तापमान में गिरावट से अक्सर नाक बहने लगती है। क्या यह हम में से अधिकांश लोगों की सच्चाई नहीं है? जितना तापमान कम होगा, उतना ही यह आपके श्वास तंत्र को प्रभावित करेगा।
क्या आप जानते हैं कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, जुखाम और सर्दी बीमार पड़ने की सबसे बड़ी वजह है, जो लोगों के काम को प्रभावित करता है।
लेकिन बीमार पड़ने से बचने के लिए, आपको इसका कारण जानने की जरूरत है। इसमें गहराई से जानने के लिए हम मेडो में आंतरिक चिकित्सा सलाहकार और सह-संस्थापक डॉ नवीन निश्चल से संपर्क किया।
डॉ. निश्चल कहते हैं : –
डॉ निश्चल कहते हैं। सबसे पहले तो ठंडी और शुष्क हवा हमारे श्वसन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है और इसे अधिक कमजोर बना देती है। ठंडी हवा रेस्पिरेट्री ट्रैक के अंदरूनी संतुलन में दिक्कत पैदा कर सकती है। इसके अलावा, शुष्क और ठंडी हवा वायु मार्ग यानी रेस्पिरेट्री ट्रैक की प्राकृतिक सफाई को प्रभावित करती है, जिससे स्थिति और खराब हो जाती है।
वह कहते हैं, “हमारी श्वास नली के इर्द गिर्द एक विशेष परत होती है जिसे म्यूकोसा कहते हैं। यह परत अत्यधिक रूप से ठंडी हवा के प्रति संवेदनशील है, खासकर जब मौसम बदल रहा हो। जब लोग शारीरिक तौर पर इसके आदी नहीं हुए होते हैं, तो बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। लोगों को ठंडी हवा के आदी होने में कुछ दिन लगते हैं।”
यह हर वायरस की प्रकृति है – जिसमें फ्लू वायरस भी शामिल है। जब मौसम ठंडा होता है तो अधिक समय तक जीवित रहता है। यह, स्वाभाविक रूप से, सर्दियों के समय सबसे अधिक सक्रिय होते हैं।
सर्दियों के मौसम के दौरान एक और समस्या है कम नमी। वायरस के ऊपर आमतौर पर नमी की एक परत होती है। लेकिन जब हवा में नमी कम होती है, तो यह परत खत्म हो जाती है और वायरस का संक्रमण आसान बना देती है।
बेशक, हमारे देश में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। ठंडी हवा, गर्म हवा की तुलना में घनी और भारी होती है। इसलिए यह पृथ्वी की सतह के और करीब रहती है। प्रदूषक और अन्य जहरीले पदार्थ हवा की इस ठंडी सघनता की परत में फंस जाते हैं। अब चूंकि यह हमारे करीब होती है, जिससे संक्रमण होता है और प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है।
जब बारिश होती है तो हवा में धूल और टॉक्सिन्स जम जाते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, सर्दियों के मौसम में बारिश बहुत कम या नहीं होती। जिसके कारण ये वायरस हवा में रहते हैं और संक्रमण का कारण बनते है।
जब मौसम ठंडा होता है, तो लोग घर मे रहना पसंद करते हैं। उनके एसी-वेंटिलेशन कार्यालयों या घर पर संक्रमण आसानी से फैल सकता है। इसलिए, अगर एक संक्रमित व्यक्ति लोगों के साथ एक कमरे में चलता है, तो संक्रमण फैलने की अधिक संभावना है।
वे कहते हैं, “जब तापमान कम होता है, तो हम छोटे और बंद स्थानों में रहना पसंद करते हैं। हम सर्दियों की शुरुआत में भी गर्मियों के कपड़े पहने रहते हैं और इस बात को नहीं समझते हैं कि सर्दियां आ रही हैं। इन दोनों आदतों के कारण जल्दी संक्रमण फैलता है।”
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सर्दियों में कुछ क्षेत्रों में सूरज की रोशनी कम या लगभग शून्य होती है। इसके कारण हमारा शरीर विटामिन डी को एकत्र करने में सक्षम नहीं होता है, जो हमारी इम्युनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसलिए, हम आसानी से संक्रमण से ग्रस्त हो जाते है।
अब आप जानते हैं कि क्यों सर्दी के महीने संक्रमण के लिए आसान होते हैं, खासकर जुकाम, सर्दी और फ्लू के लिए। इसलिए सही कपड़े पहनें और वायरस और एलर्जी से बचाव के लिए अपने विटामिन और मिनरल्स का सेवन करें।
अगर आपको खांसी या सर्दी महसूस हो रही है, तो एक ओटीसी इलाज पर भरोसा करें, जैसे कि हमदर्द जोशीना जो तुलसी, मुलेठी, उन्नाब, अमलतास और सपिस्तान जैसी 7 जड़ी-बूटियों के साथ आपको आवश्यक सुरक्षा प्रदान करता है। यह आपको सर्दी में होने वाले संक्रमण से बचाता है।