बेबी प्लान कर रहीं है तो अपने जीवन में चेंजेस के लिए तैयार होना जरूरी है। पैरेंट बनने के बाद आप और आपके पार्टनर की लाइफ एकदम बदल जाएगी, लेकिन क्या आप जानती हैं कि मां की ज़िंदगी प्रेग्नेंसी के पहले से ही बदल जाती है।
हालांकि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने का कोई वक्त नहीं होता, जितना जल्दी हो उतना अच्छा। मगर जब बात आती है प्रेगनेंसी की, तो आपका फिट होना आपके लिए ही नहीं बच्चे के लिए भी जरूरी है। प्रेगनेंसी के लिए ट्राय करने से पहले ही अपनी लाइफ में इन बदलावों को लाएं। ताकि बेबी को ग्रो होने के लिए एक हेल्दी वातावरण मिल सके।
अपने गायनोकॉलोजिस्ट से मिलना हर कपल के लिए पैरेंटहुड का पहला स्टेप होना चाहिये। डॉक्टर से मिलकर अपनी फैमिली हिस्ट्री, मेडिकल हिस्ट्री और जेनेटिक्स पर बात करें। आपकी बॉडी प्रेगनेंसी के लिए रेडी है या नहीं यह आपके डॉक्टर से बेहतर और कौन जान सकता है।
आपका ओवरवेट या अंडरवेट होना बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर आपका वेट परफेक्ट नहीं है, तो अपनी डाइट और वर्कऑउट में बदलाव लाएं। ज़रूरत के हिसाब से वेट बढ़ाएं या कम करें।
जब तक बच्चा आपके गर्भ में है, जो आप खा रही हैं वही बच्चा भी खा रहा है। यह जानें कि आपकी बॉडी में किसी पोषक तत्व की कमी तो नहीं है, अगर है तो सप्लीमेंट्स लें। आयरन और फॉलिक एसिड के लेवल ज़रूर चेक करवाएं और ज़रूरत के हिसाब से टैबलेट लें। अपनी डाइट भी हेल्दी रखें।
आपका BMI सही है, आप फिट हैं फ़िर भी रोजाना एक्सरसाइज करने की आदत ज़रूर डालें। आपके लिए कितना वर्कऑउट पर्याप्त है यह अपने डॉक्टर से पूछें। एक्सरसाइज सिर्फ़ फिजिकली ही नहीं मेंटली भी आपको स्वस्थ रखती है।
कैफीन आपके लिए गर्भधारण में बाधा खड़ी कर सकती है। WHO की स्टडी के अनुसार ज्यादा कैफीन बच्चे की ग्रोथ में समस्या कर सकती है, बच्चे को अनहेल्दी या अंडरवेट बना सकती है, यहां तक कि स्टिलबर्थ का कारण बन सकती है।
यह तो आप जानती होंगी कि प्रेगनेंसी में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग बहुत खतरनाक है। मगर प्रेंगनेंसी से कम से कम तीन महीने पहले ही आपको स्मोकिंग और ड्रिंकिंग छोड़ देनी चाहिए।
स्ट्रेस आपका और आपके बेबी का सबसे बड़ा दुश्मन है। रिलैक्स रहें, खुश रहें और स्ट्रेस से दूर रहें। इसके लिए आप योग और मेडीटेशन का सहारा ले सकती हैं।
ये प्री-प्रेगनेंसी केयर और बदलाव कब से स्टार्ट करने चाहिए?
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कस्टमाइज़ करेंडॉक्टर इन बदलावों को प्रेगनेंसी से कम से कम तीन महीने पहले से ही अपनाने की सलाह देते हैं। इन बदलाव से आप अपनी फर्टिलिटी भी बढ़ा सकती हैं और पोस्ट प्रेगनेंसी रिकवरी भी आसान हो जाती है।
इन बदलावों से आपके कन्सेप्शन के चांस बढ़ेंगे और कॉम्प्लिकेशन नहीं होंगे। इस तरह आपका बच्चा भी हेल्दी होगा।