इस बात से कोई इंकार नहीं है कि मां बनना किसी भी महिला के जीवन के सबसे रोमांचक चरणों में से एक है। लेकिन यह अनुभव कभी-कभी कई प्रकार की जटिलताओं से बाधित हो सकता है।
इससे पहले की आप प्रग्नेंसी प्लान करें, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप इसके साथ आने वाली विभिन्न चीजों को सीखें। उदाहरण के लिए जटिलताएं, मिथ्स, फैक्ट और कुछ ऐसी तरकीबें जो आपको गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था के बाद, ब्लूज़ को मात देने में आपकी मदद कर सकती हैं।
इसलिए, हम आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाले 8 सामान्य समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, जो अक्सर महिलाओं में देखी जाती हैं। साथ ही आप इनसे कैसे राहत पा सकती हैं।
मुंबई के जेन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. वीना औरंगाबादवाला के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान थकान होना बहुत आम है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैसे-जैसे आपका शिशु गर्भ के अंदर बढ़ता है, उसे अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह एनीमिया का संकेत भी हो सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप भरपूर आराम करें और मध्यम व्यायाम करना न भूलें।
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गर्भावस्था के दौरान पेट की समस्या आमतौर पर देखी जाती है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण आप मतली महसूस कर सकती हैं या कई बार आपको उल्टी भी हो सकती है। ऐसे में अधिक तरल पदार्थ पिएं, और तैलीय और चिकने खाद्य पदार्थों से बचें। लगातार ठोस भोजन खाएं, या जो भी आप सहन कर सकती हैं उसका सेवन करें।
यह समस्या पहली या तीसरी तिमाही में देखी जा सकती है, क्योंकि उस समय मूत्राशय के खिलाफ गर्भाशय और शिशु का आकार बढ़ता है जिससे दबाव बढ़ता है। इस अवधि के दौरान, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप टाइट अंडरवियर पहनने से बचें। दर्दनाक पेशाब, मूत्र पथ (urinary tract) के संक्रमण का संकेत हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से इसका इलाज करवाएं।
डॉ. औरंगाबादवाला कहती हैं, कि तनाव, गैस्ट्राइटिस और कब्ज सिरदर्द को आमंत्रित कर सकते हैं। डॉक्टर द्वारा सुझाई गई ओवर-द-काउंटर दवा का विकल्प चुनें, और माथे पर आइस पैक का उपयोग करें।
रक्त परिसंचरण और हार्मोन के स्तर में बदलाव से मसूड़ों में सूजन हो सकती है। अपने दांतों को अच्छी तरह से, धीरे से ब्रश करें और एक एंटीसेप्टिक माउथवॉश का उपयोग करें। नियमित रूप से डॉक्टर से अपने मुंह का चेकअप कराएं, क्योंकि उन्हें अनदेखा करने से मौखिक समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन और आयरन सप्लीमेंट लेना, और यहां तक हार्मोनल बदलाव के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है। प्रतिदिन व्यायाम करें और मल त्याग के दौरान अधिक दबाव न डालें। डॉक्टर के पाए जाएं, जिससे कि वह आपको मल सॉफ़्नर का सुझाव दे सकें।
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कस्टमाइज़ करेंलॉ ब्लड प्रेशर के कारण आपको चक्कर आ सकते हैं। ऐसे में अचानक कोई गतिविधि करने से बचें और ढेर सारा पानी पिएं।
हार्मोनल स्तर में बदलाव गर्भावस्था के दौरान आपके पाचन तंत्र पर एक टोल ले सकता है। ऐसे में धीरे-धीरे खाएं, अपने भोजन को ठीक से चबाएं, और खाना खाने के तुरंत बाद न सोएं।
डॉ. औरंगाबादवाला के अनुसार, यदि आप चक्कर आना, अपच, सूजन मसूड़ों, कब्ज या यहां तक कि बार-बार पेशाब आना जैसे लक्षणों को नोटिस करती हैं, तो अपने चिकित्सक से तत्काल आधार पर परामर्श करना सुनिश्चित करें। स्व-चिकित्सा न करें और बस अपने चिकित्सक द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें। यदि आपका डॉक्टर आपको कुछ परीक्षणों से गुजरने की सलाह देता है, तो उनमें देरी न करें। ऐसा नहीं करने से आपकी सेहत बिगड़ सकती है। किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर को रिपोर्ट करें। यह आपको उचित उपचार लेने और आपके स्वास्थ्य में सुधार करने की अनुमति देगा।
तो माताओं, कृपया इन सभी गर्भावस्था की समस्याओं पर ध्यान दें, जिनसे आपको निपटना पड़ सकता है!
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