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Child Health Emergencies : 9 स्थितियां जब बिना देर किए बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए

नन्हें शिशु का गोद आना उसके और आपके दोनों के साथ-साथ बढ़ने का एक नया सफर है। इस सफर में बहुत सारी चुनौतियां आती हैं। कुछ बेहद सामान्य हैं, जिनका सामना आप घर पर ही कुछ सावधानी के साथ कर सकती हैं। मगर कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं, जिन्हें तुरंत विशेषज्ञ सहायता की जरूरत होती है। इन्हें चाइल्ड हेल्थ इमरजेंसी या पीडियाट्रिक इमरजेंसी कहा जाता है।
Updated On: 28 Feb 2025, 06:28 pm IST
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डॉ. उज्ज्वला केसकर
मेडिकली रिव्यूड
Infant or shishu ki sehat ke liye in conditions me laparwahi na karen
कुछ ऐसी स्थितियां हो सकती हैं, जो हर पल बिगड़ती जाएं और आप जिन्हें अकेले न संभाल पाएं। चित्र : अडोबीस्टॉक

अंदर क्या है

  • मां बनना – एक नई जिम्मेदारी और चुनौती
  • 5 लक्षण जब बच्चे को डॉक्टर को दिखाना है जरूरी
  • 4 आपातकालीन स्थितियां, जब बिल्कुल देर नहीं करनी चाहिए

बच्चे जल्दी बीमार पड़ते हैं और आसानी से चोट खा जाते हैं। उनकी समस्या कब गंभीर हो जाएगी, यह जानना मुश्किल हो सकता है। बच्चे की समस्या उनके विकास प्रक्रिया का हिस्सा है या फिर उसके लिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है, यह समझना मुश्किल हो सकता है। खासकर उन महिलाओं के लिए जो अभी नई मां बनी हैं। अगर आपके घर में भी कोई नन्हा शिशु है और आप उसकी सेहत के बारे में जागरुक होना चाहती हैं। तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। मणिपाल हॉस्पिटल, बानेर पुणे की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ उज्ज्वला केसकर उन 9 आपातकालीन स्थितियों (Child Health Emergencies) के बारे में बता रही हैं, जब बिना देर किए आपको अपने शिशु को डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

एक नई जिम्मेदारी और चुनौती (Child Health Emergencies)

डॉ उज्ज्वला कहती हैं, “नए शिशु को संभालना किसी भी पेरेंंट्स के लिए कठिन हो सकता है। यक  एक  बिल्कुल नई दुनिया और नई चुनौती है। असल में बच्चा अपनी बात, अपनी तकलीफ के बारे कुछ भी बताने में सक्षम नहीं होता। साथ ही कुछ नई चीजों को वह सीखने और एब्जॉर्ब करने की प्रक्रिया में भी चोटिल हो सकता है। इसलिए माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों पर यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चे में हो रहे छोटे से छोटे बदलाव (Child Health Emergencies) के प्रति भी सतर्क रहें।”

baby blues kaise karein deal
बच्चे की परवरिश न केवल आपको थका देती है, बल्कि आपके अंदर चिंता और संदेह की भावनाओं को भी जन्म देने लगती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

ये 5 लक्षण नजर आएं तो बच्चे को डॉक्टर को दिखाना है जरूरी (5 symptoms of Child Health Emergencies) 

1 सांस लेने में तकलीफः

यदि बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो यह गंभीर समस्या हो सकती है। अगर उसकी सांस तेजी से चलती हो या उथली हो, घरघराहट होती हो या उसे सांस खींचनी पड़ती हो, तो यह किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। इसका कारण संक्रमण, अस्थमा, एलर्जी या कोई अन्य समस्या हो सकती है। यदि बच्चे की सांस असामान्य हो या उनका चेहरा या होंठ नीले हो जाएं, तो फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

