आजकल पार्टी, फंक्शन से लेकर सक्सेस सेलिब्रेशन तक अल्कोहल के बिना अधूरे माने जाते हैं। ऐसे में शराब की लत लगना बिल्कुल आम है। लेकिन शराब को पचा पाना सभी के वश की बात नहीं होती। जिन लोगों को शराब हजम नहीं होती, उन्हें अल्कोहल इनटोलरेंस (Alcohol intolerance) कहा जाता है। यह समस्या दिन- प्रतिदिन व्यक्ति की स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकते हैं। इसलिए इसे समय रहते नियंत्रित कर बहुत जरूरी है। आपके लिए हम यहां उन संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो साबित करते हैं कि आपको अल्कोहल इनटोलरेंस (Alcohol intolerance) है और आपको इससे दूरी बना लेनी चाहिए।
कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं होती तो सबसे पहले इसे समझना बहुत जरूरी है। तो चलिए जानते हैं, अल्कोहल इनटोलरेंस से जुड़े सभी महत्वपूर्ण फैक्ट्स।
यदि आप अल्कोहल इनटोलरेंस (Alcohol intolerance) हैं, तो शराब पीना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। अल्कोहल इनटोलरेंस में व्यक्ति कम मात्रा में शराब पीने पर भी काफी जल्दी ड्रंक हो जाता है। हालांकि, यह इसलिए होता है, क्योंकि आपका शरीर अन्य लोगों की तुलना में अल्कोहल को पचाने में असमर्थ होता है।
यह समस्या सामान्य रूप से कई लोगों में देखने को मिलती है। इसके साथ ही इस समस्या में और भी कई गंभीर लक्षण नजर आ सकते हैं, जो आगे चलकर गंभीर समस्या का भी रूप ले लेते हैं।
नाक बहना
चेहरे, गले और छाती पर लाल धब्बे पड़ना
डायरिया
हार्टबीट का बढ़ना
थकान और आलस महसूस होना
सिरदर्द
लो ब्लड प्रेशर
सांस लेने में तकलीफ होना।
ये सभी लक्षण अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग तरीके से दिखाई दे सकती हैं। जरूरी नहीं कि हर किसी में ये सभी लक्षण नजर आएं। हालांकि, ज्यादातर के चेहरे पर लाल धब्बे होना और शराब पीने के बाद बीमार महसूस करना सामान्य रूप से नजर आने वाले लक्षण हैं।
जेनेटिक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के कारण बॉडी अल्कोहल इनटोलरेंस हो सकती है। जब आप इथेनॉल से युक्त शराब का सेवन करती हैं, तो आपका लीवर इथेनॉल को एसीटैल्डिहाइड में बदल देता हैं, जो सेल्स डैमेज का कारण बन सकता है।
अल्कोहल इनटोलरेंस व्यक्ति का जेनेटिक म्यूटेशन एएलडीएच2 को इनएक्टिव कर देता है। नतीजतन, आपका शरीर एसीटैल्डिहाइड को एसिटिक एसिड में नहीं बदल सकता है। ऐसे में एसीटैल्डिहाइड आपके ब्लड और टिशू में बिल्ड होने लगता है, जिससे अल्कोहल इनटोलरेंस में नजर आने वाले लक्षण पैदा होते हैं।
यह एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसे किसी भी प्रकार से पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। वहीं इसमे नजर आने वाले सभी लक्षण काफी ज्यादा हानिकारक होते हैं। हालांकि, इससे निपटने के कुछ उपाय हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह समस्या को नियंत्रित रख सकते हैं।
इस समस्या से दूर रहने का सबसे प्रभावी उपाय है शराब के सेवन को पूरी तरह से परहेज रखना और यदि ऐसा करना आपके लिए मुश्किल है, तो साल में 2-4 बार से ज्यादा शराब न पियें।
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कस्टमाइज़ करेंयदि आप किसी प्रकार की दवाइयों का सेवन कर रही हैं, तो भूल कर भी शराब को हाथ न लगाएं। क्योंकि अल्कोहल टॉलरेंस व्यक्ति यदि दवाइयां ले रहा है और शराब पी रहा है, तो यह उनकी स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
इसके साथ ही स्मोकिंग को अवॉइड करें साथ ही साथ यदि आपको कोई सीक्रेट पास करें तो उन्हें मना करना सीखें। क्योंकि स्मोकिंग की आदत भी अल्कोहल इनटोलरेंस की स्थिति को ट्रिगर कर सकती है।
यदि आपको अल्कोहल इनटोलरेंस है तो जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी शराब का सेवन करना छोड़ दें, अन्यथा लाइफ लॉन्ग हेल्थ कंडीशन्स का सामना करना पड़ सकता है। इनमें शामिल हैं –
पेनक्रिएटिक डिजीज
लीवर डिजीज
अल्जाइमर
कैंसर
हाई ब्लड प्रेशर
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