प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को बेहद केयरफुल रहने की आवश्यकता होती है। रेस्टोरेंट महिलाओं द्वारा की गई छोटी सी वीडियो बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकती है। आज के समय में जितनी ज्यादा टेक्नोलॉजी डेवलप कर रही है, उतना ही वातावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है। साथ ही महिलाओं के लाइफस्टाइल में भी काफी बदलाव आया है। यह सभी फैक्टर्स प्रेगनेंसी के दौरान बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकते हैं। बच्चों में किसी भी प्रकार के बर्थ डिफेक्ट (birth defect) को अवॉइड करने के लिए महिलाओं के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस विषय पर डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पिंपरी पुणे की IVF स्पेशलिस्ट, रिप्रोडक्शन और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसलटेंट, डॉक्टर बुशरा खान ने कुछ जरूरी सलाह दी है। तो चलिए जानते हैं, आखिर प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं किन बातों का ध्यान रख बर्थ डिफेक्ट को अवॉयड कर सकती हैं (healthy pregnancy tip)।
बर्थ डिफेक्ट जन्म से बच्चों में नजर आने वाले स्ट्रक्चरल बदलाव को कहते हैं। बर्थ डिफेक्ट से ग्रसित बच्चों के हार्ट, ब्रेन, स्पाइन, स्किन आदि में सामान्य से अलग स्ट्रक्चर नजर आ सकता है। बर्थ डिफेक्ट बॉडी के बनावट, बॉडी ऑर्गन्स के फंक्शन यहां तक की दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। यह बेहद कॉमन हो चुका है। यूनाइटेड स्टेट में हर वर्ष लगभग 33 बच्चों में से एक बच्चा सीरियस बर्थ डिफेक्ट से ग्रसित होता है।
जनवरी को नेशनल बर्थ डिफेक्ट अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। 2024 में नेशनल बर्थ डिफेक्ट अवेयरनेस मंथ का थीम “एवरी जर्नी मैटर्स” रखा गया है। इस महीने लोगों के बीच बर्थ डिफेक्ट को लेकर जरूरी जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है। वहीं बर्थ डिफेक्ट को अवॉइड करने के लिए बचाव के कुछ जरूरी मेजर्स सुझाए जाते हैं।
फोलिक एसिड बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कई मेजर बर्थ डिफेक्ट के खतरे को कम कर देता है, जैसे कि ब्रेन और स्पाइन संबंधी समस्याएं। ऐसे बर्थ डिफेक्ट प्रेगनेंसी के शुरुआत में ही डेवलप होने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्युकी ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड का निर्माण करने वाले न्यूरल ट्यूब पूरी तरह से क्लोज नहीं हो पाते। आपको कंसीव करने के लगभग एक महीने पहले से ही पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड लेना शुरू कर देना चाहिए, जिसे आपको प्रेगनेंसी में भी कंटीन्यू रखना है।
फोलिक एसिड विटामिन बी का सिंथेटिक वर्जन है, जिसे फोलेट भी कहते हैं। यह आमतौर पर हरी सब्जी, बीन्स, मटर और नट्स में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। हो सकता है कि आपका खाद्य स्रोत फोलिक एसिड की आवश्यकता को पूरा न कर पाए, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह से मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स के माध्यम से फोलिक एसिड की मात्रा को मेंटेन रख सकती हैं।
यदि आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको अपनी हेल्थ कंडीशन की जांच करवानी चाहिए। यदि आपको वर्तमान में किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, या आप उसकी दवाइयां ले रही हैं, तो इनके बारे में डॉक्टर से जरूर चर्चा करें। वही कंसीव करने के पहले या प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी दवाई को बंद करना चाहती हैं, या कोई नई दवाई लेना चाहती हैं, तो इस बारे में भी डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है। क्योंकि कुछ मेडिसिंस के कंपोजिशन हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बनते हैं, और इनकी वाह से बर्थ डिफेक्ट हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला शराब का सेवन करती है, तो यह ब्लडस्ट्रीम से पास होते हुए बच्चों के एंबिलिकल कॉर्ड तक पहुंच जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान एक घूंट भी शराब का सेवन सुरक्षित नहीं है, यह बर्थ डिफेक्ट के खतरे को बढ़ाने वाला एक सबसे बड़ा फैक्टर है। वहीं केवल प्रेगनेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि कंसीव करने का सोच रही हैं, तो लगभग 4 से 6 महीने पहले से ही शराब के सेवन से पूरी तरह परहेज रखें।
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वाइन और बीयर जैसे किसी भी प्रकार के अल्कोहल युक्त ड्रिंक्स बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। प्रेगनेंसी के दौरान शराब पीना मिसकैरेज, स्टीलबर्ड सहित बच्चे के लिए लाइफ लॉन्ग फिजिकल, बिहेवियरल और इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी का कारण बन सकता है।
यदि आपको डायबिटीज है और आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है इन साथी डॉक्टर के संपर्क में रहें। यदि प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, तो ऐसे में आपको डॉक्टर के संपर्क में रहने के साथ ही अपने ब्लड शुगर लेवल पर नियंत्रण पाने के लिए उचित बातों का ध्यान रखना चाहिए। बढ़ता ब्लड शुगर लेवल कई सीरियस बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकता है, साथ ही साथ यह अन्य प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस को भी बढ़ा देता है।
यदि आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको अपने बीएमआई का ध्यान रखना चाहिए। हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए हेल्दी वेट मैनेजमेंट भी जरूरी है, इसलिए कंसीव करने के पहले अपने वजन पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान भी उचित गतिविधियों में भाग लें और खुद का वेट मेंटेन रखें। ओबेसिटी महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान कई सीरियस बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकती है। यदि आपका वजन अधिक है और आप कंसीव करना चाह रही हैं, तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें और उनके सलाह के बगैर कोई भी कदम न उठाए।
प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है, कि आपने सभी आवश्यक वैक्सीन लगवा ली हों। क्योंकि वैक्सीन न लगवला भी, चाइल्ड बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकता है। फ्लू शॉट वैक्सीन को प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान जरूर लगवाना चाहिए। वहीं व्हूपिंग कफ वैक्सीन को प्रेगनेंसी के आखिरी के 3 महीने पहले लगवाना चाहिए।
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