गहत की दाल खाने में स्वादिष्ट और पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। इस पहाड़ी दाल में दवाओं के भी कई गुण पाए जाते हैं। जिस वजह से ये कई बीमारियों के इलाज में भी कारगर मानी जाती है। ये इन्सुलिन के रेजिस्टेंस को कम करती है। वजन को नियंत्रित करती है और लिवर के लिए भी फायदेमंद होती है।
इस दाल के बारे में एक तथ्य यह भी है कि इसमें गुर्दे की पथरी को गलाने की ताकत होती है। आयुर्वेद के अनुसार अद्भुत गुणों से भरपूर गहत(कुल्थी) में पौष्टिक तत्वों की भरमार होती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं।
कैलोरी फाइबर 321 किलो कैलोरी
प्रोटीन 22 प्रतिशत
कार्बोहाइड्रेट 57.2 प्रतिशत
कैल्शियम 287 प्रतिशत
फास्फोरस 311 एमजी
फैट 0.50 एमजी
आयरन 6.77 प्रतिशत
थियामिन 0.4 एमजी
राइबोफ्लेविन 0.2 एमजी
नियासिन 1.5 एमजी
इसके लिए आपको चाहिए
250 ग्राम गहत(कुल्थी) दाल
आधा छोटा चम्मच हल्दी
1 छोटा चम्मच जीरा
एक चुटकी हींग
नमक स्वादानुसार
3 हरी मिर्च कटी हुई
धनिया 1 छोटा चम्मच
1 टमाटर कटा हुआ
गरम मसाला 1 छोटी आधी चम्मच
2 चम्मच तेल
पानी आवश्यकतानुसार
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी ने ये पाया है कि दिन में एक बार गहत की दाल खाने से डायबिटीज से गुजर रहे लोगों को लाभ मिलता है। इस दाल को डाइट में शामिल करने से इंसुलिन कम रहता है। जिससे शुगर लेवल अचानक से बढ़ता या कम नहीं होता है। डायबिटीज के मरीज इस दाल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, लेकिन पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
पथरी में भी है फायदेमंद
गहत की दाल पथरी के लिए अत्यंत लाभकारी होती है, क्योंकि गहत की दाल में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो कैल्शियम के जमाव को कम करने में मदद करते हैं।
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