लॉकडाउन खत्म होने के साथ अनलॉक 1.0 में लोगों की आवाजाही धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। लोग बाहर निकलने लगे हैं, कुछ ने ऑफिस जाना शुरू कर दिया है। पर अगर आपको इस दौरान लंबी यात्रा करनी पड़ती है, तो स्वभाविक है कि आपको इस दौरान नेचर्स कॉल आ सकती है। ऐसे में सिवाय पब्लिक टॉयलेट यूज करने के आपके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होता।
पर क्या कोविड-19 महामारी के समय में पब्लिक टॉयलेट यूज करना सेफ है? पब्लिक टॉयलेट ही नहीं, यही सवाल आपके वर्कप्लेस के टॉयलेट के यूज पर भी उठता है। कि क्या आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए?
आज दुनिया भर के ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल है। वे जानना चाहते हैं कि क्या कोरोना वायरस एक ही बाथरूम का इस्तेामाल करने से भी फैल सकता है? इस संदर्भ में एक शोध किया गया। इसमें जो निष्कर्ष निकल कर सामने आए, वे आपको जानने चाहिए।
अध्ययन में सामने आया कि जब आप टॉयलेट को फ्लश करते हैं, तो वह एरोसोल की बूंदों का एक क्लाउड बना सकता है, जो लगभग तीन फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इन्हीं बूंदों में अगर संक्रामक कण हैं, तो आप भी इस वायरस की शिकार हो सकती हैं। यह कण घंटों तक हवा में मौजूद रहते हैं और इनके संपर्क में आने पर आप भी इन्हें ग्रहण कर सकती हैं।
ऐसे में कोरोनावायरस के फेफड़ों और ऊपरी श्वसन पथ की कोशिकाओं में शामिल होने के साथ ही उनके छोटी आंत में पहुंचने का जोखिम भी बढ़ जाता है। जो अंततः सीओवीआईडी -19 (Covid-19) के अन्य सामान्य लक्षणों के साथ-साथ मतली, उल्टी और दस्त का कारण बनता है। हालांकि अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया जा सका है, जो यह बताए कि एरोसोल में मौजूद वायरस कितना संक्रामक हो सकता है। फिर भी सुरक्षा के लिहाज से आपको इस स्थिति से बचना चाहिए।
नेचर्स कॉल किसी को भी, कभी भी आ सकती है। इसे रोक कर रखना आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। खासतौर से जब आप अपने वर्कप्ले स पर हैं तो इस लंबी अवधि में आपको कई बार सामुहिक शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है।
प्रेगनेंसी, डायबिटीज आदि वे स्पेशल मेडिकल कंडीशन्स हैं जब आपको लगभग हर घंटे टॉयलेट जाने की जरूरत पड़ती है। तो यह जरूरी है कि इन स्थितियों में आप कुछ खास सावधानियों का पालन करें :
यह आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय भी मास्क को पहने रखें। जब आप शौचालय में दाखिल होती हैं, टॉयलेट सीट का इस्तेसमाल करती हैं और वापस निकल कर हाथ धोती हैं, तब तक मास्कॉ आपके चेहरे और नाक को पूरी तरह ढके हुए होना चाहिए।
यह जरूरी है कि आप टॉयलेट की दीवारों आदि को न छूएं। टॉयलेट केबिन का दरवाजा खोलते समय टिश्यू पेपर से हैंडल को पकड़ें और यही तरीका सीट कवर को हटाते समय भी अपनाएं।
अपनी और दूसरों की सुविधा के लिए यह जरूरी है कि आप टॉयलेट सीट का ढक्कन ढककर ही फ्लश चलाएं। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में यह पाया कि जब आप फ्लश करती हैं, तो वहां एक भंवर जैसा बनता है, जो पानी में फोर्स को बढ़ाता है और इससे निर्मित दबाव संक्रामक बूंदों को ज्यादा तीव्रता से ऊपर की ओर धकेलता है।
इसलिए यह जरूरी है कि आप ढक्कन को ढककर ही फ्लश चलाएं, जिससे वे बूंदे बाहर की तरफ न आएं। यह प्रक्रिया टॉयलेट इस्तेेमाल करने से पहले और बाद में, दोनों बार अपनाएं।
अगर संभव हो तो सीट पर बैठने से पहले टॉयलेट पेपर पर सेनिटाइजर स्प्रे करके सीट को उससे पोंछें। यह आपके लिए संक्रमण के जोखिम को और कम कर देता है।
कोशिश करें कि बाथरूम में भी सामाजिक दूरी का पालन करें। हालांकि पब्लिक टॉयलेट में इसे फॉलो कर पाना थोड़ा मुश्किल है। पर शौचालय के भीतर खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने से बेहतर है कि आप बाहर खड़ी होकर प्रतीक्षा करें। यह आपको सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने में मदद करेगा।
आप घर से बाहर निकल रहीं हैं और जानती हैं कि आपको लौटने में काफी समय लग सकता है, तो अपने सेफ्टी गियर अपने साथ रखें। इनमें मास्क तो है ही, इसके साथ डिस्पोजेबल ग्लेव्स, हैंड सेनिटाइज़र, सीट सेनिटाइज़र और टिश्यू पेपर का एक पैकेट भी अपने साथ रखें।
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