आज के समय में महिलाओं में थायराइड की समस्या बेहद आम हो गई है, ज्यादातर महिलाएं इससे परेशान हैं। थायरॉयड एक छोटी, तितली के आकार का ग्लैंड है, जो आपके गले में स्थित होता है। यह शरीर के थर्मोस्टेट के रूप में कार्य करता है – तापमान, भूख, पाचन और ऊर्जा व्यय जैसी चीजों को लगातार नियंत्रित करने में मदद करता है। थायराइड शरीर के वजन के नियमन, मूड स्थिरीकरण और हार्मोनल संतुलन के लिए भी जिम्मेदार होता है (lower thyroid antibodies naturally)।
जब यह ग्लैंड अधिक या कम हार्मोन प्रोड्यूस करना शुरू कर देते हैं, तो उस स्थिति को हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथाइरॉयडिज़्म कहा जाता है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है थाइरॉएड एंटीबॉडीज को कम करना, जिसमें कुछ खास आयुर्वेदिक टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं, थायराइड एंटीबॉडी को कम करने के तरीके (lower thyroid antibodies naturally)।
थायराइड एंटीबॉडी, जिन्हें ऑटोएंटीबॉडी भी कहा जाता है, वे एंटीबॉडी हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित की जाती हैं, जो थायरॉइड ग्लैंड या थायरॉइड प्रोटीन को लक्षित करती हैं। इससे क्रॉनिक सूजन, टिशू डैमेज या थायरॉइड फ़ंक्शन में व्यवधान हो सकता है।
हेल्दी फैट, वार्मिंग, पका हुआ सुपाच्य भोजन करें। यह खाद्य पदार्थ बॉडी में इन्फ्लेमेशन को कम करने में और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। इसके अलावा जिमीकंद, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, आदि जैसे मिनरल से भरपूर सब्जियों को अपने नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं। यह आपकी बॉडी से सूजन को कम करने में और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करती है। कच्चे, ठंडे और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें, क्योंकि यह सभी असंतुलन में योगदान दे सकते हैं।
अपने नियमित डाइट में हल्दी, अदरक, हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे एंटी इन्फ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों को शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को कम कर देते हैं, और इम्यून रिस्पांस को बढ़ावा देते हैं। इस प्रकार थायराइड एंटीबॉडी को कम करने में मदद मिलती है, और महिलाओं में थायराइड का खतरा कम हो जाता है।
नारियल, एवोकाडो, बादाम, घी और अखरोट जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। यह एक प्रकार का हेल्दी फैट है, जो आपकी बॉडी में ड्राइनेस को कम करता है और कॉर्टिसोल के स्तर को बैलेंस रखता है। जिससे इन्फ्लेमेशन का खतरा कम हो जाता है।
ग्लूटेन, रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड ऑयल जैसे इन्फ्लेमेटरी ट्रिगर खाद्य पदार्थों को अवॉइड करें। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ इम्यून सिस्टम को स्टिम्युलेट करते हैं।
लीवर थायराइड हार्मोन को रेगुलेट करने और इन्फ्लेमेटरी सब्सटेंस को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही साथ त्रिफला जैसे हर्ब्स को भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं। जो डिटॉक्सिफिकेशन को प्रमोट करता है और शरीर में टॉक्सिंस के बिल्डअप को रोकता है। जिससे की इन्फ्लेमेशन ट्रिगर नहीं होता।
सर्वांगासन और मत्स्यासन जैसे योगाभ्यास में हिस्सा लें। नियमित रूप से कम से कम 10 से 15 मिनट तक योगाभ्यास परफॉर्म करें। यह थाइरॉएड फंक्शन को स्टिम्युलेट करने के साथ ही बॉडी में सर्कुलेशन को इंप्रूव करते हैं, विशेष रूप से थायराइड एरिया। इसके साथ ही योग कॉर्टिसोल के स्तर को कम कर देता है, जिससे इम्यून सिस्टम को आराम पहुंचता है और थाइरॉएड एंटीबॉडीज कम हो जाती हैं।
नियमित रूप से कोकोनट ऑयल को गुनगुना करके शरीर को मसाज दें। मसाज से शरीर से इन्फ्लेमेशन को कम करने और थाइरॉएड फंक्शन को सपोर्ट करने में मदद मिलती है। इससे लिंफेटिक ड्रेनेज इंप्रूव होता है, जो बॉडी से इन्फ्लेमेटरी टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद करते हैं और ओवर एक्टिव इम्यून सिस्टम को रोकते हैं।
नियमित दिनचर्या शरीर के नेचुरल कार्डियक रिदम को बनाए रखती है, जिससे कि शरीर में होने वाले असंतुलन को शांत करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ इम्यून सिस्टम भी स्वस्थ रहता है। समय पर सोना, सुबह जल्दी जागना, नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना और एक बैलेंस डाइट फॉलो करने से इम्यून रिस्पांस को रेगुलेट करने में भी मदद मिलती है और थायराइड एंटीबॉडी कम होता है।
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