जैसे ही आप प्रेगनेंसी कन्फर्म होने के बाद अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलती हैं, वह कैल्शियम के साथ एक खास पोषक तत्व की दवाएं आपके लिए लिख देती हैं। प्रेगनेंसी में यह अत्यावश्यक पोषक तत्व है फोलिक एसिड। फोलिक एसिड वास्तव में बेबी की ब्रेन ग्रोथ के लिए जरूरी पोषक तत्व है। ज्यादातर भारतीय महिलाओं में इसकी कमी पाई जाती है। इसलिए प्रेगनेंसी कन्फर्म होते ही इसे शुरू करना होता है। पर इन गोलियों के अलावा कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं, जिन्हें आहार में शामिल कर आप फोलिक एसिड की प्राप्ति कर सकती हैं। यहां हम इन्हीं फोलिक एसिड रिच फूड्स (Folic acid rich foods) के बारे में बताने जा रहे हैं। पर उससे पहले समझ लेते हैं फोलिक एसिड फूड्स की जरूरत के बारे में।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, ICMR की फरवरी 2024 में एक रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 50 % महिलाएं हाई रिस्क प्रेगनेंसी के खतरों से गुजरती हैं। रिपोर्ट 24000 प्रेगनेंट महिलाओ पर की गई स्टडी पर आधारित थी। हम इस रिपोर्ट की बात इसलिए कर रहे हैं कि क्योंकि ये रिपोर्ट बताती है कि भारत में प्रेगनेंसी से जुड़े हुए खतरे किस स्तर पर हैं।
इसके अलावा जन्मे बच्चे के स्वास्थ्य के खतरे भी बड़े पैमाने हैं। जैसे बच्चे का किसी न्यूरो प्रॉब्लम से गुजरना या फिर उन्हें शारीरिक तौर पर कोई मुश्किल होना। आज हम एक ऐसे एलीमेंट के बारे में बात करने वाले हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को इन समस्याओं से बचा सकता है। उसका नाम है – फॉलिक एसिड। फॉलिक एसिड दरअसल विटामिन बी का ही एक रूप है जो नसों के विकास में, दिमागी विकास में और जरूरी पोषण देने के मामले में जरूरी भूमिका निभाता है।
भारत में न्यूरल ट्यूब डिफ़ेक्ट (NTD) के आँकड़े थोड़े परेशान करने वाले हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रति 1000 बच्चों में न्यूरल ट्यूब डिफ़ेक्ट से प्रभावित बच्चों का औसत 0.5 से 11 तक है। यानी 1000 बच्चों में से 11 बच्चे इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं। न्यूरल ट्यूब डिफ़ेक्ट से पीड़ित बच्चों के दिमाग के नसों में समस्या हो सकती है। कई बार इसके लक्षण दिमाग में छेद के तौर पर भी दिखाई देते हैं। फॉलिक एसिड (Folic acid rich foods) यहीं काम आता है। NHANES II नाम की एक संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेगनेंसी के दौरान रोजाना 400 माइक्रो ग्राम फॉलिक एसिड किसी भी तौर पर कंज़्यूम करना आपको इस समस्या से मुक्ति दिला सकता है।
डब्ल्यूएचओ कहता है कि दुनिया भर की एक तिहाई महिलाएं जिनकी उम्र 15 से 49 वर्ष है, वे खून की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं। प्रेगनेंसी के दौरान ये समस्या और बढ़ जाती है। फॉलिक एसिड (Folic acid rich foods) एनीमिया से मुक्ति दिलाने में आपकी मदद कर सकता है।
जॉन हॉपकिंस मेडिसिन नाम की एक संस्था की एक रिपोर्ट भी इसी बात की पुष्टि करती है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर प्रेगनेंट महिलाएं अपने खाने में किसी भी तरह से फॉलिक एसिड ले रही हैं तो उन्हें अनीमिया यानी खून की कमी जैसी समस्या से राहत मिलती है।
अगर आप रोजाना फॉलिक एसिड (Folic acid rich foods) खाने में ले रहे हैं तो ये आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे प्रीमैच्योर डिलीवरी के खतरे कम होते हैं और बच्चे के स्वस्थ पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट कहती है कि ऐसी महिलाएं जो फॉलिक एसिड पर्याप्त तौर पर आहार में ले रही हों, उनमें प्री टर्म डिलीवरी का खतरा 10 परसेंट कम हो जाता है।
फॉलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा गर्भ में बच्चे के विकास के लिए भी अहम भूमिका निभाती है। फॉलिक एसिड सेल्स डेवलप करने में सहायक है जो प्रेगनेंसी के दौरान और भी जरूरी हो जाता है ताकि बच्चा शारीरिक और मानसिक तौर पर विकसित हो सके। इस वजह से जन्म के बाद बच्चों में शारीरिक और मानसिक समस्या होने के चांसेस लगभग ना के बराबर होते हैं।
फॉलिक एसिड ना सिर्फ बच्चे के विकास के लिए बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी होता है। प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाएं चिड़चिड़ापन और मानसिक थकान जैसी समस्याओं से गुजरती हैं। इसे कम करने में फॉलिक एसिड अच्छा और जरूरी रोल निभाता है। इसके अलावा ये महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में भी राहत देता है।
एम्स पटना में गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर मुक्ता अग्रवाल के अनुसार, जब भी प्रेगनेंसी का पता चल जाए, तभी से फॉलिक एसिड से भरपूर खाने की चीजें खाने में शामिल करनी शुरू कर देनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे का डेवलप होना उसी वक्त शुरू हो जाता है।
चूंकि सबसे पहले दिमाग डेवलप होना शुरू होता है और फॉलिक एसिड बच्चे के दिमाग के सेल्स और नर्व डेवलप करने के लिए जरूरी है इसलिए इसमें देरी नहीं करनी चाहिए।
यह जरूर ध्यान रखिए कि इसे एक तय मात्रा में ही लेना है। इसे मिशन नहीं बना लेना है कि केवल वही पदार्थ खाने लगिए जिसमें फॉलिक एसिड हो। इसके अलावा भी आपको बाकी चीजें नॉर्मली खाते-पीते रहनी है।
कुछ फल जैसे संतरा, केला, एवोकाडो (बटर फ्रूट) और नींबू फॉलिक एसिड से भरपूर होते हैं। इन फलों को खाने में शामिल कर के आप आसानी से फॉलिक एसिड की जरूरी क्वान्टिटी पा सकती हैं।
पालक, मेथी, सरसों के पत्ते, और शलगम के पत्ते जैसी सब्जियों में बहुत फोलिक एसिड होता है। इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
मसूर दाल, मूंग दाल, चना, राजमा जैसी दाल फॉलिक एसिड की अच्छी सोर्स हैं। प्रेगनेंसी के दौरान इन्हें डाइट में शामिल करने में कोताही ना करें।
अखरोट, बादाम, मूंगफली, पिस्ता जैसे सूखे फलों में फॉलिक एसिड अच्छी मात्रा में होता है। स्नैक्स के तौर पर इन्हें खा कर आप फॉलिक एसिड पर्याप्त मात्रा में पा सकते हैं।
ब्राउन राइस, ओट्स, और साबुत गेहूं जैसी चीजें भी फोलिक एसिड से भरपूर होती हैं। इनको खाने के तौर पर लेने से शरीर में कभी फॉलिक एसिड की कमी नहीं होगी।
7. अंडे (Eggs)-
अंडे में भी फॉलिक एसिड होता है खासकर अंडे की जर्दी में। गर्भवती महिलाओं को ये अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
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