बीते कुछ सालों में महिलाओं में हार्ट अटैक के केसेस में भयानक तौर पर इजाफा हुआ है। कई बार इसका कारण हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज जैसी दिक्कतें थीं और कई बार ये किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट्स के तौर पर भी सामने आईं। महिलाओं में ऐसा अक्सर होता है जब वो समझ नहीं पातीं कि उनके सीने, गर्दन या पेट का दर्द भी हार्ट अटैक के खतरे की घंटी हो सकता है। सर्जरी के बाद इस तरह के खतरे और बढ़ जाते हैं। आज हम एक्सपर्ट की मदद से यही समझने वाले हैं कि वे लक्षण क्या हैं जिनकी मदद से हार्ट अटैक के पहले ही उसकी आहट (heart attack signs in women) सुनी जा सकती है और ये भी कि पोस्ट सर्जरी महिलाओं में हार्ट अटैक के खतरे क्यों बढ़ जाते हैं।
यदि महिला को बिना किसी कारण के ज्यादा थकान महसूस हो रही है तो यह हार्ट अटैक का संकेत (heart attack signs in women) हो सकता है। यह थकान कभी-कभी ज्यादा हो सकती है और सामान्य कामों को भी करने में मुश्किल हो सकती है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आसिफ शकील के अनुसार महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों में यह लक्षण आमतौर पर महीनों पहले महसूस हो सकता है और अक्सर महिलाएं अपनी व्यस्त दिनचर्या में इसे नजरंदाज कर जाती हैं जिससे स्थिति और बुरी हो जाती है।
महिलाओं में सीने में प्रेशर या हल्का दर्द होने पर लोग इसे आम तौर पर पेट की परेशानी मान सकते हैं। अक्सर घरों पर लोग कहते हैं कि अरे गैस बनने की वजह से ऐसा हो रहा होगा लेकिन अगर यह दर्द और दबाव लगातार बना रहता है और इसके साथ अन्य लक्षण जैसे सांस फूलना, ठंडा पसीना, या बेचैनी भी महसूस हो तो ये हार्ट अटैक का साइन (heart attack signs in women) हो सकता है।
हार्ट अटैक का एक आम लक्षण सांस की कमी है खासकर जब यह अचानक बिना किसी खास कारण के होने लगे। अगर महिला को नॉर्मल काम के दौरान भी सांस लेने में मुश्किल हो रही है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह लक्षण (heart attack signs in women) कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं का साइन हो सकता है और अगर दिक्कत बढ़ती है तो अपको तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है।
दिल के दौरे के दौरान महिलाओं को पेट में ऐंठन या दर्द भी महसूस होता है। यह दर्द कभी-कभी गैस, एसिडिटी, या पेट की समस्या के तौर पर देखा जाता है।
दिल के दौरे की सूरत में यही दर्द धीरे धीरे सीने तक पहुंचता है। तो कुल मिलाकर ऐसे लक्षण (heart attack signs in women) दिखें तो नजरंदाज नहीं करना है।
डॉक्टर आसिफ शकील कहते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के दौरान सीने में दर्द के बजाय, कभी-कभी दर्द पीठ, गर्दन, या जबड़े में महसूस हो सकता है। ये दर्द अमूमन अचानक और तेज हो सकता है। अगर ऐसे कोई लक्षण (heart attack signs in women) दिखे तो नजरंदाज न करते हुए डॉक्टर से मिलना ठीक होगा। ये दर्द आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि ये आम गर्दन या जबड़े के दर्द जैसा नहीं होता।
महिलाओं को हार्ट अटैक के दौरान या उसके कई बार उल्टी आने जैसा या चक्कर आना महसूस हो सकता है। ये लक्षण (heart attack signs in women) आमतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के रूप में समझे जाते हैं लेकिन कई बार ये हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण भी होते हैं।
डॉक्टर आसिफ शकील के अनुसार हार्ट अटैक आने के पहले या उसके दौरान अचानक पसीना आना या घबराहट जैसे लक्षण (heart attack signs in women) भी दिखाई देते हैं। ये हार्ट अटैक के आम लक्षणों में से एक है। अगर आपको बिना किसी और समस्या के ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो आपको तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत है।
