कोविड -19 का तनाव आपके शरीर को इन 7 तरीकों से पहुंचा सकता है नुकसान

कोरोना वायरस से पीड़ित न होने पर भी यह वायरस आपको प्रभावित कर सकता है। जी हां ! इस संक्रमण द्वारा फैलने वाली महामारी से जुड़ा तनाव आपको किस रूप से प्रभावित कर सकता है इसका अंदाज़ा भी आप नहीं लगा सकते।
कोरोनावायरस न होने पर भी यह समय आपके स्‍वास्‍थ्‍य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 01:12 pm IST
  • 84

कोविड-19 महामारी कितनी देर तक चलेगी इस बारे में अभी भी अनिश्चितता, नौकरियों में कमी, घर के अंदर रहने से होने वाली घुटन, संक्रमण होने का खतरा या किसी अपने के संक्रमित होने का डर यही कारण आपको चिंता में डाल रहे हैं।

इनके साथ ही कुछ शोध इस बात का भी पता लगा रहे हैं कि यह अनियंत्रित बीमारी और किस तरह से आपके जीवन और स्वासस्य् को प्रभावित कर रही है।

बात सिर्फ तनाव के स्तर के बढ़ने पर ही ख़तम नहीं होती। दुर्भाग्य की बात है, कि यह गंभीर तनाव आपके शरीर पर विपरीत असर डालता है और उसे नुक्सान पहुंचाता है। देखिये विज्ञान इन गुप्त प्रभावों के बारे में क्या कहता है:

1. तनाव आपकी मानसिक स्थिति पर विपरीत असर डालता है

यदि आप अपने तनाव के स्तर को कंट्रोल नहीं कर पाती, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है। कर्रेंट न्यूरोफार्माकोलोजी नामक जॉर्नल में प्रकाशित एक शोध कहता है कि काफी लम्बे समय तक तनाव में रहने के कारण कई गंभीर मानसिक बीमारियों का भी खतरा हो सकता है। जैसे: एंग्जायटी, पैनिक अटैक या क्लीनिकल डिप्रेशन।

स्थिति और भी ज्यादा तब बिगड़ जाती है जब व्यक्ति पहले से ही किसी गंभीर मानसिक बीमारी से गुज़र रहा हो। यदि बिना किसी कारण के आप चिंता, उदासी, या डर को महसूस करते हैं, तो शायद आपको थोड़ा पीछे जाकर परिस्थितियों का आंकलन करना चाहिए।

2. इससे बढ़ सकता है वज़न

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशन के अनुसार, तनाव आपके शरीर को फाइट या फ्लाइट मोड पर ले जाता है। यह कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन नाम के हॉर्मोन बनाने का कारण बन जाता है। यह हार्मोन भूख को बढ़ाते हैं। अब यदि कोविड-19 का तनाव लम्बे समय तक रहता है, तो इन हॉर्मोन के भी लम्बे समय तक रहने और भूख में लगातार वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है।

पोल

क्या ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है?

अपनी वॉर्डरोब चैक कीजिए, हो सकता है पिछले सीजन के कपड़े अब तंग होने लगे हों । चित्र: शटरस्‍टॉक

हो सकता है कि आप अपनी भूख को एक-दो दफा इग्नोर कर भी दें। लेकिन हम सभी जानते है कि भूख पर किया गया कण्ट्रोल एक दिन कैसे टूटता है। फिर आप इस बात की भी परवाह नहीं करते कि आप क्या खा रहे हैं और ऐसे खाने से आपकी सेहत पर क्या असर पड़ रहा है। जब तक आपको इस बात का एहसास होता है तब तक आप काफी सारा वज़न बढ़ा चुकी होती हैं।

3. अनियमित मासिक धर्म

1999 में एक शोध हुआ था, जिसमें कहा गया कि जो महिलाएं गंभीर मानसिक तनाव में रहती हैं उनके पीरियड्स साइकिल नियमित नहीं रहते। साथ ही पीरियड्स सम्बंधित अन्य बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल हॉर्मोन अधिक बनता है इसलिए ऐसा होता है। यह शरीर के अन्य हॉर्मोन को भी प्रभावित करता है।

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन ऐसे ही दो हॉर्मोन है। जिनकी वजह से मासिक धर्म नियमित रूप से आसानी से आता है। इन्हें जब कोर्टिसोल प्रभावित करता है तो मेंस्ट्रुअल साइकिल में गड़बड़ होती है।

