मौसम में आने वाली तब्दीली के चलते हाठों का रूखापन और क्रैक्स का आना सामान्य समस्या है। मगर यह रूखापन कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि होंठों के कोनों पर दरारें पड़ने लगती हैं। इसके साथ ही होठों के आसपास लालिमा, दर्द, खुजली और जलन भी होने लगती है। अगर आप भी इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहीं हैं, तो यह सामान्य नहीं हैं। यह असल में एंगुलर चेलिटिस (Angular Cheilitis) के लक्षण हैं। जानिए क्या है यह समस्या और इससे कैसे बचा (Angular Cheilitis home remedies) जा सकता है।
मुंह के कोनों में एकत्रित होने वाला स्लाइवा इस समस्या का मुख्य कारण है। इस समस्या को एंगुलर चेलिटिस कहा जाता है। इससे राहत पाने के लिए डाइट में बदलाव लाने के अलावा कुछ होम रेमीडीज़ का भी प्रयोग किया जाता है। जानते हैं होठों के कोनों पर बनने वाले घाव को दूर करने की आसान टिप्स।
स्किन एक्सपर्ट डॉ नवराज सिंह विर्क के अनुसार होठों के दोनों ओर बनने वाले क्रेक्स को एंगुलर चेलिटिस कहा जाता है। इससे मुंह के दोनों ओर लालिमा, सूजन और पैच दिखने लगते है। अधिकतर फंगल या फिर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण यह स्थिति पैदा होने लगती है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को दर्द और सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर उपचार के लिए अच्छी प्रतिक्रिया देता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को सूजन और दर्द के अलावा ब्लीडिंग और खुजली की समस्या का सामना करना पड़ता है।
होठों के दोनों ओर लालिमा बढ़ने लगती है और त्वचा पर सूजन बढ़ जाती है।
खुजली की समस्या हर पल बनी रहती है। त्वचा पर हल्की जलन महसूस होना
मुंह के दोनों और बनने वाली दरारों में से खून आना।
त्वचा की ड्राईनेस बढ़ने लगती है, जो दरारें बनने का कारण बन जाती है।
एनआईएच के अनुसार आमतौर पर जब स्लाइवा यानि लार मुंह के कोनों में एकत्रित होने लगती है, तो उससे कॉर्नर के टिशूज में दरारें आने लगती हैं। इससे उस स्थान पर बैक्टीरिया पनपने की संभावना बढ़ने लगती है। कैंडिडा यीस्ट और स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया इस समस्या को बढ़ा देते हैं।
होठों के दोनों ओर बढ़ने वाली दरारों को दूर करने के लिए उस पर शहद को अप्लाई करें। एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुणो से भरपूर शहद को कोनों पर लगाने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है। इसे दिन से 2 से 3 बार अप्लाई करें। 10 से 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद इसे कपड़े की मदद से साफ कर लें।
कूलिंग प्रापर्टीज़ से भरपूर एलोवेरा जेल को जलन और खुजली वाले स्थान पर लगाने से तुरत राहत मिलने लगती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल त्वचा पर पनपने वाले संकमण को दूर करने में मदद करते हैं। इसके नियमित उपयोग से त्वचा मॉइश्चराइज़ रहती है और सूजन व जलन से भी बची रहती है। 30 मिनट तक क्रैक्स पर लगाए रखने के बाद त्वचा को क्लीन करें।
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कस्टमाइज़ करेंटी ट्री ऑयल में एंटी वायरल और एंटी फंगल के गुण पाए जाते हैं। इससे बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलती है। हांलाकि इसे त्वचा अप्लाई करने से हल्की जलन का एहसास होने लगता है, मगर जल्द आराम भी आने लगता है। इसे ओवरनाइट मुंह के दोनों ओर कोनों पर लगाकर रखने से आराम मिलने लगता है।
नारियल के तेल में नेचुरल माइंश्चराइजिंग एजेंट पाए जाते हैं। इससे त्वचा का रूखापन दूर होकर स्किन मुलायम और हेल्दी बनी रहती है। इसके लिए नारियल के तेल को दिन में 2 से 3 बार होठों के दोनों ओर लगाएं। इससे बैकटीरियल इंफे्क्शन की समस्या से राहत मिल जाती है।
त्वचा को मुलायम बनाने के साथ हाइड्रेट रखने के लिए खीरे के स्लाइज़ या रस का प्रयोग करें। इसे माउथ के कॉर्नर्स पर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होता है और संक्रमण से राहत मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल की मात्रा त्वचा की फ्रेशनेस को बनाए रखती है। इससे कई प्रकार की स्किन संबधी समस्याओं से राहत मिलने लगती है।
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