ूड इन्टेक कितना कम हो जाएगा और आपके शरीर में ज़रूरी मात्र में न्यूट्रीएंट्स भी नही पहुंच पाएंगे। इसके साथ ही रिस्ट्रिक्टेड डाइट का पालन करने से आपको और ज्यादा स्ट्रेस हो सकता है। जिसकी वजह से अन्य कई प्रकार की बीमारियां खड़ी हो सकती हैं।
जबकि कई फलों में चीनी की मात्रा अधिक होती है और वे पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। जो कैंसर के खतरे को कम करते हैं। लोग अक्सर चीनी के कारण दूध को डाइट से बाहर कर देते हैं। हालांकि, दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जिसे कैंसर से बचाव हो सकता है।
इसके अलावा यह कैल्शियम में भी समृद्ध है। आपको अन्य खाद्य पदार्थों जैसे कैंडी, कुकीज़, चॉकलेट या केक के पोषक तत्वों को दूध से कम्पेयर नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनमें चीनी की मात्रा कई आधिक होती है और ज़रूरी पोषक तत्व कम।
ऐसे शोध हुए हैं, जो बताते हैं कि अधिक चीनी के सेवन से कैंसर का खतरा नहीं बढ़ाता है, लेकिन कैंसर का खतरा इस बात से जुड़ा हुआ है कि हमारा शरीर किस तरह से चीनी के प्रति काम करता है। यदि हम चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं और यदि हम इन्सुलिन रेसिस्टेंट हैं तो शरीर में चीनी की मात्रा में भारी वृद्धि होती है।
यही आगे जाकर कैंसर सेल्स को बढ़ाता है। अगर ब्लड शुगर लेवल अच्छे से कंट्रोल होता है तो कम IGF रिलीज़ होते हैं जिससे कैंसर सेल्स की ग्रोथ कम हो जाएगी।
हमें शुगर लेवल में स्पाइक से बचना चाहिए। जिसके लिए हमें चीनी छोड़ने की बिल्कुल ज़रुरत नहीं है, बल्कि सही मात्रा में पोषक आहार चुनने की ज़रुरत है, जिसमें सही मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और फैट मौजूद हों।
खाद्य पदार्थों का चयन करते समय हमें समझदार होने की आवश्यकता है। जैसे, आलू के चिप्स के एक पैकेट का सेवन करने के बजाय, हम साधारण नट्स और ड्राई फ्रूट्स खाना पसंद कर सकते हैं। हमें हमेशा मीठा पेय और अधिक मात्रा में डेजर्ट खाने से बचना चाहिए। इससे वजन भी नही बढेगा और कैंसर का जोखिम भी कम हो जाएगा। ऐसा करने से आप और ढ़ेरों बीमारियों से बचे रहेंगे।
हमें साधारण शर्करा और परिष्कृत अनाज को सीमित करना चाहिए। इनमें कैंडी, केक, कुकीज, और पाईज़ शामिल हैं। इसके अलावा, हमें शर्करा वाले पेय का सेवन समाप्त करना चाहिए, जिसमें पैक फलों का रस, एनर्जी ड्रिंक्स और शीतल पेय शामिल हैं। फलों या सब्जियों को स्थान दें। इनमे कई विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, फाइटोकेमिकल्स और फाइबर होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
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