Korean Red Ginseng : इम्युनिटी बूस्टर कोरियन हर्ब जिनसेंग है कोरोना से बचाने में भी कारगर, जानिए इसकी खासियत

कोरियाई जड़ी-बूटियों में महत्वपूर्ण जिनसेंग का इतिहास बहुत पुराना है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आपकी इम्युनिटी बूस्ट करने वाली औषधि है। जिसका इस्तेमाल कोरोनावायरस से बचाव के लिए किया जा सकता है।
जिनसेंग रूट का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। इसे कच्चा भी खाया जा सकता है। पानी में उबाल कर इसकी चाय भी पीई जा सकती है। चित्र : पेक्सेल्स
स्मिता सिंह Published: 19 Apr 2023, 18:00 pm IST
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इन दिनों इम्यून सिस्टम के लिए जिनसेंग (Ginseng), कोरियाई रेड जिनसेंग (Korean Red Ginseng) के फायदों पर आधारित हेल्थ न्यूज़ (Health News) खूब ट्रेंड (Google Trend) कर रहे हैं। कई लेख कैंसर, न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों, इंसुलिन प्रतिरोध और उच्च रक्तचाप जैसी शारीरिक समस्याओं में जिनसेंग की भूमिका के बारे में बता रहे हैं। विशेष रूप से जिनसेंग को पक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के होमियोस्टैसिस को बनाए रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर माइक्रोबियल हमलों के प्रतिरोध को बढ़ाने के लिए सूचित किया जा रहा है। वास्तव में एशिया के कई देशों खासकर कोरिया की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में जिनसेंग का प्रयोग वर्षों से किया जाता रहा है। कई शोध भी इस ओर संकेत देते हैं कि जिनसेंग रोगों से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण करता (immunity booster Ginseng) है।

माइक्रोबियल संक्रमणों को नियंत्रित करने में प्रभावी (Microbial Infection) 

जर्नल ऑफ जिनसेंग रिसर्च के अनुसार, कोरियाई शोधकर्ताओं ने पाया कि इम्यून सिस्टम पर पैनाक्स जिनसेंग का प्रभाव बहुत अधिक होता है। यह इम्यून बूस्ट करता है। दरअसल प्रतिरक्षा प्रणाली में शरीर के विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं शामिल होती हैं जो अपने विशेष कार्यों को पूरा करती हैं। प्रत्येक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाएं अलग-अलग प्रभावित होती हैं, लेकिन जिनसेंग उपचार द्वारा इन्हें एक साथ नियंत्रित किया जा सकता है। जिनसेंग इन्फ्लेमेट्री रोगों और माइक्रोबियल संक्रमणों को नियंत्रित करने में प्रभावी पाया गया है।

सफेद जिनसेंग से तैयार होता है रेड जिनसेंग (Red Ginseng) 

जर्नल ऑफ जिनसेंग रिसर्च के अनुसार, जिनसेंग (Panax Ginseng) सबसे प्रसिद्ध प्राचीन औषधीय जड़ी-बूटियों में से एक है। इसका व्यापक रूप से विभिन्न विकारों के लिए हर्बल उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है। प्राकृतिक रूप से सूखे जिनसेंग को सफेद जिनसेंग के रूप में जाना जाता है। प्रभावकारिता, सुरक्षा और संरक्षण बढ़ाने के उद्देश्य से सुखाने से पहले ताजी जिनसेंग जड़ को भाप देकर लाल जिनसेंग तैयार किया जाता है।

इसमें विभिन्न औषधीय घटक शामिल होते हैं, जिनमें टेट्रासाइक्लिक ट्राइटरपेनॉइड सैपोनिन्स, पॉलीएसिटिलीन, पॉलीफेनोलिक कंपाउंड और एसिडिक पॉलीसेकेराइड की एक श्रृंखला शामिल है। गट मिक्रोबायोटा लाल जिनसेंग का फर्मेंटेशन कर सैपोनिन में बदल देता है, जो आसानी से अवशोषित करने योग्य यौगिक बन जाता है।

कोविड बूस्टर डोज के साथ सेवन (Covid Booster Dose) 

न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार हाल में जिनसेंग पर किये गये अध्ययन बताते हैं कि कोविड 19 (COVID-19) बूस्टर डोज़ की प्रभावशीलता भी समय के साथ घटती जाती है। घटने के साथ, प्रारंभिक संक्रमण और गंभीर बीमारी को रोकने के लिए बूस्टर डोज एक आंशिक समाधान है। समय के साथ इसका प्रभाव घटता चला जाता है।

जिनसेंग कोविड बूस्टर डोज़ के साथ भी लिया जा सकता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

स्टडी में शरीर में एंटी बॉडी बढाने के लिए जिनसेंग का प्रयोग किया गया। इसमें भाप से तैयार किया गया कोरियाई रेड जिनसेंग (Korean Red Ginseng) का प्रयोग किया गया। निष्कर्ष में पाया गया कि यह मेजबान प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सुधार करके एक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट के रूप में जरूरी भूमिका निभाता है। मानव अध्ययन और पशु पर किये गये प्रयोग बताते हैं कि रेड जिनसेंग रिकवरी दर बढ़ाने और वायरल संक्रमण से मृत्यु दर को कम करने में भी मददगार है

इन्फ्लूएंजा एंटीबॉडी गठन में सुधार कर सकता है (immunity booster Ginseng )

यह इन्फ्लूएंजा सहित अन्य संक्रमणों के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव भी बढ़ाता है। क्लिनिकल ​​रिपोर्ट में एक्यूट पल्मोनरी डिजीज में यह अनुकूल प्रभाव वाला माना गया। इसके अलावा, कुछ सबूतों ने सुझाव दिया कि केआरजी वैक्सीन की प्रभावकारिता को भी बढाने में मदद कर सकता है। अध्ययन के अनुसार रेड जिनसेंग प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों के उत्पादन को रोककर सूजन को कम करता है। यह न्यूमोकोकल टीकों के प्रभाव में भी सुधार करने में मदद करता है। इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लगने के बाद यह एंटीबॉडी गठन में सुधार करता है। यह इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से बचाव भी करता है

प्राकृतिक एंटीबायोटिक को कच्चा खाया जा सकता है (Raw ginseng) 

जिनसेंग डोज जर्नल के अनुसार, जिनसेंग में एंटी माइक्रोबियल एक्टिविटी, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाया जाता है। इसलिए यह पैथोजेन विरोधी गतिविधि और एंटी-कोरम सेंसिंग गतिविधि के कारण एंटी बैक्टीरियल चिकित्सा में मदद करता है।

जिनसेंग आपकी त्‍वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक
जिनसेंग एंटी बैक्टीरियल चिकित्सा में मदद करता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसमें मुख्य रूप से जड़ खाई जाती है। जिनसेंग रूट का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। इसे कच्चा भी खाया जा सकता है या नरम करने के लिए इसे हल्का भाप भी दिया जा सकता है। पानी में उबाल कर इसकी चाय भी पीई जा सकती है।

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