अधूरी नींद ही नहीं, आंखों में सूजन के लिए ये 5 कारण भी हो सकते हैं जिम्मेदार, तुरंत ध्यान देना है जरूरी

लंबे वक्त से अगर आंखों के नीचे सूजन बनी हुई हैं, तो ये मेडिकल कंडीशन प्रोप्टोसिस या एक्सोफथाल्मोस कहलाती है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन कारणों से बढ़ने लगती है बल्जिंग आइज़ की समस्या
Aankhon mei sujan ke kaaran
उभरी हुई आंखों का सबसे मुख्य कारण हाइपरथायरायडिज्म या ओवरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड कहलाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 21 Apr 2024, 09:30 am IST
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बहुत से लोगों की आखों के नीचे सूजन या उभरापन नज़र आता है। आमतौर पर नींद पूरी न होना या केमिकल युक्त ब्यूटी प्रोडक्टस का कारण साबित होने लगते हैं। मगर लंबे वक्त से अगर आंखों के नीचे सूजन बनी हुई हैं, तो ये मेडिकल कंडीशन प्रोप्टोसिस कहलाती है। इस समस्या को एक्सोफथाल्मोस या प्रोप्टोसिस कहा जाता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन कारणों से बढ़ने लगती है बल्जिंग आइज़ की समस्या।

इस बारे में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराग नरूला का कहना है कि प्रोप्टोसिस जहां शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित करता है, तो वहीं एक्सोफथाल्मोस केवल आंखों को संदर्भित करता है। आमतौर पर थायरॉयड आई डिज़ीज़ के लिए एक्सोफथाल्मोस शब्द का प्रयोग किया जाता है। इसके चलते आंखों में सूजन, संक्रमण, सिस्ट और मेटास्टेटिक रोग का खतरा बना रहता है। इसके अलावा ओरबिटल सेल्युलाइटिस और सबपरिओस्टियल एक्सेस की भी संभावना रहती है।

Bulding eyes ke kaaran
थायरॉइड ग्लैंड जब कई प्रकार के हार्मोन एक साथ रिलीज़ करता हैए तो वो स्थिति हाइपरथायरायडिज्म कहलाती है।चित्र-अडोबीस्टॉक

जानते हैं बल्जिंग आइज़ के कारण

1. हाइपरथायरायडिज्म

एक्सपर्ट के अनुसार उभरी हुई आंखों का सबसे मुख्य कारण हाइपरथायरायडिज्म या ओवरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड कहलाता है। दरअसल, थायरॉयड ग्लैंण्ड गर्दन के फ्रंट पर मौजूद रहती है। इससे रिलीज़ होने वाले हार्मोन से मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। थायरॉइड ग्लैंड जब कई प्रकार के हार्मोन एक साथ रिलीज़ करता हैए तो वो स्थिति हाइपरथायरायडिज्म कहलाती है।

2. ओरबिटल सेल्युलाइटिस

बच्चों में एकतरफा प्रॉपटोसिस पाया जाता है, जो ओरबिटल सेल्युलाइटिस के कारण बढ़ता है। इसके अलावा न्यूरोब्लास्टोमा और ल्यूकेमिया की संभावना अधिक होती है, जिससे बल्जिंग आईज़ का सामना करना पड़ता है। बच्चों में रेटिनोब्लास्टोमा, केपिलरी हेमनग्यिमा, डर्मोइड सिस्ट और मेटास्टेटिक रोग के चलते भी आंखों के नीचे सूजन महसूस होने लगती है।

3. ग्रेव्स डिज़ीज़

ग्रेव्स डिज़ीज़ एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जो हाइपरथायरायडिज्म और उभरी हुई आंखों का मुख्य कारण होता है। इससे आंखों के आसपास सूजन महसूस होने लगती है। किसी भी उम्र में ये रोग पनप सकता है। खासतौर से कोई भी ग्रेव्स रोग विकसित कर सकता है। खासतौर से 30 से 60 वर्ष उम्र की महिलाओं में इस समस्या का खतरा सबसे अधिक बना रहता है।

Eyes ka kaise rakhein khayaal
खासतौर से 30 से 60 वर्ष उम्र की महिलाओं में इस समस्या का खतरा सबसे अधिक बना रहता है। चित्र:एडॉबीस्टॉक

4. बैक्टीरियल इंफेक्शन या एलर्जी

किसी भी प्रकार की एलर्जी या बैक्टीरियल इंफेक्शन आंखों में सूजन, इरिटेशन और दर्द का कारण बनने लगता है। मौसम में बदलाव या स्थान परिवर्तन के कारण अधिकतर लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

5. सारकॉइडोसिस

वे लोग जो सारकॉइडोसिस से ग्रस्त होते हैं। उनके शरीर में ग्रैनुलोमा या इंफ्लामेटरी सेल्स एक जगह एकत्रित होने लगते हैं। इससे ऑर्गन इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है। इसके चलते आंखे, लिवर, हृदय और ब्रेन प्रभावित होता है।

कैसे इस समस्या को करें नियंत्रित

1. सिर के नीचे तकिया रखें

आंखों में बढ़ने वाली बल्जिंग के दौरान सिर को उंचाई पर रखें। इससे आंखों में बढ़ने वाली इरिटेशन और दर्द से बचा जा सकता है। इसके अलावा आंखों के स्वासथ्य को उचित बनाए रखनले के लिए कॉटेक्ट लेंस लगाने से भी बचें।

2. आई ड्रॉप

आंखों में बढ़ने वाली असुविधा से बचने और कॉर्निया को सूखने से बचाने के लिए आई ड्रॉप निर्धारित की जाती हैं। इससे आंखों की नमी बनी रहती है। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को नियमित तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए।

Jaanein aankhon ka kaise rakhein khayal
आई ड्रॉप्स भी आंखों की रिलैक्सेशन के लिए फायदेमंद होती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

3. एंटीबायोटिक दवाएं

संक्रमणों से आंख का बचाव करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है। इसके अलावा हाइपरथायरायडिज्म के लक्षणों की रोकथाम के लिए भी दवाओं का सेवन किया जाता है।

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4. नियमित जांच करवाएं

आंखों की सेहत को बनाए रखने और उभरेपन को दूर करने के लिए नियमित तौर पर डॉक्टरी जांच करवाएं। इसके अलावा ब्राइट लाइट से बचने के लिए सनग्लासिज़ पहनकर रखें। साथ ही डबल विज़न का सामना करने पर भी डॉक्टरी जांच ज़रूरी है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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