क्या आपको भी खाना खाने के बाद नींद आने लगती है? तो एक न्यूट्रीशनिस्ट से जानिए इसके कारण

सामान्य तौर पर बहुत अधिक खाने से हाई ब्लड शुगर के साथ-साथ सिरदर्द और थकावट और कमज़ोरी जैसे लक्षण हो सकते हैं। अधिकतर ये तब होता है जब हम बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट खाते हैं।
fatigue ke lakshan
शरीर को एक्टिव न रखने से थकान और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Updated On: 8 Aug 2024, 05:19 pm IST

लंच के बाद ज्यादातर लोग थकान का अनुभव करते हैं। क्या आप भी भरपेट भोजन करने के बाद नींद सी महसूस करते हैं? यह भारीपन, जिसे अक्सर फूड कोमा के रूप में जाना जाता है, आपकी उत्पादकता और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कई लोगों को दोपहर का भोजन करने के बाद नींद आने लगती है और सुस्ती- थकान होने लगती है। जिसके बाद उनका काम कर पाना मुश्किल हो जाता है।

भोजन के बाद की थकान को मेडिकल भाषा में पोस्टप्रांडियल सोमनोलेंस (postprandial somnolence) कहा जाता है। यह आमतौर पर अस्थायी होती है और भोजन के बाद हल्की थकान या ऊर्जा के स्तर में कमी के रूप में होती है। फिर भी, भोजन के बाद की सुस्ती के कारणों को समझने से आपको अपने दैनिक जीवन और समग्र स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए बहुत सी चीजें कर सकते हैं।

खाना खाने के बाद अकसर लोग सुस्‍ती दूर करने के लिए कॉफी पीते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
विटामिन डी की कमी के चलते आप थका हुआ महसूस कर सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

खाना खाने के बाद सुस्ती आने और थकान होने के क्या कारण हो सकते हैं यह जानने के लिए हमने बात की न्यूट्रीशनिस्ट डॉ अर्चना बत्रा से। उन्होंने बताया कि खाने के बाद थकान होने का कोई एक कारण नहीं, बल्कि कई कारण हो सकते हैं।

जानिए क्यों होने लगती है खाना खाने के बाद थकान (Causes of fatigue after meal)

1 अधिक या भारी भोजन करना

अर्चना बत्रा कहती हैं कि पाचन के दौरान, रक्त प्रवाह शरीर के अन्य भागों से पाचन अंगों की ओर मुड़ जाता है, ताकि भोजन के टूटने और अवशोषण में सहायता मिल सके। विशेष रूप से अधिक, भारी भोजन से शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन और ऊर्जा के स्तर में अस्थायी कमी हो सकती है, जिससे आपको थका हुआ महसूस हो सकता है।

2 ट्रिप्टोफैन, मेलाटोनिन और सेरोटोनिन उत्पादन

ट्रिप्टोफैन एक एमिनो एसिड है जो टर्की मीट और चिकन जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शरीर मेलाटोनिन और सेरोटोनिन हार्मोन बनाने के लिए ट्रिप्टोफैन का उपयोग करता है। शरीर में मेलाटोनिन की वृद्धि शरीर को सोने का संकेत देती है। जबकि सेरोटोनिन भी नींद की तैयारी में शामिल होता है। यही कारण है कि कई लोगों को इस तरह के नॉनवेज खाने के बाद नींद आने लगती है।

3 हाई ब्लड शुगर का होना

हाई ब्लड शुगर या हाइपरग्लाइसेमिया अक्सर डायबिटीज से पीड़ित लोगों से जुड़ा होता है। हाइपरग्लाइसेमिया तब होता है जब बहुत अधिक चीनी खून में रहती है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती। ऐसा तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता या इंसुलिन का उतना उपयोग नहीं करता जितना उसे करना चाहिए।

इंसुलिन का काम ग्लूकोज या चीनी को ऊर्जा के लिए कोशिकाओं में पहुंचाने में मदद करना है। हालांकि यह इतना आम नहीं है, लेकिन जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, वे भी हाई ब्लड शुगर का अनुभव कर सकते हैं। सामान्य तौर पर बहुत अधिक खाने से हाई ब्लड शुगर के साथ-साथ सिरदर्द और थकावट और कमज़ोरी जैसे लक्षण हो सकते हैं। अधिकतर ये तब होता है जब हम बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट खाते हैं।

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अधिक वसा वाला और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने के बाद अधिक नींद आ सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

4 पोषक तत्वों की कमी

विटामिन और खनिज स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए आवश्यक हैं। कुछ पोषक तत्व, विशेष रूप से बी विटामिन, विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक हैं और इन पोषक तत्वों की कमी से थकान हो सकती है।

इन पोषक तत्वों की कमी से शरीर की भोजन पचाने की क्षमता में बाधा आ सकती है, क्योंकि ये कंपोनेंट ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक हैं, जिसमें पाचन की प्रक्रिया भी शामिल है। परिणामस्वरूप, पोषक तत्वों की कमी वाले लोगों को खाने के बाद थकान का अनुभव हो सकता है।

5 हाई फैट और हाई फाइबर डाइट

एक अध्ययन में पाया गया है कि किसी भी तरह का भोजन नींद लाने में सहायक हो सकता है। अधिक वसा वाला और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने के बाद अधिक नींद आने से जुड़ा हुआ पाया गया है। और कुछ खाद्य पदार्थों में नींद को नियंत्रित करने वाला हार्मोन मेलाटोनिन होता है, जो आपको भोजन के बाद झपकी लेने के लिए मजबूर कर सकता है।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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