मां बनना अपने आप में एक नई जिंदगी जैसा होता है। आपके जीवन में बहुत सारे बदलाव आते हैं, और आप उनके अनुसार ढलती चली जाती हैं। यह एक बहुत खूबसूरत एहसास है जिसे बयां नही किया जा सकता, सिर्फ जिया जाता है।
ब्रेस्टफीडिंग आपके इन्हीं बदलावों का एक हिस्सा है। लेकिन शुरुआती दिनों में ब्रेस्टफीडिंग में कुछ समस्याएं आती हैं, जैसे दूध न निकलना या पर्याप्त दूध न होना। यह समस्या आपको परेशान करती हैं, लेकिन परेशान होना कोई सॉल्यूशन नहीं है।
इस समस्या का समाधान इसकी वजह में ही छुपा है। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि क्यों आप पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क प्रोड्यूस नहीं कर पा रही हैं। इसके लिए हमने बात की पुणे के मदरहुड हॉस्पिटल की लैक्टेशन एक्सपर्ट अर्चना वाडकर से।
अर्चना बताती हैं, “आजकल सभी माएं प्रेगनेंसी के समय ही सारी रिसर्च कर लेती हैं। लेकिन इससे मदद मिलने के बजाय स्ट्रेस बढ़ता है। और स्ट्रेस मिल्क प्रोडक्शन में रूकावट डाल सकता है। इसके अलावा भी कई कारण है पर्याप्त दूध न बनने के।
यह समस्या पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में ज्यादा आती हैं। क्योंकि मिल्क डक्ट पूरी तरह बने नहीं होते हैं, जिससे दूध कम बनता है। अगली बार में यह समस्या नहीं होती। इस समस्या के समाधान के लिए बेबी को सक करने दें, यह आपके डक्ट को एक्टिव करेगा। अर्चना बताती हैं, “ज्यादा सक करने से ज्यादा दूध बनेगा, यह नियम है। सक करने से मैमरी ग्लैंड एक्टिवेट होते हैं।”
दूध बनने के लिए हॉर्मोन्स ही आपके ब्रेन को सिग्नल पहुंचाते हैं। अगर आपके हॉर्मोन्स ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे, तो मिल्क प्रोडक्शन भी नहीं होगा। अर्चना सुझाव देती हैं, “PCOS, थायराइड या डायबिटीज के कारण अक्सर हॉर्मोन्स नहीं बनते और दूध कम होता है। इसके लिए आप अपने डॉक्ट र से सलाह लें।”
ब्रेस्ट सर्जरी या इम्प्लांट के कारण ब्रेस्ट में फाइब्रॉइड बन जाते हैं, जो मिल्क प्रोडक्शन को घटाते हैं। दूध कितना कम बनता है, यह सर्जरी पर ही निर्भर करेगा। यहां तक कि निपल में पियरसिंग भी ब्रेस्ट मिल्क को कम करती है।
अगर आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ले रही हैं, तो भी आपके मिल्क प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा। ये पिल्स आपके हॉर्मोनल संतुलन को बिगाड़ देती हैं, जिससे दूध कम बनता है। हालांकि हर महिला पर यह असर अलग होता है।
कई बार कुछ महिलाओं को लेबर के वक्त दवा दी जाती हैं। यह दवा लेबर पेन बढ़ाने से लेकर सी-सेक्शन के लिए हो सकती हैं। हायपरटेंशन के लिए भी दवा दी जाती है। “ऐसे कई कारण हैं जिनके लिए महिलाओं को दवा दी जाती हैं, लेकिन यह मिल्क प्रोडक्शन को कुछ ही देर के लिए कम करती हैं। दवा का असर खत्म होते ही मिल्क प्रोडक्शपन नॉर्मल हो जाता है।”
अर्चना यही समझाती हैं कि धैर्य रखें। कुछ समस्याएं आएंगी, लेकिन ईश्वर ने आपको पूरी तरह तैयार करके भेजा है। बस तनाव न लें। मां बनने का आनंद उठाएं।