कई बार लोग लंबे ट्रैवलिंग के दौरान तो कुछ जरूरी काम करते हुए या ऑफिस मीटिंग में स्टूल रोके रखते हैं। वहीं कई बार लोग इसे अपनी आदत बना लेते हैं, और रोजाना लंबे समय तक स्टूल को रोक कर रखते हैं। खासकर बच्चों में यह एक बेहद बुरी आदत होती है। जैसे ही बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं और 6 से 7 साल के होते हैं, वे स्टूल रोकना शुरू कर देते हैं। यदि किसी व्यक्ति को ये आदत लग जाए और वे नियमित रूप से लंबे समय तक स्टूल रोकना शुरू कर दें, तो इससे सेहत को कई रूपों में नुकसान हो सकता है (side effects of holding stool too long)।
लंबे समय तक स्टूल रोकने की आदत आपके शरीर को बीमार कर सकती है। यदि आपको भी यह आदत है तो इसे पूरी तरह से अवॉइड करने की कोशिश करें। वोकहार्ड हॉस्पिटल मीरा रोड मुंबई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ प्रतीक तीबड़ेवाल ने लंबे समय तक स्टूल होल्ड करने के कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स बताए हैं (side effects of holding stool too long)। तो चलिए जानते हैं, आपके लिए इस आदत को हमेशा के लिए अलविदा कहना क्यों जरूरी है।
लंबे समय तक स्टूल को रोक करके रखने की आदत आपको बवासीर का शिकार बना सकती है। बवासीर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रेक्टस यानी की मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है। यह एक बेहद दर्दनाक स्थिति हो सकती है। इसमें आपके लिए मल त्याग करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
लंबे समय तक मल को रोक करके रखने की आदत आपको कब्ज का शिकार बना सकती है, जब आप मल को जानबूझकर रोके रहती हैं, तो यह अधिक हार्ड हो जाति है, जिसकी वजह से क्रॉनिक कॉन्स्टीपेशन हो सकता है। वहीं कॉन्स्टीपेशन ब्लोटिंग, पेट दर्द जैसी अन्य समस्याओं को अपने साथ लेकर आता है। यदि इन्हें अवॉइड करना चाहती हैं, तो मालत्याग की इच्छा होने पर फौरन बाथरूम जाएं।
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मल को रोके रखने से आपकी आंतों के बैक्टीरिया में परिवर्तन हो सकता है। विशेष रूप से मलासाय के भरे होने की वजह से बैड बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ जाते हैं। आंतों में बढ़ता खराब बैक्टीरिया जो कई तरह की बीमारियों से जुड़ा हो सकता है।
मलाशय के अधिक भरे होने की वजह से, या मल त्याग के लिए ज़ोर लगाने से मूत्राशय को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां जिसे पेल्विक फ्लोर कहते हैं, उसे नुकसान हो सकता है। यह आगे चलकर अधिक खतरनाक बीमारी में परिवर्तित हो सकता है।
मल को रोके रखने से एपेंडिसाइटिस होने का खतरा दोगुना हो सकता है। इस स्थिति में ऑपरेशन एक आखिरी विकल्प बच जाता है। इसलिए, मल को रोककर न रखें, महसूस होने पर मलाशय को फौरन खाली कर दें।
पबमेड सेंट्रल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग लगातार मल को रोक कर रखते हैं, उनमें कोलन की अंदरूनी परत स्थायी रूप से सूज जाती है और बैक्टीरिया की संख्या बढ़ गई थी। क्या आप जानते हैं कि यह कोलन कैंसर का कारण बन सकता है? यदि नहीं तो आपको यह मालूम होना चाहिए, ताकि आप अपनी आदत में सुधार करें।
नोट: जिन लोगों को मल त्याग करने में कठिनाई होती है, या उन्हें मल त्याग करने की इच्छा नहीं होती, तो हम उन्हें उपाय बताते हैं। परंतु जब आपको बाथरूम जाने की अर्जेंसी महसूस हो रही है और आप जानबूझकर इसे रोके हुए हैं, तो यह पूरी तरह से आपकी गलती है। आपको अपनी इस आदत में सुधार करने की आवश्यकता है। सुबह उठकर एक गिलास हल्का गुनगुना पानी पिएं और सबसे पहले बाथरूम में जाकर कम से कम 2 मिनट बैठने की आदत डालें।
इसके साथ ही स्वस्थ एवं संतुलित खाद्य पदार्थों का सेवन करें विशेष रूप से फाइबर को डाइट में शामिल करना जरूरी है। वहीं यदि आपको कभी ऑफिस मीटिंग या किसी जरूरी काम को करते हुए बाथरूम की अर्जेंसी महसूस हो, तो अपने सीनियर को बताकर बाथरूम जा सकती है इसमें कोई बुराई नहीं है।
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