अश्वगंधा को इंडियन जिनसेंग भी कहा जाता है। यह एक आयुर्वेदिक हर्ब है, जिसके कई संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। अश्वगंधा के पौधों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाने में मदद कर सकते हैं। इससे तनाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया में सुधार होता है और ब्लड ग्लूकोज लेवल घटता है। अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाकर कुछ बीमारियों से भी सुरक्षित करता है। एक्सपर्ट से जानते हैं कि अश्वगंधा कैसे डायबिटीज मरीज को फायदा पहुंचाता है। ब्लड ग्लूकोज लेवल कंट्रोल (Ashwagandha for Diabetes) करने के लिए इसे कैसे लेना चाहिए।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू कहती हैं, ‘अश्वगंधा मानसिक और शारीरिक दोनों स्थितियों के लिए स्वास्थ्य लाभ देता है। यह हजारों वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का हिस्सा रहा है। एक स्टडी में पाया गया कि अश्वगंधा इंसुलिन स्राव को बढ़ाने में मदद करता है। यह मांसपेशियों की कोशिकाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। स्टडी बताती है कि मधुमेह वाले लोगों को अश्वगंधा की जड़ का पाउडर देने से उनके रक्त शर्करा को कम करने में मदद मिल सकती है।’
अश्वगंधा विशेष रूप से उपवास और भोजन के बाद की अवधि के दौरान इंसुलिन संवेदनशीलता बढाता है। इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य करने के लिए यह जाना जाता है।
कैसे करें प्रयोग
एक पैन में एक गिलास दूध और आधा गिलास पानी मिलाकर लें। इसे उबाल लें।
इसमें आधा चम्मच अश्वगंधा जड़ का पाउडर डालें।
इसे 5 मिनट तक उबालें।
मिश्रण में कुचले हुए बादाम और अखरोट मिला सकती हैं।
ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए इस मिश्रण को पिएं।
विथाफेरिन ए नामक सक्रिय पदार्थ की उपस्थिति के कारण अश्वगंधा में सूजन-रोधी और दर्दनाशक गुण भी होते हैं। शुगर के अलावा गठिया के मरीज भी इसे ले सकते हैं।
कैसे करें प्रयोग
आधा चम्मच अश्वगंधा जड़ का पाउडर लें।
इसे एक ग्लास दूध में मिला लें।
इसे दिन में तीन बार भी पियें।
ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल करने के अलावा यह बच्चों की हाइट बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है।
कैसे करें प्रयोग
10-20 मिलीलीटर अश्वगंधारिष्ट लें।
इसमें बराबर मात्रा में पानी मिलाएं है।
इसे खाने के बाद दिन में दो बार कम से कम 3-4 महीने तक पियें।
कैसे करें प्रयोग
1/2 चम्मच अश्वगंधा जड़ का चूर्ण लें।
इसे एक गिलास गुनगुने दूध में मिला लें है।
अच्छी नींद के लिए बिस्तर पर जाने से पहले इसे पिएं।
अश्वगंधा की जड़ का पाउडर दूध में मिलाने से रक्तचाप कम हो सकता है।
कैसे करें प्रयोग
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कस्टमाइज़ करेंएक कप पानी में 1/2 चम्मच अश्वगंधा जड़ का पाउडर मिला लें।
मिश्रण को पैन में कम से कम 10 मिनट तक उबालें।
इसमें नींबू की कुछ बूंदें और 1 चम्मच शहद मिलाएं।
इस मिश्रण को दिन में एक बार सुबह पिएं।
बढ़े हुए कोर्टिसोल स्तर के साथ पेट की चर्बी अधिक विकसित होती है। मोटापा से डायबिटीज हो सकता है। अश्वगंधा कोर्टिसोल के स्तर को सामान्य करता है, जिससे बढ़ते वजन से जुड़े जोखिमों को प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
कैसे करें प्रयोग
1/2 चम्मच अश्वगंधा की पत्तियों का चूर्ण लें।
इसे 1 चम्मच शहद में मिला लें।
इसे दिन में एक या दो बार भोजन से पहले लें।
बेहतर परिणामों के लिए इसे 1-2 महीने तक रोजाना दोहराएं।
यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की दवा ले रही हैं, तो अश्वगंधा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अश्वगंधा लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें।