हाथों में खुजली होने से कई धारणाएं जुड़ी हुई हैं, मगर वास्तव में हथेली को बार बार खुजलाना स्किन संबधी समस्याओं की ओर इशारा करता है। गर्मी के कारण बार बार पसीना आना और मच्छर काटने से भी समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, मौसम बदलने के साथ स्किन में भी बदलाव आने लगते हैं। इससे हाथों और पैरों समेत शरीर में अन्य अंगों में भी खुजली बढ़ने लगती है। ऐसे में खुजली से झटपझ राहत पाने के लिए लोग कई प्रकार की रेमिडीज़ को अपनाते हैं। मगर समस्या दूर नहीं होती है। जानते हैं हथेलियों में बढ़ने वाली खुजली के कारण और इससे उबरने के उपाय भी ।
इस बारे में फीजिशियन डॉ दीपक पताडे बताते हैं कि गर्मी के मौसम में हथेलियों पर खुजली की समस्या बढ़ जाती है। कई कारणों से बढ़ने वाला एलर्जी रिएक्शन इस समस्या का मुख्य कारण साबित होता है। इसके अलावा हैंड एग्जिमा, डायबिटीज, सिरासिस और नर्व डिसऑर्डर इस समस्या के बढ़ने का कारण साबित होते हैं। बार बार केमिकल्स के संपर्क में आने से हाथों में खुजली बढ़ने लगती है। ऐसे में हाथ धोने के लिए माइल्ड सोप का प्रयोग करें और खुशबू रहित प्रोडक्टस को इस्तेमाल में लाएं।
सेंटर फॉर डिजीज़ कन्ट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार इंम्पीटाइगो हाथों, पैरों, चेहरे और नाक के नज़दीक होने वाले स्किन इंफैक्शन को कहते हैं। इससे खुजली के बाद स्किन पर पीले रंग के दाने उबरने लगते हैं, जिसमें खुजली, जलन और दर्द महसूस होती है।
कॉटेक्ट डर्माटाइटिस से त्वचा पर खुजली की समस्या बढ़ने लगती है। खासतौर से हाथों और पैरों पर इस समस्या का सामना करना पड़ता है। पौधो, खुशबूदार चीजों, मेटल और मेडिकेशंस से इस समस्या का खतरा बढ़ने लगता है। दरअसल, ये समस्या किसी चीज़ को छूने से बढ़ती है, जिससे एलर्जी का सामना करना पड़ता है।
डायबिटीज़ के मरीजों को खुजली की समस्या का सामना करना पड़ता है। यूएस डर्माटोलॉजी के मुताबिक शरीर में ब्लड ग्लूकोज़ के बढ़ने और इंसुलिन सेंसिटीविटी कम होने से खुजली बढ़ने लगती है। बार बार खुजली होने से त्वचा लाल और सूजने लगती है। डायबिटीज के मरीजों की त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है, जिससे शरीर पर खुजली होने लगती है।
यूएस डर्माटोलॉजी के अनुसार त्वचा में रूखापन बढ़ना भी हथेलियों की खुजली का कारण बनने लगता है। त्वचा को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए ग्लिसरीन, मॉइश्चराइज़र, लेक्टिक एसिड और एलोवेरा जेल को प्रयोग करें। सेंसिटिव स्किन में बढ़ने वाली खुलजी को कम करने के लिए खुशबू रहित लोशन का प्रयोग करें।
एग्जिमा से त्वचा पर इचिंग की समस्या बनी रहती है, जिससे इंफ्लामेशन का खतरा रहात हे। इससे त्वचा लाल होने लगती है और त्वचा पर दाने बढ़ने लगते हैं। इससे बचने के लिए माइल्ड साबुन और मॉइश्चराइज़र का प्रयोग करें।
सोराइसिस एक क्रानिक ऑटो इम्यून डिज़ीज़ है, जिसे व्यक्ति की हथेलियों और पैरों के तलवों पर खुजली की समस्या का सामना करना पड़ता है। तनाव, मौसमी बदलाव और हार्मोन इंबैलेंस इस समस्या का कारण सिद्ध होते हैं। इससे त्वचा पर खुजली करने से लालिमा बढ़ने लगती है।
गर्मी के मौसम में शरीर में आने वाले बदलावों को नियंत्रित करने के लिए खूब पानी पिएं। इसके अलावा वॉटर रिच फूड्स का सेवन करें।
हाथों को गुनगुने पानी से धोना चाहिए। बहुत अधिक गर्म या ठण्डे पानी से हाथ धोना इचिंग का कारण बन सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंवे लोग जो हथेलियों की खुजली से परेशान हैं, उन्हें हाथ धोने के लिए खुशबूदार साबुन की जगह खुशबू रहित साबुन या क्लींजर का उपयोग करना चाहिए।
मॉइश्चर को लॉक करने के लिए अपने हाथों को सुखाने के तुरंत बाद मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए।
काम करते समय या रसायनों या डिटर्जेंट के साथ काम करते समय सुरक्षात्मक दस्ताने पहनना चाहिए। इससे सेंसिटिव स्किन को खुजली से बचाया जा सकता है।
जैल बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र से बचना चाहिए क्योंकि इससे हाथों का रूखापन बढ़ने लगता है।
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