क्या मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में बांझपन का खतरा अधिक होता है? जानिए विशेषज्ञ की राय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अनुसार, मोटापे (obesity) को एक पुरानी बीमारी माना जाता है। यदि आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 kg/m2 या इससे अधिक है, तो आप अधिक वजन की श्रेणी में आते हैं। जबकि 30 से अधिक होने पर इसे मोटापा (Obesity) कहा जाता है।
भारत में मोटापे की संभावना 40 प्रतिशत तक है। यह देश के दक्षिणी भाग में सबसे अधिक और पूर्व में सबसे कम है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह अधिक है। ग्रामीण इलाकों (rural setting) की तुलना में शहरी सेटिंग्स (urban setting) में अधिक देखा जाता है।
इसके अलावा, यह उन लोगों में अधिक देखा जाता है, जो शिक्षित हैं, जिनकी उम्र बढ़ रही है और जो गतिहीन जीवन शैली (inactive lifestyle) का हिस्सा हैं। यह शारीरिक गतिविधि की कमी के साथ-साथ गलत खाने के पैटर्न (bad eating habits) और आदतों के कारण भी हो सकता है। तनाव (stress) भी मोटापे में योगदान देता है।
अधिक वजन (obesity) कई स्वास्थ्य जोखिमों की ओर ले जाता है और प्रजनन क्षमता (fertility) पर बहुत प्रभाव डालता है।
यहां हैं मोटापे के प्रजनन स्वास्थ्य जोखिम
मोटापा इन जोखिमों का कारण बन सकता है:
- अनियमित मासिक धर्म (periods)
- अंडों के विकास में रुकावट
- फर्टिलाइज़ेशन (fertilisation) में दिक्कत
- भ्रूण की वृद्धि में परेशानी
- गर्भपात (miscarriage) का खतरा
- गर्भावस्था के दौरान मातृ और भ्रूण संबंधी जटिलताएं
अधिक वजन और पेट की चर्बी जितनी अधिक होगी, गर्भधारण करने में कठिनाई उतनी ही अधिक होगी। वसा कोशिकाओं द्वारा उत्पादित लेप्टिन (leptin) हार्मोन मोटापे से ग्रस्त महिलाओं (obesity in women) में अधिक होता है। लेप्टिन का बढ़ा हुआ स्तर प्रजनन क्षमता (infertility) को कमजोर कर देता है।
27 से अधिक बीएमआई (BMI) वाली महिलाओं को अन्य महिलाओं की तुलना में गर्भधारण करने में तीन गुना अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
पेट की चर्बी जितनी अधिक होगी, इंसुलिन (insulin) प्रतिरोध उतना ही अधिक होगा। इसका मतलब है कि रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य रखने के लिए शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन करेगा। हाई इंसुलिन प्रतिरोध और मोटापा एंड्रोजन (estrogen) हार्मोन में वृद्धि का कारण बन सकता है।
मोटापे से उत्पन्न होने वाली समस्याएं
1. अनियमित मासिक धर्म चक्र
ऐसे मामलों में, मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) छोटा हो सकता है। साथ ही, कम प्रवाह, विलंबित चक्र, भारी प्रवाह और अनियमित माहवारी भी हो सकती है। मोटापे के परिणामस्वरूप एमेनोरिया (amenorrhea) भी हो सकता है। यह मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव न होने की स्थिति को कहा जाता है।
2. पीसीओडी (PCOD) की समस्या को बढ़ा देता है
पीसीओडी (PCOD) एक हार्मोनल विकार है, जिसमें चक्र अनियमित होते हैं, अंडे का निर्माण अनियमित हो जाता है, और गर्भाधान मुश्किल हो जाता है। मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है और हार्मोनल गड़बड़ी को और बढ़ा देता है।
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कस्टमाइज़ करें3. ओव्यूलेशन (ovulation) संबंधी दिक्कतों को बढ़ाता है
फोलिकुलोजेनेसिस (folliculogenesis) या अंडे का निर्माण भी हार्मोनल गड़बड़ी के कारण प्रभावित हो सकता है। इस प्रकार गर्भावस्था के आरोपण और रखरखाव की संभावना कम हो जाती है। यह जारी किए गए अंडों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है, जिससे फर्टिलाइज़ेशन (fertilisation) की संभावना कम हो जाती है।
4. गर्भपात (miscarriage) का खतरा बढ़ जाता है
उच्च इंसुलिन प्रतिरोध, हाइपरएंड्रोजेनिक (hyperandrogenic) अवस्था और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) हार्मोन की कमी के कारण मोटापे से जुड़े गर्भपात का एक उच्च जोखिम है।
5. एआरटी (ART) परिणाम कम कर देता है
यह सहायक प्रजनन तकनीकों (एआरटी) के परिणाम को भी कम करता है और मातृ एवं भ्रूण संबंधी जटिलताओं को बढ़ाता है। यह कई अंडों का उत्पादन करने के लिए अंडाशय की उत्तेजना पर हानिकारक प्रभाव डालता है। अन्य महिलाओं की तुलना में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को हार्मोन की उच्च खुराक और उत्तेजना के लिए अधिक दिनों की आवश्यकता होती है।
अंडों की गुणवत्ता भी कमजोर हो सकती है। यह एंडोमेट्रियम (endometrium) के विकास और इसकी ग्रहणशीलता को भी प्रभावित करता है। सामान्य बीएमआई (BMI) वाली महिलाओं की तुलना में अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए बच्चों को जन्म देने की संभावना कम होती है।
इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है?
जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है। शरीर के वजन का 7% वजन कम होना, प्रति सप्ताह कम से कम 5 दिन (औसतन) 60 मिनट के लिए मध्यम तीव्रता (medium intensity workout) का नियमित अभ्यास और प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए एक स्वस्थ, संतुलित आहार की सिफारिश की जाती है।
तो लेडीज, इंतज़ार किस बात का है, अपने वजन को नियंत्रित रखें और अपने जीवन को स्वस्थ बनायें।
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