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बोन हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है एस्पिरिन का असीमित इस्तेमाल, एक्सपर्ट बता रहे हैं कैसे

स्ट्रोक और दिल के दौरे की संभावना को कम करने में मदद कर सकती है एस्पिरिन। पर कुछ विशेषज्ञ इसके सीमित इस्तेमाल की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि क्या इस दवा के कोई साइड इफेक्ट भी हैं!
एस्पिरिन की अधिक मात्रा लेने से स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 10 Jan 2023, 08:00 am IST
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हम एस्पिरिन को दवा रूप में वर्षों से लेते आये हैं। जैसे ही तेज दर्द का एहसास होता है, हम एस्पिरिन ले लेते हैं। क्योंकि यह दर्द से राहत दिलाती है। यह बुखार भी कम कर सकती है। साथ ही, ऐसे लोग जिन्हें हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम है, उनके लिए यह मददगार है। यह स्ट्रोक और दिल के दौरे की संभावना को कम कर सकती है। इतने सारे लाभों के कारण मेडिकल स्टाेर पर भी इसे बिना किसी प्रेस्क्रिप्शन के दे दिया जाता है। पर क्या आप जानती हैं कि यह आपकी बोन हेल्थ को भी प्रभावित (Aspirin and Bone health) कर सकती है। जी हां, विशेषज्ञ इसके साइड इफेक्ट के बारे में बात करते हुए इसे सेहत के लिए नुकसानदेह भी बताते हैं।

क्या है एस्पिरिन और बोन हेल्थ का कनेक्शन (Aspirin and Bone Health)

कई स्वास्थ्य समस्याओं में उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली एस्पिरिन क्या वाकई हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है? यह जानने के लिए हमने बात की पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन के हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट डॉ. आर आर दत्ता से। डॉ. आर आर दत्ता बताते हैं, ‘यह सुनने में आश्चर्यजनक लग सकता है कि एस्पिरिन से बोन हेल्थ प्रभावित होती है। लेकिन यह बोन हेल्थ के लिए लाभदायक और हानिकारक दोनों है। असल में एस्पिरिन फ्रैक्चर के जोखिम को कम कर सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह जोखिम को बढ़ा भी सकती है। एस्पिरिन हड्डी बनाने वाली अस्थि मज्जा कोशिकाओं (Bone Marrow Cell) के विकास और अस्तित्व को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। ’

एस्पिरिन (Aspirin) लेने से नहीं आई फ्रैक्चर (Fracture) की घटनाओं में कमी

डॉ. आर आर दत्ता बताते हैं, ‘यह हड्डी-क्षरण कोशिकाओं (bone-eroding cells) को उनके ट्रैक में भी रोक सकती है। इसके अलावा, एस्पिरिन हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकती है और सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ा सकती है। यह गिरने और फ्रैक्चर की घटना को रोक सकता है।  एस्पिरिन के इस्तेमाल से फ्रैक्चर का खतरा 17% तक कम हो जाता है। लेकिन ऐसा हम नहीं कह सकते हैं कि केवल एस्पिरिन लेने से गिरने और फ्रैक्चर की घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। एक अध्ययन के तहत लगभग 17,000 वरिष्ठ नागरिकों के एक ग्रुप को हर दिन एक कम खुराक वाली एस्पिरिन (100 मिलीग्राम) और दूसरे ग्रुप को एक मैचिंग प्लेसीबो (Placebo) गोली दी गई।’

फ्रैक्चर का जोखिम

अगले लगभग पांच वर्षों में उनकी फ्रैक्चर या गिरने की गंभीर घटना को दर्ज करने के लिए जांच की गई। गिरने की गंभीर घटना उसे माना गया, जिसके लिए अस्पताल या आपातकालीन विभाग जाने की जरूरत पड़ी। दोनों समूहों में गंभीर रूप से गिरने और फ्रैक्चर होने की घटना देखी गई।

एस्पिरिन बोन फ्रेक्चर को बढ़ा सकता है। चित्र शटरस्टॉक

एस्पिरिन उपयोगकर्ताओं में 8.6% और प्लेसबो उपयोगकर्ताओं में 9.5% गिरने और और फ्रैक्चर होने की घटना देखी गई। फ्रैक्चर का जोखिम एस्पिरिन और प्लेसीबो समूह दोनों के लिए समान था।

ब्लड थिनर (Blood Thinner Aspirin) भी है एस्पिरिन

एस्पिरिन का प्रयोग करने वालों में गंभीर रूप से गिरना काफी आम था। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि एस्पिरिन ब्लड को पतला कर देती है। इससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। गिरने के परिणामस्वरूप आमतौर पर थोड़ा रक्तस्राव होता है। यदि कोई व्यक्ति एस्पिरिन ले रहा है, तो चोट और ज्यादा गंभीर हो जाती है।

असल में एस्पिरिन और अन्य नॉन-स्टेरायडल एंटी इन्फ्लेमेटरी मेडिसिन पेट के अल्सर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव को भी बढ़ावा दे सकता है। एस्पिरिन की प्रतिक्रिया गंभीर हो सकती है।

एस्पिरिन ब्लड को पतला कर देती है। इससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। । चित्र : शटरस्टॉक

इनमें एलर्जी रिएक्शन और साइनसाइटिस या अस्थमा जैसे श्वसन रोगों का बढ़ना शामिल है।

ब्लड थिनर (Blood Thinner) ले रही हैं, तो एस्पिरिन लेने में बरतें सावधानी

यदि आप पहले से ही कोई अन्य ब्लड थिनर ले रही हैं या आपको हीमोफिलिया की तरह ब्लड से संबंधित विकार है, तो एस्पिरिन समस्या को बढ़ा सकता है। इससे ब्लड को पतला करने की प्रक्रिया अधिक हो सकती है। इससे रक्तस्राव अधिक हो सकता है। कई साल पहले से हृदय रोग को रोकने के लिए एस्पिरिन थेरेपी का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता रहा है। एस्पिरिन को नियमित रूप से तब तक नहीं लिया जाना चाहिए जब तक कि किसी व्यक्ति को दिल का दौरा, स्ट्रोक या हृदय संबंधी समस्याओं के लिए अन्य गंभीर जोखिम न हो।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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