शाकाहारी महिलाओं के लिए ज्यादा हो सकता है हिप फ्रैक्चर का जोखिम, जानिए क्यों 

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि शाकाहारी महिलाओं मांस खाने वालों की तुलना में हिप फ्रैक्चर से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती हैं ।

अगर जीवन शैली में बदलाव को जीवन में पहले ही लागू किया जाए तो बोन डेंसिटी में सुधार हो जा सकता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम में कमी आ सकती है। चित्र शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Updated on: 16 Sep 2022, 10:57 am IST
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यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स, यूके के शोधकर्ताओं ने 35 से 69 वर्ष की आयु की 26,000 से अधिक महिलाओं के डेटा का अध्ययन किया। जिसे 22 साल की अवधि में एकत्र किया गया था। इस अध्ययन में सामने आया है कि शाकाहारी महिलाओं में नियमित रूप से मांस खाने वालों की तुलना में कूल्हे के टूटने (hip fracture) की संभावना एक तिहाई अधिक थी। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ डेविड गीयर जो इस शोध के सदस्य हैं, भी मानते हैं कि ये निष्कर्ष आश्चर्यजनक है।

विश्लेषण में अन्य कारकों को भी ध्यान में रखा गया है, जो हिप फ्रैक्चर के जोखिम को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें उम्र, शराब का सेवन, धूम्रपान, व्यायाम की आदतें, रजोनिवृत्ति की स्थिति और सामाजिक आर्थिक स्थिति शामिल हैं। 

2020 के एक अध्ययन से पता चला है कि मांस खाने वालों की तुलना में शाकाहारियों (पुरुषों और महिलाओं दोनों) में कूल्हे के फ्रैक्चर का 25% अधिक जोखिम था। इसी तरह, 2021 में एक अमेरिकी अध्ययन से पता चला कि मांसाहारी लोगों की तुलना में शाकाहारियों को कूल्हे के फ्रैक्चर का 17% अधिक जोखिम था।

कम हो सकता है शाकाहारियों का बीएमआई 

लीड्स विश्वविद्यालय में पोषण महामारी विज्ञान समूह के प्रमुख लेखक और स्नातकोत्तर शोधकर्ता जेम्स वेबस्टर ने बताया कि इस शाेध में सामने आया कि शाकाहारियों का बीएमआई औसतन कम था। कम वजन या अधिक वजन होने से हड्डी और मांसपेशियों का स्वास्थ्य खराब होता है। जिसके कारण कूल्हे के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। वेबस्टर ने कहा कि शाकाहारियों को भी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

पोषक तत्वों की कमी है कारण 

वेबस्टर कहते हैं, “मांस और मछली हड्डियों के स्वास्थ्य और फ्रैक्चर जोखिम को कम करने से संबंधित कई पोषक तत्वों में समृद्ध हैं। जैसे प्रोटीन, विटामिन बी 12 और डी, ओमेगा -3 फैटी एसिड, फॉस्फोरस और जिंक। हालांकि इन पोषक तत्वों में से अधिकांश को पौधों, अंडों और डेयरी उत्पादों से प्राप्त करना संभव है। इसके बावजूद शाकाहारियों में इन पोषक तत्वों की कमी देखी गई।”

Shakahari logon me omega 3 fatty acid ki kami.
शाकाहारी लोगों में ओमेगा-3 की कमी हो जाती है। चित्र : शटरस्टॉक

शोधकर्ताओं ने पाया कि शाकाहारियों ने कम प्रोटीन और विटामिन बी 12 का सेवन किया। इसलिए नियमित रूप से मांस खाने वालों की तुलना में उनमें प्रोटीन कम था।

वे आगे कहते हैं, “हालांकि यह भी स्पष्ट नहीं है कि अध्ययन में शाकाहारियों के कूल्हे के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ गया था, क्योंकि मांस खाना सुरक्षात्मक था या कोई अन्य कारक था, जैसे कि उन प्रतिभागियों के संतुलित आहार का सेवन करने की संभावना कम थी।

क्या हो सकता है हिप फ्रेक्चर से बचाव का उपाय 

जोखिम के साथ-साथ वेबस्टर बचाव के उपाय भी सुझाते हैं। वे कहते हैं, “शाकाहारियों को मांस और मछली खाना शुरू करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे पौष्टिक रूप से संतुलित आहार खा रहे हैं। आहार के साथ कई और कारक हिप फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे धूम्रपान से बचना और शराब का सेवन कम करना। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करना। प्रतिरोधक व्यायाम (जैसे भारोत्तोलन) विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह हड्डी और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है।

शाकाहारी भोजन आपके लिए अच्छा हो सकता है। लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे आपके हिप फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। संतुलित वजन बनाए रखना, संतुलित आहार खाना और सक्रिय रहना, इस जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

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