इस सच्चाई को शब्दों में बयां कर पाना आसान नहीं है कि आपकी मम्मी, जो हमेशा आपकी सेहत का ख्याल रखती रहीं हैं, अब उनकी उम्र बढ़ रही है। हड्डी की समस्याओं से लेकर बिगड़ती मानसिक स्थिति के कारण अल्जाइमर्स जैसे रोग और कई अन्य शारीरिक समस्याएं उनकी बढ़ती उम्र के कारण अब उन्हें परेशान करने लगी हैं। यह उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए काफी मुश्किल भरा समय है।
निश्चित रूप से, हम जब भी उनक सेहत के बारे में सोचते हैं तो बस उनकी बीमारियों और आहार पर ही सोच पाते हैं। ऐसे में हम उनके स्वास्थ्य के बेहद महत्वपूर्ण पहलू की ओर ध्यान नहीं दे पाते। वह है उनकी इंटीमेट हेल्थ। यानी उनका यौन स्वास्थ्य।
स्वस्थ खानपान और हल्के व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करने से हम उन्हें इन समस्याओं से बचाए रखने में मददगार हो सकते हैं। इनके अलावा हम यहां एक बढ़ती उम्र में महिलाओं की इंटीमेट हेल्थ के सामने पेश आ रही समस्याओं पर बात कर रहे हैं। इससे आप अपनी एजिंग मॉम के वेजाइनल स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरुक हो पाएंगे। और उन्हें अपनी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित कर पाएंगी।
भाटिया अस्पताल, मुंबई में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रणय शाह चेतावनी देते हैं, “बुजुर्गों की त्वचा कमजोर हो जाती है और उसके नीचे की वसा में कमी आने के कारण उस पर झुर्रियां आने लगती हैं। ऐसी त्वचा चोट और प्रेशर अल्सर के प्रति ज्यादा प्रोन हो जाती है। इसलिए पसीने के कारण त्वचा की सलवटों में जीवाणु और फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।”
साथ ही वे कहते हैं, “चलने-फिरने में अक्षमता होने या एल्डर केयर में सुविधा के लिए अकसर डायपर का इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से भी उनके इंटीमेट एरिया में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।”
इस बढ़ती उम्र में जब आपकी मां अपने अंतरंग क्षेत्र में संक्रमण के प्रति ज्यादा प्रोन हैं, वहां इसका यह मतलब नहीं कि आप किसी भी तरह की खुजली और जलन को आप इंफेक्शन का ही नाम दें।
डॉ. शाह बताते हैं, “हार्मोन में कमी के कारण रजोनिवृत्ति के बाद के समय में खुजली और यूरिनरी प्रोब्लम्स हो सकती हैं। पर यह इंफेक्शन नहीं है। इससे अनावश्यक एंटीबायोटिक दुरुपयोग हो सकता है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि मूत्र और मल असंयम या ठीक से साफ-सफाई न रख पाने के कारण यह पेरियानल और पेरिनियल संक्रमण भी हो सकता है।”
यदि आप या मेडिकल अटेंडेंट आपकी मॉम की सफाई करती हैं, तो उनके इंटीमेट एरिया की क्लीनिंग के लिए डॉ शाह एक साफ स्पंज का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
साथ ही वे यह भी कहते हैं कि “उनकी सफाई करते हुए या नहलाते हुए प्राइवेसी बनाए रखें। और उनके शरीर के हर हिस्से को बारी-बारी से और साफ तरह से क्लीन करें।”
आपको अपनी मम्मी से उनकी इंटीमेट हाइजीन पर भी बात करनी चाहिए। वास्तव में, आपको इसे सामान्य करने की आवश्यकता है। एक विनम्र दृष्टिकोण वही है जो उनकी प्राइवेसी को भी चोट नहीं पहुंचाता और उनके अंतरंग स्वास्थ्य के बारे में उन्हें जागरुक भी करता है। अंतरंग स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में उनकी समझ बढ़ाकर ही उन्हें कई बीमारियों से बचाया जा सकता है।
सुनिश्चित करें कि उनकी इंटीमेट हेल्थ और हाइजीन के लिए जरूरी सभी सामान उनके पास रहे। लिक्विड सोप उनके लिए ज्यादा बेहतर है। क्योंकि वह नाजुक त्वचा और ज्यादा बेहतर सफाई के लिए होते हैं। साबुन अकसर इस्तेमाल करते हुए हाथ से छूटकर गिर जाता है, जिससे वह गंदा हो सकता है। साथ ही साबुन का उपयोग यहां/वहां की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। उनके इंटीमेट एरिया को पोंछने के लिए नर्म तौलिए का इस्तेमाल करें या उनसे ऐसा करने को कहें।
अच्छे से स्नान के बाद यह भी सुनिश्चित करें कि आपकी मम्मी ऐसे कपड़े पहनें जिनमें वे बेहतर तरीके से सांस ले सकें। बहुत तंग कपड़े उनके इंटीमेट एरिया को सांस लेने में बांधित करते हैं। कपड़े आरामदायक होने चाहिए।
त्वचा की परतों के नीचे गंदगी और बैक्टीरिया फंस सकते हैं। स्तन, बगल, कमर, गर्दन और जननांगों के नीचे विशेष रूप से यह समस्या हो सकती है। गंदगी और बैक्टीरिया को हटाने के लिए लिक्विड सोप का इस्तेमाल करने के साथ ही शरीर के इन हिस्सों को अच्छी तरह से साफ करें। फंगल संक्रमण को रोकने के लिए इन क्षेत्रों का सूख रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
सुखाने के बाद इन क्षेत्रों पर पाउडर या मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें। यदि फंगल संक्रमण के लक्षण हैं, तो प्रभावित क्षेत्रों में एंटी-फंगल पाउडर या मरहम लगाएं। एक उपयुक्त एंटीबायोटिक मरहम अल्सर और त्वचा की चोट को भरने में मददगार हो सकता है।
डॉ शाह के अनुसार, बढ़ी उम्र के वे महिलाएं जो अक्षम हैं और चल फिर नहीं पाती हैं, उनकी देखभाल में आपको डायपर पहनाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए यह ध्यान रखें कि डायपर को हर रोज कम से कम दो बार जरूर बदलें। उनके गंदे होने का इंतजार न करें। सुनिश्चित करें कि उनकी त्वचा को लिक्विड सोप से अच्छी तरह साफ किया गया और सुखाया गया हो। इसके साथ ही वहां पर एंटी फंगल पाउडर या टेल्क भी लगा सकती हैं।
वे कहते हैं, “यह भी महत्वपूर्ण है कि उनकी देखभाल करने वाला खुद भी सफाई का ख्याल रखे। स्किन डैमेज, घाव, या निजी अंगों को छूते समय उपयुक्त दस्ताने पहने जाने चाहिए। एक वॉटर प्रूफ एप्रन आपको उनको नहलाने और साफ करने के दौरान गीला होने से बचाता है।”
इसलिए, लेडीज, ये छोटे-छोटे कदम उठा कर आप अपनी मम्मी की इंटीमेट हाइजीन का ख्याल रख सकती हैं।