लंग्स शरीर के महत्वपूर्ण इंटरनल ऑर्गन में से एक है। ये रेस्पिरेटरी प्रोसेस में मदद करता है। लंग्स बॉडी में ऑक्सीजन को ट्रांसफर करता है, और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल देता है। ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के एक्सचेंज को हम रेस्पिरेशन कहते हैं। वहीं लंग्स का प्रोसेस शरीर के सभी अंगों को सही से कार्य करने में मदद करता है। इस प्रोसेस के दौरान लंग्स को तमाम तरह के टॉक्सिंस से गुजरना पड़ता है, ऐसे में लंग्स की सेहत और फंक्शन को बनाए रखने के लिए इसे डिटॉक्स करना जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है कुछ ऐसे खास टिप्स जो लंग्स को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करेंगे (tips for healthy respiratory system)।
लंग्स के फंक्शन को बूस्ट करने के लिए सबसे जरूरी है स्मोकिंग और अन्य तंबाकू प्रोडक्ट्स से परहेज रखना। सिगरेट का स्मोक एयर पासेज़ को नैरो कर देता है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है। जो जितना ज्यादा स्मोक करता है, उनमें क्रॉनिक इंफ्लेमेशन, स्वैलिंग का खतरा अधिक होता है, जिससे की लंग्स कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं लंग्स में इन्फेक्शन भी हो सकता है। इनसे परहेज कर आप अपने लंग्स को होने वाली सभी समस्याओं से प्रोटेक्ट कर सकती हैं। स्मोकिंग न करने वालों को सांसों से संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं, और न ही उनके हृदय पर किसी प्रकार का असर पड़ता है।
बाहरी हवा घर के अंदर की हवा से अधिक स्वच्छ हो सकती है, फिर भी ऐसे कई प्रदूषक हैं जो बाहरी हवा को अस्वस्थ बनाते हैं। ओजोन और पार्टिकल प्रदूषण सबसे व्यापक प्रदूषक और सबसे खतरनाक हैं। ऐसे में खुदको जितना हो सके इनसे बचाने की कोशिश करें। बाहर जानें से पहले मास्क लगाना न भूलें। साथ ही जहां ज्यादा प्रदूषण हो वहां जानें से बचें।\
सेकेंडहैंड स्मोक, होममेड केमिकल, फफूंद और रेडॉन सभी घर के अंदर की एयर क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं और आपके फेफड़ों के लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं। यदि आपको फेफड़ों की पुरानी बीमारी है, तो घर के अंदर का एयर पॉल्यूशन विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। नियमित रूप से धूल झाड़ना, एयर फिल्टर बदलना और अपने घर को धुआं मुक्त रखना आपके घर के अंदर की हवा को बेहतर बनाने में आपकी मदद करता है।
यह भी पढ़ें: आपकी गट और मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करते हैं जहरीले रसायन, जानिए कैसे करते हैं शरीर में प्रवेश
गहरी सांस लेने के कई तरीके हैं जो न केवल आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करते हैं, बल्कि तनावपूर्ण स्थितियों को प्रबंधित करने में भी आपकी सहायता कर सकते हैं। ये ब्रीदिंग तकनीक फेफड़ों की ताकत और सहनशक्ति में सुधार कर सकते हैं। वहीं ये रेस्पिरेटरी मसल्स के कार्य और स्वेच्छा से अंदर ली जाने वाली और छोड़ी गई हवा की मात्रा दोनों को बढ़ा देते हैं।
कम से कम 20 सेकंड तक अपने हाथ धोने से आपको संक्रमण से बचाव में मदद मिल सकती है। आप उन स्थितियों में बैकअप के रूप में हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग कर सकते हैं। यदि आप बीमार हैं या बार बार संक्रमित हो जाती हैं, तो हाइजीन के साथ सोशल डिस्टेंस मेंटेन करें। मास्क पहनने से आपको संक्रमण से बचाव में मदद मिलेगी।
डॉक्टर से मिलें और जरूरी जांच के तहत आप फेफड़ों के संक्रमण, कैंसर तथा अन्य किसी भी बीमारी के जोखिम का पता लगा इसे समय रहते कंट्रोल कर सकती हैं। सभी को शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए समय समय पर जांच करवाना जरूरी है।
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जिसका प्रभाव आपके समग्र शरीर को प्रोटेक्ट करता है। साथ ही ये आपके लंग्स पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे की वे स्वस्थ रहते हैं। वहीं ये आपके बॉडी टॉक्सिंस को रिमूव करने में भी मदद करता है।
यह भी पढ़ें: टैनिंग दूर कर नेचुरल पिंक ग्लो देता है टोमैटो फेशियल, फॉलो करें ये 4 स्टेप फेशियल गाइड