एक वक्त था जब बच्चों या युवाओं में डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम या हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्याओं को आश्चर्य की नजर से देखा जाता था। तब ये बीमारियां बढ़ी उम्र की देन मानी जाती थी। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और परिवेश ने बीमारियों के लिए उम्र का ये फासला खत्म कर दिया। अब ये न्यू नॉर्मल है। आंकड़ों को देखें तो अब कैंसर भी इसी सूची में शामिल है। पचास साल से कम उम्र वालों को भी कैंसर अपना आसानी से शिकार बना रहा है। सवाल है कि ये क्यों (cancer causes) हो रहा है और इससे बचाव के तरीके क्या हैं? आज समझने की कोशिश करेंगे।
बीएमजे ग्रुप नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन दशक में ( 1999 से 2019) तक पचास से कम उम्र के लोगों में कैंसर की बीमारी में 79 प्रतिशत तक का उछाल आया है।
इसमें भी ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया है। कैंसर से मरने वाले केसेस में सबसे ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर था,विंडपाइप और लंग्स कैंसर था। मरने वालों की अधिकतर संख्या ऐसे लोगों की थी जिनकी उम्र 50 से कम थी।
एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर रमन नारंग के अनुसार, फास्ट फूड, खराब लाइफस्टाइल और कैंसर (cancer causes) का सीधा रिश्ता है। कैंसर काउंसिल नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, फास्ट फूड में टॉक्सिन्स, शक्कर, और अनहेल्दी फैट होते है.
वो हमारे शरीर में जमा होने लगती है। ये चीजें शरीर में सूजन पैदा करती हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं। इसके अलावा, जो प्रोसेस्ड मांस जैसे बर्गर, सॉसेज हैं, उनमें नाइट्रेट्स होते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
डॉक्टर रमन नारंग बताते हैं कि कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ने का एक बड़ा कारण (cancer causes) शराब और स्मोकिंग भी है। कम से कम लंग्स और किडनी के मामले में तो ये दोनों कैंसर के बड़े कारक हैं। स्मोकिंग से फेफड़े, मुंह, गला और गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के खतरे बढ़ जाते हैं। इसी तरह शराब लिवर और पेट के कैंसर का कारण बन सकती है।
मोटापा भी युवाओं में बढ़े कैंसर का एक बड़ा कारण है। अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट कहती है कि सारे कैंसर्स में से 4 से 8 प्रतिशत तक कैंसर्स में मोटापा एक बड़ा कारण है। मोटापे से शरीर में मौजूद फैट कैंसर सेल्स को फैलने में मदद करते हैं और आप चाहकर भी उससे अपना बचाव नहीं कर पाते। युवाओं में बढ़ रहा मोटापा उनमें कैंसर के मौके को बढ़ा रहा है।
लगातार बढ़ता मानसिक तनाव भी कैंसर के बढ़े खतरों के कारणों में से एक है। पबमेड सेंट्रल नाम के एक जर्नल पर छपी रिपोर्ट कहती है कि वर्क स्ट्रेस युवाओं में कैंसर का बड़ा कारण बनता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार लंबा मानसिक तनाव शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जो बाद में कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
लैंसेट की एक रिपोर्ट कहती है कि लंग कैंसर से हुई मौतों में से 46 प्रतिशत मौतों का जिम्मेदार (cancer causes) किसी न किसी तरह का प्रदूषण ही है। महानगरों में बढ़ रहा प्रदूषण युवाओं के लिए ज्यादा बड़ा खतरा बनता जा रहा है, भले ही उन्होंने अपने जीवन में कभी स्मोकिंग या शराब न पी हो।
खाने में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और प्रोटीन से भरपूर आहार शामिल करिए। जंक फूड्स, प्रोसेस्ड मांस, और ज्यादा चीनी से एकदम बच कर रहना है। ये चीजें शरीर में सूजन और कैंसर के कारकों को बढ़ाती हैं। इसके साथ ही ध्यान रखिए कि पानी का इंटेक बिल्कुल कम नहीं होने देना है। ताकि शरीर (cancer causes) से सारे टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें।
अगर आप धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं, तो इसे पूरी तरह से छोड़ने की कोशिश करें। ये आदतें न केवल कैंसर, बल्कि अन्य बीमारियों का भी कारण (cancer causes) बन सकती हैं। अगर आपको इसे छोड़ने में मुश्किल हो रही हो, तो किसी हेल्थ एक्सपर्ट से मदद लें।
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें। यह चाहे तो आप योग करें, दौड़ें, या फिर साइकिल चलाएं। शारीरिक गतिविधि से शरीर में खून का संचार बढ़ता है और वजन नियंत्रण में रहता है, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।
मानसिक तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें। तनाव से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है।
कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता लगाने के लिए नियमित जांच कराना जरूरी है। कई बार कैंसर का देरी से पता चलना ही उसकी गंभीरता को बढ़ा देता है।
अगर आपके परिवार में कैंसर के मामले पहले रहे हों तो आपको और भी सावधान रहने की जरूरत है। कैंसर का अगर समय रहते और शुरुआती स्टेज पर ही पता लग जाए तो उससे छुटकारा पाना मुमकिन है।
जहां तक हो सके, प्रदूषण से बचने की कोशिश करें। सड़क पर ज्यादा समय बिताने से बचें, खासकर वीकेंड्स में जब एयर क्वालिटी खराब होती है। घर के अंदर भी साफ-सफाई रखें और केमिकल्स का इस्तेमाल कम से कम करें।
कुछ प्रकार के कैंसर वायरस की वजह से होते हैं, जैसे कि एचपीवी (HPV) और हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)। इन वायरसेस से बचने के लिए समय समय पर इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। एचपीवी का टीका ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर जैसे खतरों को कम कर सकता और हेपेटाइटिस बी का टीका लिवर कैंसर के खतरों को आप तक पहुँचने से रोक सकता है।
ये भी पढ़ें – टैटू दे सकता है ब्लड या स्किन कैंसर, बचना है तो इन 4 चीजों का ध्यान रखें
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।