एक्सपर्ट से जानिए हर साल क्यों जरूरी है बच्चों के लिए फ्लू की वैक्सीन लेना

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) की सलाह है कि 6 महीने से 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को साल में एक बार फ्लू का टीका लगाया जाना चाहिए।
bachchon ko jyada jaroori hai polio vaccine.
बच्चों को पोलियो के जोखिम से बचाने के लिए दो प्रकार की वैक्सीन प्रयोग में लाई जा रही हैं। चित्र: शटरस्टॉक
Dr. L. N. Taneja Published: 29 Nov 2022, 02:30 pm IST
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सर्दियों में बच्चे अक्सर बहती नाक, खांसी और हल्के बुखार से परेशान हो जाते हैं। इस कारण उन्हें कई बार अपने प्ले स्कूल से छुट्टी भी करनी पड़ जाती है। माता-पिता मानकर चलते हैं कि यह आम जुकाम है और समय के साथ ठीक हो जाएगा। वे डॉक्टर के पास तभी जाते हैं, जब बुखार तेज होता है, बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है और खांसी बढ़ जाती है। इस मामले में असली खतरा यह है कि कई बार ये लक्षण सामान्य जुकाम के नहीं होते हैं। यह फ्लू भी हो सकता है।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि कहीं भी किसी अन्य संक्रमित बच्चे या वयस्क के संपर्क में आने से बच्चे फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं। सर्दियों के मौसम में तापमान में होने वाला तेज बदलाव भी वायरल के संक्रमण को बढ़ाता है और बच्चों की प्राकृतिक प्रतिरक्षा को कमजोर करता है।

बच्चाें के लिए गंभीर हो सकते हैं फ्लू के लक्षण 

कई बार फ्लू संक्रमित होना बड़ों की तुलना में बच्चों के लिए ज्यादा परेशानी वाला हो जाता है। कुछ मामलों में स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में फ्लू के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 7 गुना ज्यादा होता है। इसलिए गंभीर फ्लू के वायरस से बचकर रहना ज्यादा बुद्धिमानी की बात है।

कैसे हो सकता है फ्लू से बचाव 

फ्लू से बचाव के सबसे प्रभावी तरीकों में से है सालाना 4-इन-1 फ्लू टीकाकरण। जिसे साल भर संक्रमण का कारण बनने वाले चार आम फ्लू वायरस से बचाने के लिए विकसित किया गया है। इन्हीं में से एक है एच1एन1 वायरस, जो स्वाइन फ्लू का कारण बनता है। यही वायरस 2009 में महामारी का कारण बन गया था। बच्चों में यह न्यूमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

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बच्चों में गंभीर हो सकते हैं फ्लू के लक्षण। चित्र: शटरस्टॉक

क्यों हर साल लगवानी पड़ती है फ्लू वैक्सीन 

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) की सलाह है कि 6 महीने से 5 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को साल में एक बार फ्लू का टीका लगाया जाना चाहिए। माता-पिता अक्सर पूछते हैं कि आखिर बच्चों को हर साल टीका लगवाने की क्या जरूरत है। इसकी एक बड़ी वजह है। फ्लू के वायरस लगातार म्यूटेट होते रहते हैं और हर साल उनका नया स्ट्रेन सामने आ जाता है।

पिछले साल हुए टीकाकरण से शरीर में जो इम्यूनिटी बनी है, वह नए स्ट्रेन से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। इसीलिए डब्ल्यूएचओ अपने विश्लेषण के आधार पर हर साल सबसे ज्यादा सक्रिय वायरस स्ट्रेन की पहचान करता है और उससे बचाव के लिए टीके को नए सिरे से तैयार किया जाता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

फ्लू का टीकाकरण बच्चों को इससे बचाने का एक तरीका है, लेकिन इसके साथ ही सफाई भी बहुत महत्वपूर्ण है। किसी संक्रमित सतह को छूने और उसके बाद मुंह या नाक पर हाथ लगाने से भी बच्चे फ्लू के वायरस की चपेट में आ सकते हैं। बच्चों को थोड़े-थोड़े अंतराल पर साबुन एवं पानी से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। साथ ही उन्हें समझाना चाहिए कि बिना वजह नाक और मुंह पर हाथ न लगाएं। बच्चे जिन खिलौनों व अन्य वस्तुओं को अक्सर हाथ लगाते हैं, उन्हें साफ रखना भी आवश्यक है।

माता-पिता सर्दियां आने से पहले अपने पीडियाट्रिशियन से फ्लू के बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं। बच्चा स्वस्थ हो तो माता-पिता पर दबाव कम रहता है। साथ ही, स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर स्वस्थ वयस्क बनता है।

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Dr. L. N. Taneja is Senior Consultant Pediatrician, Max Super Specialty Hospital, Delhi ...और पढ़ें

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