जीवनशैली और खान-पान ही हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं या बीमार करते हैं। इम्यून सिस्टम कमजोर होने से हमें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। बीमारियों की एक वजह सूजन, जिसे हम इन्फ्लेमेशन भी कहते हैं, जिम्मेदार है। शारीरिक सिस्टम ठीक से नहीं काम करने पर शरीर की प्रतिक्रिया सूजन के रूप में सामने आती है। अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर सूजन को प्राकृतिक तरीके से भी कम किया (5 foods to reduce inflammation naturally) जा सकता है।
जर्नल ऑफ़ एप्लाइड टोक्सिकोलोजी के अनुसार, हमारा शरीर दो तरह से प्रतिक्रिया दे सकता है। यदि शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण होता है या चोट लग जाती है, तो इससे भी सूजन हो जाती है। यह तीव्र (acute inflammation) सूजन कहलाता है, जो कुछ दिनों में ठीक हो सकता है। वहीं इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर भी कई बीमारियां हो जाती हैं। ब्लड शुगर, कैंसर, किडनी डिजीज आदि रोग जो लंबे समय तक रहते हैं। यह क्रोनिक इन्फ्लेमेशन(Chronic Inflammation) के कारण होता है। सूजन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
विटामिन सी, विटामिन बी 6, सोडियम, पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है हल्दी। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भी समृद्ध होती है। जर्नल ऑफ़ एप्लाइड टोक्सिकोलोजी के अनुसार, हल्दी में पावरफुल करक्यूमिन कंपाउंड होता है, जो एक्यूट के साथ-साथ क्रोनिक इन्फ्लेमेशन का भी इलाज करने में मदद कर सकता है। यदि आपको इन्फ्लेमेशन के कारण दर्द हो रहा है, तो करक्यूमिन दर्द से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। बाज़ार में हालांकि करक्यूमिन सप्लीमेंट भी उपलब्ध हैं। लेकिन सब्जी-दाल, सूप बनाते समय हल्दी का सही मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। यदि कहीं चोट लग गई है, तो उस स्थान पर हल्दी लगाई जा सकती है।एंटी सेप्टिक गुणों वाली हल्दी चोट को जल्दी ठीक करती है। इसके अलावा, रात में सोने से पहले भी हल्दी-दूध पिया जा सकता है।
जर्नल ऑफ़ फार्मासूटिकल रिसर्च के अनुसार दालचीनी पुराने सूजन जैसे गठिया को भी खत्म करने में मदद कर सकता है। इसमें कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम, फोस्फोरस, पोटैशियम, विटामिन ए जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद हैं। यह ब्लड में सी रिएक्टिव प्रोटीन के लेवल को घटाने में मदद कर सकता है। यह प्रोटीन इंफ्लेमेशन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
सुबह दालचीनी की चाय पीई जा सकती है। साथ ही सब्जी, दाल, नमकीन दलिया, जीरा राइस, सूप, स्टयू पकाते समय भी 1 इंच दालचीनी का प्रयोग किया जा सकता है।
बादाम एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों वाला भी है। जर्नल ऑफ़ फ़ूड कम्पोजिशन एंड ऐनालिसिस के अनुसार बादाम विटामिन ई का भी अच्छा स्रोत है। शोध से पता चलता है कि बादाम से भरपूर आहार मोनोअनसैचुरेटेड फैट, सी रिएक्टिव प्रोटीन जैसे सूजन को मार्क करने वाले योगिक को घटाते हैं। सुबह पानी में भिगोये 4-5 बादाम को खाया जा सकता है। साथ ही स्नेक्स या किसी डेजर्ट में भी प्रयोग किया जा सकता है। बादाम शेक भी लेने पर सूजन को घटाने में मदद मिल सकती है।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड कम्पोजिशन एंड ऐनालिसिस के अनुसार, ग्रीन टी में 13 तरह के एसेंशियल विटामिन पाए जाते हैं। इनमें विटामिन A, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E, विटामिन K है। विटामिन बी में थायमिन B1, राइबोफ्लेविन B2, नियासिन B3, पैंटोथेनिक एसिड B5, बायोटिन B7, फोलेट B9, पाइरोक्सिडीन B6, कोबालिन बी12 प्रमुख हैं।
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भी भरपूर है। एंटी-इंफ्लेमेटरी कम्पाउंड से भरपूर ग्रीन टी मोटापे और कैंसर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है। दूध वाली चाय की बजाय ग्रीन टी लिया जा सकता है।
लहसुन विटामिन सी, विटामिन बी6, पोटैशियम, सोडियम, मैंगनीज से भरपूर होता है। एनिमल फीड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अनुसार, लहसुन में डायलिल डाइसल्फ़ाइड प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। यह नेचुरल कंपाउंड इन्फ्लेमेशन कम करता है। सब्जी, सूप या किसी भी आहार में लहसुन को शामिल किया जा सकता है। लहसुन की 3-4 कली को सुबह खाली पेट भी खा सकती हैं।
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