आम तौर पर हम मानते हैं कि फैट हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ये वजन बढ़ाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार होते हैं। फैट कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई कर हार्ट डिजीज के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। पर फैट दो प्रकार के होते हैं। अन्हेल्दी फैट (Unhealthy Fat) और हेल्दी फैट (Healthy Fat)। संतृप्त वसा (Saturated Fat) अन्हेल्दी फैट होते हैं। ये हार्ट डिजीज के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। वहीँ असंतृप्त वसा (Unsaturated Fats) हेल्दी फैट होते हैं। ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी वसा माने जाते हैं। ये ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार कर हार्ट को स्वस्थ (Unsaturated Fat for Heart Health) रखते हैं। आइये जानते हैं यह कैसे हार्ट के लिए सुरक्षित है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, असंतृप्त वसा (Unsaturated Fat) रूम टेम्परेचर पर लिक्विड फॉर्म में होते हैं। ये सूजन को कम कर सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं। हृदय की लय (Heart Rhythms) को स्टैबिलाइज़ कर सकते हैं। असंतृप्त वसा मुख्य रूप से वनस्पति तेल, नट्स और बीजों वाले खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
असंतृप्त वसा दो प्रकार के होते हैं।
1 मोनोअनसैचुरेटेड वसा (Monounsaturated Fat)
यह उच्च सांद्रता (high concentrations) में पाए जाते हैं। जैतून के तेल (Olive Oil), मूंगफली तेल, कैनोला तेल, एवोकैडो तेल, बादाम तेल, हेज़लनट तेल इसके अंतर्गत आते हैं।
कद्दू (Pumpkin Seeds) और तिल (Sesame Seeds) के तेल भी इसके अंतर्गत हैं।
2.पॉलीअनसैचुरेटेड वसा (Polyunsaturated Fat)
यह भी उच्च सांद्रता (high concentrations) में पाए जाते हैं। ओमेगा-3 वसा पॉलीअनसेचुरेटेड फैट है, जिसे शरीर नहीं बना सकता है। इसलिए इन्हें भोजन से प्राप्त किया जाता है। सूरजमुखी, मक्का, सोयाबीन, अलसी, अखरोट और मछली भी इसके स्रोत हैं। कैनोला तेल में मोनोअनसैचुरेटेड वसा अधिक होता है, लेकिन यह पॉलीअनसेचुरेटेड वसा का भी एक अच्छा स्रोत है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के शोध निष्कर्ष बताते हैं हार्ट डिजीज होने का एक प्रमुख कारण पर्याप्त हेल्दी असंतृप्त वसा का नहीं खाना है। डेली कैलोरी इनटेक का 8-10 प्रतिशत पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होना चाहिए। संतृप्त वसा के स्थान पर अधिक पॉलीअनसैचुरेटेड वसा लेना चाहिए। डेली कैलोरी इनटेक का 15 प्रतिशत तक पॉलीअनसैचुरेटेड वसा खाने से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, डच शोधकर्ताओं ने हार्ट डिजीज वाले 60 लोगों के परीक्षणों का विश्लेषण किया। इसमें ब्लड लिपिड लेवल पर कार्बोहाइड्रेट और विभिन्न वसा के प्रभावों की जांच की गई। इन परीक्षणों में जिन लोगों ने कार्बोहाइड्रेट के स्थान पर पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसेचुरेटेड फैट लिया, उनमें हानिकारक एलडीएल का स्तर कम हुआ (Polyunsaturated Fat decrease LDL) । सुरक्षात्मक एचडीएल लेवल (Poly Unsaturated Fat Increase HDL) बढ़ा हुआ पाया गया।
हार्वर्ड हेल्थ की स्टडी बताती है कि हृदय स्वास्थ्य के लिए ऑप्टिमल मैक्रोन्यूट्रिएंट इनटेक ट्रायल (OMNI Heart) के क्लिनिकल ट्रायल से पता चला कि कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार को असंतृप्त वसा, मुख्य रूप से मोनोअनसैचुरेटेड वसा से भरपूर आहार के साथ बदला गया। इससे ब्लड प्रेशर कम हुआ। लिपिड लेवल में सुधार हुआ। बैड कोलेस्ट्रॉल में कमी देखी गयी। इस तरह से हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है।
ट्रांस फैटी एसिड, जिसे आमतौर पर ट्रांस वसा कहा जाता है। हाइड्रोजन गैस और उत्प्रेरक (Catalyst) की उपस्थिति में लिक्विड वेजिटेबल आयल को गर्म करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया को हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) कहा जाता है। ट्रांस वसा हृदय, ब्लड वेसल्स और शरीर के बाकी हिस्सों के लिए सबसे खराब वसा है। इससे खराब एलडीएल बढ़ता है और अच्छा एचडीएल कम होता है। यह सूजन पैदा करता है, जो इम्युनिटी को कमजोर करता है। इससे हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और अन्य क्रोनिक डिजीज को बढ़ाता है।
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