2 तेज बुखार बने रहनाः

अगर बच्चे का बुखार कई दिनों तक बना रहे, और यह बहुत तेज (104 डिग्री फॉरेनहाईट या 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक) हो, तो यह खतरनाक हो सकता है। अगर तीन महीने से छोटे बच्चे को बुखार हो, तो इसे काफी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

3 उल्टी या डिहाईड्रेशनः

अगर बच्चे को बार-बार उल्टी हो रही है, या फिर उल्टी हरे रंग की हो या उसमें खून आए, तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। उल्टी के कारण डिहाईड्रेशन हो जाता है, जो एक और गंभीर समस्या है। डिहाईड्रेशन होने पर बच्चे का डायपर कम गीला होता है, रोने पर आँसू नहीं आते, या मुँह सूखा हो जाता है। अगर बच्चा कमजोर महसूस है, तरल पदार्थों को निगल नहीं पाता है, तो तुरंत डॉक्टर का परामर्श लेना चाहिए।

4 तेज दर्दः

अगर बच्चे को तेज दर्द हो रहा है, जो लंबे समय के बाद भी ठीक नहीं होता है, तो यह कोई गंभीर समस्या हो सकती है। अगर यह दर्द खासकर सीने या पेट के ऊपरी हिस्से में हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

5 दौरा या फिर असामान्य सुस्तीः

बच्चे को कुछ मिनट से ज्यादा समय तक दौरा रहे, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। भले ही दौरा पहली बार पड़ा हो, पर इसे इमरजेंसी ही मानना चाहिए। अगर बच्चा असामान्य रूप से सुस्त हो या फिर जग नहीं पाता हो, तो उसे कोई गंभीर समस्या हो सकती है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर का परामर्श बहुत आवश्यक है।

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इन 4 आपातकालीन स्थितियों में आपको बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए (4 Severe conditions of Child Health Emergencies)

1 गंभीर चोट लगने पर

कुछ चोट लगने पर तुरंत ध्यान दिया जाना आवश्यक होता है ताकि किसी भी नुकसान या परेशानी से बचा जा सके।

2 अनियंत्रित रक्तस्राव होने पर

अगर दबाव डालने, कोशिश करने के बाद भी खून बहना रुक न रहा हो, तो फौरन डॉक्टर के पास जाएं।

zara si bhi laparwahi bachche ki sehat par bhari pad sakti hai
जरा सी भी लापरवाही बच्चे की सेहत पर भारी पड़ सकती है। चित्र : अडोबीस्टॉक

3 हड्डी टूटने पर

अगर शिशु के शरीर के किसी हिस्से में सूजन है या फिर वह हिस्सा हिलाने में मुश्किल या दर्द हो रहा है, तो वहाँ की हड्डी टूटी हुई हो सकती है।

4 सिर या गर्दन की चोट

अगर बच्चा बेहोश हो रहा है, उल्टी कर रहा है, या फिर अजीब व्यवहार कर रहा है, तो उसके सिर, गले या रीढ़ की हड्डी में चोट हो सकती है।

बच्चों को गंभीर स्थितियों से बचाने के लिए माता-पिता को इन लक्षणों के बारे में जागरुक और सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। बच्चे की सेहत सबसे महत्वपूर्ण होती है। ऊपर दी गई सूची महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करती है, लेकिन माता-पिता को हो रहे आभास भी महत्वपूर्ण होते हैं। इन आभासों पर विश्वास करना चाहिए।

ध्यान रहे

अगर माता-पिता को महसूस हो रहा है कि कुछ गड़बड़ है, तो फौरन डॉक्टर को दिखाने में ही समझदारी है। डॉक्टरों के पास जांच और उचित देखभाल की सभी सुविधाएं होती हैं, जिनकी मदद से बच्चों को इलाज और बेहतर परिणाम प्रदान करने में मदद मिलती है।

यह भी पढ़ें – शिशुओं को कई कारणों से आ सकता है बुखार, इसे ट्रैक करने के लिए यहां हैं 5 बेस्ट बेबी थर्मामीटर ऑप्शन

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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