4. त्वचा होती है प्रभावित

आप लम्बे समय से घर में हैं। प्रदूषण से भी बची हुई हैं। फिर भी त्वचा में कुछ बदलाव महसूस कर रही होंगी। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान भी आपने इसकी केयर की। फिर भी पिछले कुछ समय में अचानक एक्ने, उम्र बढ़ने के निशान, जैसे झुर्रिया, फाइन लाइन्स और पिगमेंटेशन ज्यादा नज़र आ रही हैं। तो अब ज्यादा अंदाज़े न लगाइये क्योंकि कुछ और नहीं यह तनाव है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 2003 में एक शोध किया, जिसमें पाया गया कि तनाव की वजह से उत्पन्न कोर्टिसोल हमारी त्वचा में मौजूद तेलीय ग्रंथि (sebaceous glands) को एक्टिव कर देता है। यह ग्रंथि सीबम (sebaceous glands द्वारा बनाए जाने वाला प्राकृतिक तेल जो हमारी त्वचा कि रक्षा करता है) के उत्पादन को बढ़ा देती है। यही तेल अधिक गंदगी को आकर्षित करता है और त्वचा के पोर्स को बंद कर देता है। जिसकी वजह से मुंहासे, ब्लैकहेड्स और पस वाले दाने होने लगते हैं।

5. पूरे शरीर में दर्द

तनाव के दौरान मसल्स टाइट हो जातीं है। इसी तनाव से बचने के लिए मसल्स अपनी रक्षा करती है और खिंचाव पैदा होता है। यही खिंचाव सर,कंधे और कमर में दर्द का कारण बन जाता है।

6. तनाव आपकी सेक्स ड्राइव को कम कर सकता है

लॉकडाउन की वजह से आपको अपने पार्टनर के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिल गया होगा। आपने व आपके पार्टनर ने बहुत से प्लान भी बनाए होंगे। हालांकि असल में चीज़े ऐसी हुई नहीं जैसी आपने सोची थी। आपके पास इसके कई एक्सनक्यूगज हो सकते हैं, पर ज़रा महसूस कीजिए क्या कोरोना वायरस और उसका तनाव इसका कारण तो नहीं?

तनाव आपकी सेक्‍स ड्राइव पर भी असर डालता है। चित्र : शटरस्टॉक

जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध कहता है, कोर्टिसोल का बड़ा हुआ स्तर और तनाव सेक्स ड्राइव को घटा देता है।

7. तनाव से पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं

शोध बताते हैं कि तनाव के कारण हॉर्मोन्सय में हड़बड़ी मच जाती है। तनाव की वजह से एसिड रिफ्लक्स, कलेजे में जलन, पेट में अल्‍सर और इन्सुलिन स्पाइक (डायबिटीज का कारण) जैसी समस्याएं होती हैं। अगर आपको हाल ही में एसिडिटी की परेशानी होने लगी है, तो संभव है यह कोविड-19 के तनाव का परिणाम हो।

कैसे निपटें इस तनाव से:

बेहतर स्ट्रेस मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी अपनाकर तनाव से निपटना आसान होता है। हालांकि अब आप समझ गई हैं कि कोविड-19 का तनाव आपके शरीर पर कैसा असर डालता है। फ़िलहाल आपके पास इन उपायों को मानने के सिवाए दूसरा कोई ऑप्शन भी नहीं है।

यू.एस. में स्थापित सेण्टर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन(CDC) परिस्थियों के साथ सामंजस्य बिठाने और तनाव दूर करने के कुछ सुझाव देता है,:

  1. सोशल मीडिया सहित समाचार (विशेष रूप से नकारात्मक समाचार) को देखने, पढ़ने या सुनने से ब्रेक लें। आप बार-बार इस महामारी के बारे में सुनकर परेशान हो सकते हैं।
  2. अपने शरीर का ख्याल रखें और नियमित व्यायाम करें।
  3. शांत रहने के लिए गहरी सांसें लें, स्ट्रेेचिंग या मेडिटेट करें।
  4. स्वस्थ और संतुलित भोजन खाने की कोशिश करें।
  5. पूरी नींद लें।
  6. शराब और नशीले पदार्थों से बचें। उन चीजों को करने की कोशिश करें जो आपको पसंद हैं।
संगीत आपको तनावमुक्‍त करने में मददगार हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अपने प्रियजनों के साथ जुड़ें। उन लोगों के साथ बात करें जिन्हें आप अपनी चिंताओं के बारे में बता सकते हैं। उनसे यह भी सांझा करें के आप कैसा महसूस कर रही हैं। घबराइए नहीं! इन हालात में थोड़ी बहुत चिंता और समस्या सामान्य है। इसे फ़िलहाल सभी महसूस कर रहे हैं। फ़िलहाल सबसे अधिक ज़रूरी है ज़िंदगी को अपना कर उसके साथ साथ चलना।

  • 84
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख