क्या आपकी मम्मी अकसर पीठ और घुटनों में दर्द की शिकायत करती हैं? खैर, यह यह दर्द से राहत के लिए बाम का उपयोग छोड़ने और उनकी जीवन शैली में कुछ बदलाव लाने का समय है, क्योंकि इस उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
आज हमारे साथ डॉक्टर गौतम शेट्टी हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस को समझाने में हमारी मदद करेंगेे और यह भी बताएंगेे कि इस बीमारी के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है? डॉक्टर गौतम शेट्टी नी एंड ऑर्थोपेडिक क्लिनिक पवई (मुंबई) में कंसल्टेंट ऑर्थोपेेडिक सर्जन एवं क्यूआई स्पाइन क्लिनिक में हेड रिसर्च एंड क्लिनिकल एक्सीलेंस हैं।
अगर सरल भाषा में कहें तो ऑस्टियोपोरोसिस हमारी हड्डियों को कमजोर कर देती है। जिससे अचानक फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ शेट्टी बताते हैं, “ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में कमी कर देता है।”
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में, यह पाया गया कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम अधिक होता है। शोध में आगे कहा गया है कि 50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को स्तन कैंसर केे बराबर ही हिप फ्रैक्चर से मरने का जोखिम होता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम रजोनिवृत्ति की उम्र की अपनी मम्मी को इस बीमारी से बचाने में मदद करेें।
डॉ शेट्टी बताते हैं, “कैल्शियम के स्तर को बनाए रखने के लिए, हमारा शरीर इसे हमारी हड्डियों से बाहर लेना शुरू कर देता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैंं।”
यह एक साइलेंट डिसीज है। शुरू में ऑस्टियोपोरोसिस का कोई लक्षण नजर नहीं आता। महिलाओं को तब तक इसके बारे में पता नहीं चल पाता जब तक वे अचानक गिरकर फ्रैक्चर की शिकार नहीं हो जातीं। डॉ शेट्टी कहते हैं, “अधिकांश रोगी विभिन्न जोड़ों और हड्डियों में सामान्य दर्द की शिकायत लेकर आते हैं।”
वे कहते हैं, “रजोनिवृत्ति की उम्र से पहले ही महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के उपाय कर सकती हैं।”
तो, यहां वे पांच जरूरी कदम हैं, जो आपकी मम्मी को ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं:
सबसे पहले, आपको अपनी मम्मी के पास बैठकर शांति से उनकी बीमारी को समझाना चाहिए। इस तरह आप उनकी समस्या को अच्छी तरह समझ पाएंगी और इलाज की तरफ बढ़ पाएंगी। आप उनकी बोन डेंसिटी की जांच करवा सकती हैं। डॉ. शेट्टी बताते हैं, “45 से अधिक उम्र की महिलाओं को अपनी हड्डी के स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए एक डेक्सटर और विटामिन डी का टेस्ट करवाना चाहिए।”
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कस्टमाइज़ करेंनिश्चित रूप से, यह सरल लगता है, लेकिन मांओं को अपने स्वयं के स्वास्थ्य को गंभीरता से न लेने के लिए जाना जाता है। तो आपको यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि वह संतुलित आहार ले रहीं हैं या नहीं।
डॉ शेट्टी कहते हैं, “मेडिकल स्टडीज से पता चलता है कि जो लोग कम वजन वाले हैं उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम ज्यादा होता है।” इसलिए यदि आपकी मम्मी का वजन कम है और वह बहुत पतली हैं तो आपको यह देखना होगा कि वे संतुलित आहार लें और हेल्दी वेट बनाए रखें।
कैल्शियम और स्वस्थ हड्डियों को समानार्थी माना जाता है। यदि आपके शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है तो वह आपकी हड्डियों से इसे लेना शुरू कर देता है। ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए आपको हर दिन अपनी मम्मी के डाइट में उन आहार को शामिल करना है, जिनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम हो।
नेपाली इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर दिन 1200 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। तो सुनिश्चित करें कि वह दूध और डेयरी उत्पादों, डिब्बाबंद बोन मछली जैसे सैल्मन और/या सार्डिन, गहरी पत्तेदार सब्जियां आदि को अपने आहार में शामिल करें। आप कैल्शियम की खुराक के बारे में अपने चिकित्सक से भी बात कर सकती हैं।
कैल्शियम आपकी मम्मी की हड्डी की ताकत बनाए रखने में मदद करेगा, जबकि विटामिन डी हड्डियों द्वारा कैल्शियम के अवशोषण में मदद करताहै।
हालांकि सूरज की रोशनी आपके शरीर में विटामिन डी का उत्पादन करने में मदद करती है पर आप इसे खाद्य पदार्थों से भी प्राप्त कर सकते हैं। विटामिन डी के कुछ सबसे रिच सोर्स हैं अंडे, मशरूम, डेयरी, कॉड लिवर ऑयल, दही, सैल्मन और टूना।
चूंकि हमारी मां अपना ज्यादातर समय घर के अंदर ही बिता रही हैं, इसलिए आप उनके लिए विटामिन डी की खुराक के बारे में अपने चिकित्सक से भी बात कर सकती हैं। हालांकि डॉ शेट्टी कहते हैं: “जब तक आपको पता न हो कि उनमें विटामिन डी की कमी है, तब तक सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए।”
कोई भी वेट बियरिंग एक्सरसाइज उनकी बोन हेल्थ के लिए बेहतर काम कर सकती है। इससे उनकी बोन्स की ताकत और मांसपेशियों की मजबूती बढ़ेगी। नियमित व्यायाम भी बोन्स के लचीलेपन में वृद्धि करेगा। जिसके चलते गिरने पर फ्रैक्चर के जोखिम को कम किया जा सकेगा।
अगर डंबल्स नहीं भी करने हैं तो आप उन्हें तेज चलने, एरोबिक्स, योग, नृत्य करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।