हालिया शोध बताते हैं कि नियासिन या विटामिन बी की अधिकता हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। विटामिन बी फिजिकल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी होने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसकी अधिकता भी नुकसानदेह है। विटामिन बी कई तरह के रोगों से बचाव करता है। शोध से पता चलता है कि विटामिन बी या नियासिन की बहुत अधिक मात्रा हृदय रोग में योगदान कर सकती है। जानते हैं क्या कहता ( Niacin and heart disease risk) है शोध?
हाल में नेचर मेडिसिन में विटामिन बी पर स्टडी प्रकाशित की गई। अध्ययन में पाया गया कि विटामिन बी का हाई लेवल कई तरह के हृदय रोगों का कारण बन सकता है। विटामिन बी 3 और दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य खतरनाक हृदय संबंधी घटना के विकास के जोखिम के बीच एक मजबूत संबंध ( Niacin and heart disease risk) पाया गया।
अमेरिका के नेशनल हेल्थ रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्स्ट्रा नियासिन सूजन को ट्रिगर करके सीधे हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इससे ब्लड वेसल्स की दीवारें मोटी हो सकती हैं। यह गाढ़ापन ब्लड फ्लो को प्रतिबंधित कर सकता है। यह संभावित रूप से हृदय सहित ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
नियासिन या विटामिन बी-3 अक्सर डेली मल्टीविटामिन का हिस्सा होता है। यह नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र और स्किन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ज्यादातर लोगों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से पर्याप्त नियासिन मिलता है। नियासिन से भरपूर खाद्य पदार्थों में खमीर, दूध, मांस, टॉर्टिला और अनाज शामिल हैं। नियासिन या विटामिन बी3 मांस, मछली से लेकर केले और फोर्टिफाइड ब्रेड तक कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। आटे और अनाज जैसे कुछ गरिष्ठ खाद्य पदार्थों में नियासिन मौजूद होते हैं। ज्यादातर लोगों को नियासिन सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि आहार से पर्याप्त मात्रा मिल जाती है।
शोधकर्ता ब्लड में किसी ऐसे मार्कर की तलाश करना चाहते थे, जो हृदय रोग के लिए नए जोखिम कारकों को प्रकट कर सके। इसके लिए 1,162 रोगियों के ब्लड के नमूनों का विश्लेषण किया गया। कुछ ब्लड नमूनों में 4 पीवाई (4PY-pyrophosphate) पाया गया। यह एक पदार्थ है, जो केवल अतिरिक्त नियासिन होने पर उत्पन्न होता है।
उन्होंने पाया कि जिन लोगों के ब्लड में 4पीवाई है, उनमें दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य प्रतिकूल हृदय संबंधी घटना होने की संभावना अधिक होती है। जो लोग अल्कोहल का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो उन्हें नियासिन या विटामिन बी 3 की कमी हो सकती है।
जर्नल ऑन विटामिन के शोध के अनुसार, वयस्कों के लिए नियासिन की रेकमेंड की गई मात्रा 14-18 मिलीग्राम/दिन है। हाई डोज़ नियासिन (1,500-2,000 मिलीग्राम/दिन) दिल के दौरे या स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है।नियासिन का हाई डोज (50 मिलीग्राम या अधिक) साइड इफ़ेक्ट पैदा कर सकता है।
नियासिन फ्लश भी इसके कारण होने वाला साइड इफ़ेक्ट है। यह चेहरे और छाती में जलन, झुनझुनी और रेड स्किन का कारण बन सकता है। नियासिन लेने के 30 मिनट पहले एस्पिरिन लेने से इसके लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है।
नियासिन (विटामिन बी3) की कमी से पेलाग्रा रोग हो सकता है। पेलाग्रा में ट्रिपल डी (डिजीज) यानी डर्मेटाइटिस, डिमेंशिया और डायरिया हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसके अलावा, नियासिन की कमी (Niacin and heart disease risk) जेनेटिक डिसऑर्डर, खराब अवशोषण जैसी स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।
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