आपने मानसून के बारे में अकसर लोगों को विटामिन डी के बारे में बात करते सुना होगा। पर इस मौसम में इस बारे में इस खास विटामिन की इतनी ज्यादा बात क्यों की जा रही है! असल में, इस मौसम में सूरज देश के अधिकांश हिस्सों में छुपन छुपायी खेलता रहता है। जिसकी वजह से हर रोज मिलने वाली विटामिन डी की हमारी खुराक में कमी आ जाती है।
इसके कई कारण है। सबसे पहले, 2018 में जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड फैमिली केयर में प्रकाशित एक अध्ययन पर बात करें। इसमें कहा गया है कि भारत के सभी आयु वर्ग के लोगों में विटामिन डी की कमी 80 से 90% तक है, जिसके चलते ऑटोइम्यून बीमारियों के साथ हृदय रोगों, कैंसर और तपेदिक तक का खतरा पैदा हो जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हमें अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता है।
एल्सवियर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी कलेक्शन (Elsevier Public Health Emergency Collection) पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की कमी कोविड -19 संक्रमण को और अधिक गंभीर बना सकती है। यही कारण है कि इन दिनों विटामिन डी इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है।
एक अस्वास्थ्यकर आहार और एक गतिहीन जीवन शैली इसके दो मुख्य कारकों में से हैं। लेकिन जेन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, मुंबई में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राकेश नायर के अनुसार, विटामिन डी की कमी के पीछे प्रमुख कारण सूर्य के संपर्क में कमी है।
वह कहते हैं, “हम अपना अधिकांश समय घर के अंदर बिताते हैं, चाहे वह कार्यालय हो या घर। यहां तक कि हम ज्यादातर शाम के समय ही बाहर जाने का फैसला करते हैं, जब सूर्य नहीं होता है। इससे विटामिन डी की कमी होती है। असल में, सूरज की रोशनी विटामिन डी के अवशोषण की प्रक्रिया को सक्रिय करने में मदद करती है और यही कारण है कि आपको हर दिन इसकी आवश्यकता होती है।”
उन्होंने कहा, “अकसर लोग मुझसे पूछते हैं कि बाहर जाने का आदर्श समय क्या है। हर किसी के लिए मेरा सरल जवाब यह है कि आप दिन के किसी भी समय में खुद को सूरज की रोशनी में ला सकते हैं। जिन लोगों की स्किन टोन डार्क है, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि त्वचा में मेलेनिन सूरज की रोशनी के लिए बाधा के रूप में कार्य करता है।”
डॉ नायर के मुताबिक सबसे दुखद बात यह है कि 20 से 25 वर्ष की आयु के उनके युवा रोगी उनके पास बदन दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं। यह विटामिन डी की कमी के कारण है।
यही कारण है कि विटामिन डी की कमी के लक्षणों को जानना और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि आप बहुत देर होने से पहले इसका इलाज किया जा सके।
यहां विटामिन डी की कमी के पांच खतरनाक संकेत दिए गए हैं:
डॉ नायर के अनुसार, यह युवाओं के साथ होता है, जब वे जिम जाना शुरू करते हैं। व्यायाम के कारण उनकी मांसपेशियां में बदलाव आते हैं। जो एक टोंड बॉडी के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यदि आपको विटामिन डी की कमी है, तो इसकी रिकवरी की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और वो रिजल्ट नहीं मिल पाते जिनके लिए आप मेहनत कर रहे हैं।
डॉ नायर कहते हैं, “रिकवरी में इस तरह की देरी मुख्य रूप से विटामिन डी की कमी वाले आहार के कारण होती है। लगभग 80 से 90% रोगियों में यह कमी है। बुजुर्गों में, रिकवीर में समय लगता है, क्योंकि वे शायद वे विटामिन डी समृद्ध भोजन का सेवन नहीं करते थे जब वे छोटे थे। मैं जिम स्टार्ट करने से पहले लोगों को विटामिन डी पूरक लेने की सलाह दूंगा। साथ ही, एक टेस्ट यह भी कराएं कि आप में विटामिन डी की कितनी कमी है।”
वे कहते हैं, “विटामिन डी की कमी के कारण रिकवरी धीमी हो जाती है यह सत्य है। पर आजकल, हम लंबे समय तक बैठे रहते हैं। शारीरिक गतिविधि कम है और इसके ऊपर, हम विटामिन डी की आवश्यक मात्रा का सेवन भी नहीं कर पा रहे, तो यह सबसे ज्यादा खतरनाक है। पीठदर्द की शिकायत करने वाले अधिकांश लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है।”
डॉ नायर के अनुसार, आपकी समग्र चिकित्सा प्रक्रिया विटामिन डी की कमी के कारण प्रभावित हो सकती है। इसके कारण आपके घावों को भरने में औसत से ज्यादा समय लग सकता है।
यदि आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं, तो इसकी एक वजह विटामिन डी की कमी हो सकती है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में यह बाल झड़ने का कारण बनता है। प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार आण्विक विज्ञान के इंटरनेशनल जर्नल में। मोलीक्यूलर साइंस पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की कमी से सीरम को नुकसान पहुंचता है, जिससे आपके बाल गिरने लगते हैं।
तो अगर आपके बाल बहुत ज्यादा गिर रहे हैं तो आपको एक बार अपना विटामिन डी लेवल जरूर चैक करवा लेना चाहिए। अगर सचमुच आप में विटामिन डी की कमी है, तो यह सारे काम छोड़कर कुछ देर धूप में बैठने का समय है।
न केवल कोरोनावायरस बल्कि विटामिन डी की कमी भी अन्य श्वसन रोगों का कारण बन सकती है। यह आपको सांस संबंधी एलर्जी के प्रति अधिक संवेदेनशील बनाता है। और श्वसन पथ में जलन का कारण बनता है। एलर्जी और इम्यूनोलॉजी के अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मानसून के मौसम के दौरान, हवा में पराग, कवक और अन्य बैक्टीरिया की उपस्थिति के कारण, एलर्जी से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती है।
वह कहते हैं, “इसके लिए आपको विटामिन डी से युक्त आहार लेना बहुत जरूरी है और सूरज के संपर्क में आना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। विटामिन डी के लिए बाजार में उपलब्ध कई सप्लीमेंट हैं, लेकिन यदि आप अंडे की जर्दी, मछली (मैकेरल या सार्डिन) और पनीर खाते हैं, तो आप सुरक्षित स्तर पर रहेंगे। सिर्फ दूध पीना ज्यादा फायदेमंद नहीं हो सकता। तो, इन तीनों को खाएं और अपने विटामिन डी लेवल को दुरुस्त रखें।”
तो, लेडीज, अब आपको पता चल ही गया है कि विटामिन डी कितना महत्वपूर्ण है और इसे कहां से हासिल करना है!
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।