ठंडा पसीना आना और चिंता महसूस होना एक आम लक्षण है। यह लक्षण दिल के दौरे से पहले या उसके दौरान हो सकते हैं। अगर यह स्थिति बिन मौसम या बिना किसी कारण के हो, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
सर्जरी के बाद शरीर पर बहुत अधिक शारीरिक तनाव होता है। इसका असर दिल और हमारी नसों पर पड़ता है। सर्जरी के दौरान शरीर का नर्वस सिस्टम और हॉर्मोनल सिस्टम में भी बदलाव आते हैं जो दिल की धड़कन और ब्लडप्रेशर को प्रभावित करते हैं। इन सबकी वजह से हार्ट अटैक के खतरों (heart attack signs in women) में और इजाफा हो जाता है।
जॉन हॉपकिंस मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार सर्जरी के दौरान हमारे शरीर में खून के प्रवाह में कुछ टेम्प्रेरी चेंजेज आते हैं। इस वजह से दिल को पर्याप्त खून मिलने में कुछ वक्त तक समस्या हो सकती है और इसी वजह से दिल पर प्रेशर बढ़ता है जो हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण (heart attack signs in women) बन सकता है।
सर्जरी के बाद जो दवाएं दी जाती हैं उनके साइड इफेक्ट्स भी दिल के लिए खतरनाक हो सकते हैं। जैसे कई बार सर्जरी के बाद मरीज का ब्लडप्रेशर कम या ज्यादा हो जाता है, जिसे कंट्रोल करने के लिए दवा दी जाती है। इन दवाओं के असर के तौर पर भी दिल पर दबाव बढ़ सकता है और हार्ट अटैक के खतरे (heart attack signs in women) बढ़ते हैं, खासकर तब जब इन दवाओं को लंबे समय तक दिया जाए।
अगर किसी महिला को पहले से दिल की बीमारी, हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं हैं तो सर्जरी के बाद इन समस्याओं में और इजाफा हो सकता है। इसका सर जब दिल पर पड़ता है तो सर्जरी से रिकवरी के दौरान हार्ट अटैक का खतरा (heart attack signs in women) बढ़ जाता है।
सर्जरी के बाद शरीर कमजोर होता है और इसलिए किसी भी तरह के इन्फेक्शन होने के खतरे भी बढ़ जाते हैं।
वायरल इंफेक्शन से दिल की समस्याएं और बढ़ सकती हैं। ऐसे में हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हाथ धोने, मास्क पहनने और अच्छे हाइजीन प्रैक्टिसेस को फॉलो करिए।
अमूमन सर्जरी के बाद महिलाएं जल्द से जल्द सामान्य गतिविधियों में तुरंत लौट जाना चाहती हैं। कई बार ये उनकी मजबूरी भी होती है लेकिन घरेलू काम हो या दफ्तर का काम, उसमें लौटने की शुरुआत धीरे धीरे करनी चाहिए। किसी भी मेहनत के काम की शुरुआत कर रही हैं तो डॉक्टर की सलाह ले लें कि क्या वो करना आपके सेहत के लिए उचित है या नहीं।
पोस्ट सर्जरी ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच करवाना बेहद जरूरी है। यह दोनों दिल की सेहत (heart attack signs in women) के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अगर ब्लडप्रेशर ज्यादा है या कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो डॉक्टर की सलाह पर इन्हें कंट्रोल करने की कोशिश करिए।
किसी भी सर्जरी के बाद महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और वजन बढ़ने से दिल पर ज्यादा प्रेशर पड़ सकता है। सर्जरी के बाद वजन पर कंट्रोल रखना और स्वस्थ खाना खाना बहुत जरूरी है।
फलों, सब्जियों, प्रोटीन और कम फैट वाली चीजें अपनी डाइट (heart attack signs in women) में शामिल करें और एक्सरसाइज को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं। लेकिन हाँ एक्सरसाइज भी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही शुरू करिए।
सर्जरी के बाद इमोशनल ब्रेक अप भी बहुत कॉमन है। इसलिए सर्जरी के बाद मेंटल और इमोशनल हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहिए। तनाव और एंजाइटी हार्ट अटैक के खतरे (heart attack signs in women) को और बल देते हैं। इन्हें कम करने के लिए आप योग और मेडिटेशन जैसी चीजों का सहारा लें।
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