ये 5 योगासन आपकी मम्मी के ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को इतना कमजोर कर देता है कि वह आपके शरीर को सपोर्ट भी नहीं कर पातीं। हो सकता है आपकी मम्मी इसी समस्या से गुजर रहीं हों। आप इन 5 योगासनों की मदद से उन्हें इस समस्या में आराम दिला सकती हैं।
ओस्टीयोपोरोसिस की समस्या मेनोपॉज के बाद शुरू होती है, लेकिन अगर आप रोज़ाना एक्सरसाइज करेंगी तो समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। चित्र- शटर स्टॉक।
हड्डी की सबसे आम समस्याओं में से एक है ऑस्टियोपोरोसिस। अकेले भारत में ही हर साल 10 मिलियन से अधिक लोगों इससे प्रभावित होते हैं और दुनिया भर में 200 मिलियन से ज्यादा लोग। इस बीमारी का शाब्दिक अर्थ है ‘छिद्रपूर्ण हड्डियां’ (porous bone), ऑस्टियोपोरोसिस एक क्रोनिक कंडीशन है जिसमें आपकी हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि वे आपको सहारा देने मेें भी असमर्थ हो जाती हैं।
मामलों की चौंका देने वाला संख्या के साथ, यह जरूरी है कि हम खुद को हड्डी स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरुक करें। हड्डियां हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण संरचनात्मक फ्रेम प्रदान करती हैं, मस्तिष्क और हृदय जैसे हमारे अधिकांश महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करती हैं। हमारी हड्डियां जीवित ऊतक हैं जो कई महत्वपूर्ण खनिजों को संग्रहीत करती हैं जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस।
यदि आप या आपके प्रियजन ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, तो कुछ प्रतिबंध हैं जिनका आपको सख्ती से पालन करना चाहिए। चूंकि आपकी हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस के साथ फ्रैक्चर या चोट के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। कोई भी हाई इटेंसिटी वाला व्यायाम इस स्थिति में करना ठीक नहीं। लंबे समय तक खड़े होने और उच्च तनाव वाले वातावरण में काम करने से बचें।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि आसन जैसे योगिक क्रियाओं के माध्यम से हड्डी घनत्व में सुधार किया जा सकता है। अपने नियमित फिटनेस सेशन में निम्नलिखित योगासनों के साथ ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें। प्रत्येक आसन को 30 सेकंड तक रखें और 3 बार दोहराएं। इसके लाभों का अनुभव करने के लिए 4 से 6 महीने तक इनका नियमित अभ्यास करें।
1 दंडासन (Staff pose)
दंडासन उर्फ स्टाफ पोज। चित्र : ग्रैंड मास्टर अक्षर
इस तरह बनाएं मुद्रा
बैठ जाएं और आसन शुरू करने के लिए अपने पैरों को आगे बढ़ाएं
अपनी दोनों एड़़ियों को जोड़ते हुए पंजों को ऊपर की तरफ करें।
अपनी पीठ को सीधा रखें
अपने श्रोणि, जांघों, और काल्व्स की मांसपेशियों को कस लें
सुनिश्चित करें कि आप आगे देख रहे हैं
अपनी रीढ़ की हड्डी की सपोर्ट में अपनी हथेेलियों को फर्श पर कूल्हों के पास रखें।
अपने कंधों को ढीला छोड़ दें
30 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें
2 पादोत्तानासन (Wide-legged forward bend)
इस तरह बनाएं मुद्रा
अपनी पीठ के बल झुकना शुरू करें (यदि आवश्यक हो तो आप सपोर्ट के लिए किसी दीवार का उपयोग कर सकती हैं)
अपने पैरों को सीधा रखें और अपने कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं
गहराई से सांस लेने के दौरान अपनी आंखाेें को बंद करके आराम दें
आप दोनों पैरों को सीधे रखते हुए, प्रत्येक पैर को उठा कर होल्ड कर सकती हैं
इस आसन 30 सेकंड तक या जब तक कर पाने में सहज हों, तब तक करें।
3 Vajrasana (Thunderbolt pose)
इस तरह करें मुद्रा का गठन
वज्रासन उर्फ थंडरबोल्ट पोज। चित्र : ग्रैंड मास्टर अक्षर
अपनी बाहों को अपने शरीर से सटाकर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं
धीरे-धीरे घुटनों के बल चटाई पर बैठें
अपनी एड़ी के उपर अपने पेल्विस को रखें और अपने पैर की उंगलियों को बाहर की ओर फैलाएं
मुुुुुद्रा ऐसी हो कि आपकी जांघें आपकी काल्व्स की मांसपेशियों को दबाएं
अपनी एड़ियों को थोड़ा खोलें
और अपनी हथेलियों को अपने घुटनों के ऊपर रखें
अपनी पीठ को सीधा करें और आगे देखें
30 सेकंड के लिए इस आसन में रहें
4 संंतुलनासन (Plank pose)
इस तरह बनाएं मुद्रा
संतुलनासन उर्फ प्लैंक पोज। चित्र : ग्रैंड मास्टर अक्षर
अपने पेट के बल लेट जाएं
अपने हथेलियों को अपने कंधों के नीचे रखें और अपने ऊपरी शरीर, श्रोणि और घुटनों को ऊपर उठाएं
फर्श को पकड़ने और घुटनों को सीधा रखने के लिए अपने पैर की उंगलियों का उपयोग करें
सुनिश्चित करें कि आपके घुटनों, श्रोणि, और रीढ़ की हड्डी एक ही अलाइनमेंट में हो
आपकी कलाई आपके कंधों के ठीक नीचे होनी चाहिए, और बाहें सीधी।
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