बिना सोचे समझे कुछ भी खाना न केवल इनडाइजेशन का कारण बनता है बल्कि उससे बार बार बर्पिंग या डकार का सामना करना पड़ता है। बहुत बार बात करते करते या मीटिंग रूम में डकार का आना हंसी मजाक का कारण बन जाता है। हांलाकि डकार आना बिल्कुल सामान्य है मगर हर थोड़ी देरे में डकार का सामना करना किसी शारीरिक समस्या का संकेत हो सकता है। जानते हैं लगातार डकार आने के कारण (Causes of burping) और इससे बचाव के उपाय भी।
इस बारे में बातचीत करते हुए न्यूट्रीशनिस्ट एंव डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि पेट में बहुत से डाइजेस्टिव एसिड (digestive acid) पाए जते हैं, जो डाइजेशन के दौरान गैस रिलीज़ करते हैं। फार्टिंग के अलावा बर्पिंग गैस रिलीज़ करने का हेल्दी तरीका है। अगर गैस पेट में रहती है, तो ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते सूजन और गंभीर पेट दर्द (stomachache) का सामना करना पड़ता है। इससे एसिडिटी की समस्या भी बढ़ जाती है।
एक साथ अधिक मात्रा में खाना और देर तक खाली पेट रहने के बाद कुछ भी खाना डकार का कारण बनने लगता है। खाना खाने के बाद डकार आने के बाद कुछ भी खाने से बचना चाहिए। दरअसल, डकार पेट भरने का संकेत मात्र होता है। इसके अलावा एसिडिक बैवरेजिज का सेवन करने से भी डकार की समस्या से दो चार होना पड़ता है।
वे लोग जो जल्दबाज़ी में खाना खाते हैं, उन्हें बार बार डकार आने की समस्या (causes of burping)बनी रहती है। डकार से बचने के लिए खाने को पूरी तरह से चबाएं और फिर उसे निगलें। इससे न केवल डाइजेशन बूस्ट होता है बल्कि बर्पिंग से बचा जा सकता है। तेज़ी से खाना खाने से ज्यादा मात्रा में एयर निगलने लगते हैं।
ऐसे लोग जिन्हें गैस्ट्राइटिस की समस्या रहती है, उन्हें खाने के बाद लगातार डकार आते रहते है। दरअसल, पेट की लाइनिंग में स्वैलिंग से गैस्ट्राइटिस का सामना करना पड़ता है। इससे गट हेल्थ प्रभावित होती है। ऐसे में बार बार डकार आना गैस्ट्राइटिस का ही एक लक्षण है। इसके चलते भूख न लगना, लो एपिटाइट और पेट दर्द का सामना करना पड़ता है।
एक ही समय में ज्यादा खाना बर्पिग का कारण बनने लगता है। नेशनल इंस्टीट्यूट आूफ डायबिटीज़ एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिज़ीज़ के अनुसार बड़ी मील्स खाने से पेट में गैस जमा होने लगती है, जिससे खाने के बाद डकार आने लगते हैं। ऐसे में स्मॉल पोर्शन मील लें और धीरे धीरे खाएं। साथ ही खाना खाने के दौरान बात करने से भी बचें।
एसिडिक बैवरेजिज़ और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स डकार का कारण बनने लगते है। दरअसल, इन्हें पीने के दौरान इस पर बुलबुले नज़र आने लगते है, जो एयर की तरह एसोफेगस में जाकर एकत्रित हो जाते हैं। फिर वो डकार के रूप में रिलीज़ होने लगते है। कुछ लोग खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करते है, जिससे डकार का सामना करना पड़ता है।
चावल, प्याज, आलू, खीरा, गोभी और ब्रोकली समेत ऐसे कई फूड्स है, जिनका सेवन करने से पेट में गैस बनने लगती है। इससे बर्पिंग का सामना करना पड़ता है। दरअसल इन सभी खाद्य पदार्थों के डाइजेशन के दौरान गैस प्रोडयूस होती है, जो बर्पिंग को बढ़ाती है।
बहंत देर से भूखे होने के बाद एक साथ मील्स ले लेना डकार का कारण बन जाता है। दरअसल, लंबे वक्त तक खाना न खाने से पेट में ज्यादा गैस एकत्रित हो जाती है, जो बलोटिंग को बढ़ाती है। इसके चलते व्रत को खोलने के बाद स्मॉल मील्स लेने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें आसानी से पचाया जा सके।
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