दिन भर में हमे कई तरह की समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इससे हम मानसिक और शारीरिक रूप से थकान का अनुभव करते हैं। अब जब सभी कामों को निपटाकर खुद के लिए खाली वक्त मिलता है, तो उसे हम गैजेटस के साथ एंगेज होकर गवा देते हैं। इससे बॉडी में थकावट ज्यों की त्यों बनी रहती है। खुद को रिफ्रेश करने और दोबारा से एनर्जी से भरने के लिए इन टिप्स (how to relax your body and mind) को अपने रूटीन में शामिल करें।
इस बारे में गंगा राम हास्पिटल की साइकॉलोजिस्ट, सीनियर कंसलटेंट डॉ आरती आनंद हमें बता रहीं हैं कि इससे न केवल हमारी वर्क क्वालिटी बेहतर (Enhance work quality) होगी, बल्कि हमारा फोकस भी बढ़ेगा। आप चाहें, तो अपने पसंदीदा गेम्स और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करके खुद को उर्जावान महसूस कर सकती हैं। आइए जानते हैं, इनसे कुछ और टिप्स।
अगर हम दिन की शुरूआत ब्रीदिंग एक्सरसाइज से करते हैं, तो इससे दिन भर तनाव मुक्त रहा जा सकता है। दरअसल, इसे रूटीन में शामिल करने से शरीर में से हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते है, जो दिन भर हमारी खुशी का कारण बने रहते है। गहरी सांस लेने और धीरे धीरे सांस छोड़ने की तकनीक को समझकर आप तनाव को अपने शरीर से आसानी से रिलीज़ कर सकते हैं।
इस तकनीक को अपनाकर मसल्स में होने वाली ऐंठन से छुटकारा मिल सकता है। लंबे समय तक बैठने से मांसपेशियों में आने वाले खिंचाव के कारण हम अपने काम पर पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाते हैं। इस प्रक्रिया को करने के लिए सबसे पहले एक शांत जगह पर जाएं। जहां आप आराम की मुद्रा में बैठ सकें। सबसे पहले एक लंबी सांस लें और कुछ सेकेण्ड्स तक वैसे ही रहें। उसके बाद सांस को धीरे-धीरे छोड़ते चलें।
अब दोनों हाथों को कस लें और ऊपर की ओर खींचें। उसके बाद आंखें बंद कर ले और भौंहों को ऊपर की ओर करें। इसके बाद सिर को पीछे की ओर ले जाएं। पैरों की उंगलियों को हिलाएं। ऐसा करने से पूरे शरीर में रिलैक्सेशन महसूस होने लगेगा। सिर से लेकर पैरों तक मांसपेशियों में आने वाले खिंचाव से खुद को तरोताज़ा और तनाव रहित महसूस करने लगेंगे।
स्टैनफोर्ड एजुकेशन रिसर्च के मुताबिक ब्रेन को रिलैक्स रखने और वर्क क्वालिटी को बढ़ाने के लिए रात में 7 से लेकर 9 घंटे की नींद लेना बहुत ज़रूरी है। रिसर्च कहता है कि हमारे शरीर में सर्कैडियन रिदम है, जिसके मुताबिक बॉडी में 24 घंटे की एक घड़ी मौजूद है। जो हमें इस बारे में बताती है कि हमें कब सोना है और कब उठना है। रिसर्च की मानें, तो जो लोग कम सोते हैं, वे हर दम थके हुए, परेशान और कैफीन की तलाश में रहते है।
इससे कई तरह की बीमारियां हमें अपनी चपेट में ले सकती हैं। साथ ही न हम किसी चीज़ को याद रख पाते हैं और न ही उस पर फोकस कर सकते हैं। एनआइएच के मुताबिक महिलाओं को पुरूषों की तुलना में 28 मिनट ज्यादा सोना चाहिए। इसके अलावा अलग अलग शिफ्टस में काम करने वाले लोग भी स्लीप डिसआर्डर का शिकार रहते है।
दिन भर की थकान के बाद एक हेल्दी मसाज आपको हर तरह की चिंता से मुक्त रखने का काम करती है। इससे आपकी बॉडी और ब्रेन खुद को पहले से बेहतर महसूस करवाते हैं। साथ ही शरीर में जगह-जगह होने वाले दर्द अपने आप दूर होने लगते हैं। आप चाहें, तो प्रोफेशनल्स से या फिर अपने पार्टनर की मदद से मसाज ले सकते हैं। इससे आपके रिश्तों में आने वाली दूरी भी कम होगी।
जब हम बहुत ज्यादा थके होते हैं, तो उस वक्त किसी से बात करना या सुनना पसंद नही करते हैं। हम अपने आप में तकलीफ का अनुभव करते हैं। चिडचिड़े हो जाते है और झुंझलाहट महसूस होने लगती है। विशेषज्ञों की मानें, तो ऐसे में हम अक्सर एकांत खोजते हैं।
अगली बार जब भी आप ऐसी किसी सिचुएशन में हों, तो उस वक्त अपने विचारों को किसी पेज पर ज़रूर लिखें। खुद को सकारात्मकता से भरने के लिए हमेशा उन चीजों का आभार प्रकट करें, जिनसे हमें कुदरत ने नवाज़ा है। परेशानी में भी खुशी का अनुभव करें।
यह भी पढ़ें – इन 4 योगासनों के अभ्यास से आप भी बढ़ा सकती हैं अपने शरीर में लचीलापन, यहां है स्टेप बाय स्टेप तरीका