ये 5 योगासन आपकी मम्मी के ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को इतना कमजोर कर देता है कि वह आपके शरीर को सपोर्ट भी नहीं कर पातीं। हो सकता है आपकी मम्मी इसी समस्या से गुजर रहीं हों। आप इन 5 योगासनों की मदद से उन्हें इस समस्या में आराम दिला सकती हैं।
हड्डी की सबसे आम समस्याओं में से एक है ऑस्टियोपोरोसिस। अकेले भारत में ही हर साल 10 मिलियन से अधिक लोगों इससे प्रभावित होते हैं और दुनिया भर में 200 मिलियन से ज्यादा लोग। इस बीमारी का शाब्दिक अर्थ है ‘छिद्रपूर्ण हड्डियां’ (porous bone), ऑस्टियोपोरोसिस एक क्रोनिक कंडीशन है जिसमें आपकी हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि वे आपको सहारा देने मेें भी असमर्थ हो जाती हैं।
मामलों की चौंका देने वाला संख्या के साथ, यह जरूरी है कि हम खुद को हड्डी स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरुक करें। हड्डियां हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण संरचनात्मक फ्रेम प्रदान करती हैं, मस्तिष्क और हृदय जैसे हमारे अधिकांश महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करती हैं। हमारी हड्डियां जीवित ऊतक हैं जो कई महत्वपूर्ण खनिजों को संग्रहीत करती हैं जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस।
यदि आप या आपके प्रियजन ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, तो कुछ प्रतिबंध हैं जिनका आपको सख्ती से पालन करना चाहिए। चूंकि आपकी हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस के साथ फ्रैक्चर या चोट के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। कोई भी हाई इटेंसिटी वाला व्यायाम इस स्थिति में करना ठीक नहीं। लंबे समय तक खड़े होने और उच्च तनाव वाले वातावरण में काम करने से बचें।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि आसन जैसे योगिक क्रियाओं के माध्यम से हड्डी घनत्व में सुधार किया जा सकता है। अपने नियमित फिटनेस सेशन में निम्नलिखित योगासनों के साथ ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें। प्रत्येक आसन को 30 सेकंड तक रखें और 3 बार दोहराएं। इसके लाभों का अनुभव करने के लिए 4 से 6 महीने तक इनका नियमित अभ्यास करें।
Grand Master Akshar is an internationally acclaimed Spiritual yogic master. He is the founder, chairman and course director of Akshar Yoga and president of World Yoga Organisation. He is also the President of the International Siddha Foundation. ...और पढ़ें