मोटापा एक आम समस्या बन चुका है। कम उम्र में ही लोग इसके शिकार हो रहे हैं, जिसका असर उनके समग्र शारीरिक सेहत पर देखने को मिलता है। बढ़ता वजन ब्लड प्रेशर से लेकर हृदय संबंधी समस्याएं, डायबिटीज, किडनी की बीमारी, कोलेस्ट्रॉल यहां तक की तनाव के खतरे को भी बढ़ा देता है। इसके अतिरिक्त मोटापा आपकी हड्डियों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वजन कैरी करने की हड्डियों की अपनी एक क्षमता होती है, पर जब बॉडी वेट बहुत अधिक बढ़ जाए तो इस स्थिति में आपकी हड्डियों को नुकसान होना शुरू हो जाता है (obesity effect on bone density)।
मोटापे से हड्डियों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर हेल्थ शॉट्स ने फॉर्टिस हॉस्टिपल, रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, डॉ प्रमोद भोर से बात की। तो चलिए जानते हैं मोटापे पर नियंत्रण पाना क्यू जरूरी है (obesity effect on bone density)।
बर्साइटिस
सूजन
टेंडोनाइटिस
घुटनों में दर्द
कोहनी में दर्द
लालिमा
कमर के निचले हिस्से में दर्द
नसों में अकड़न आना
शरीर का अधिक वजन वहन करने वाले जॉइंट्स जैसे कूल्हों और घुटनों पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है, जिससे कार्टिलेज का घिसाव बढ़ता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। अर्थराइटिस हड्डियों के आकार में भी बदलाव कर सकता है। साथ ही हड्डी और मांसपेशियों को जोड़े रखने वाले टिश्यू को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।
डॉ प्रमोद भोर के अनुसार फैट टिश्यू सूजन वाले साइटोकिन्स सीक्रेट करते हैं, जिससे कार्टिलेज और हड्डी के टिश्यू को नुकसान पहुंचता है। वहीं इस स्थिति में जोड़ों से संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न जैसी समस्याएं परेशान करना शुरू कर देती हैं।
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बोन मैरो में फैट का संचय सामान्य हड्डी के पुनर्निर्माण में बाधा उत्पन्न कर सकता है, हड्डियों को कमजोर कर सकता है और फ्रैक्चर के खतरे को बढ़ा सकता है। यदि आप छोटी उम्र से मोटापे की शिकार हैं, तो इस स्थिति में बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां बेहद कमजोर होती जाती हैं। वहीं आगे चलकर आपको जॉइंट रिप्लेसमेंट जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
मोटापा अक्सर विटामिन डी के निम्न स्तर से जुड़ा होता है, जो कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से बोन डेंसिटी कम हो सकती है, और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। इस स्थिति में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप प्रयाप्त विटामिन डी के रही हों।
मोटापा समग्र हड्डी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। जैसे जैसे वजन बढ़ता है हड्डियों पर भार बढ़ना शुरू हो जाता है। इस स्थिति में शरीर की सभी हड्डियां प्रभावित होती है। विशेष रूप से जॉइंट्स को अधिक नुकसान पहुंचता है। इसलिए इसके प्रति सावधान रहना बेहद जरूरी है।
मोटापे की स्थिति में संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से वजन कम करना जोड़ों और हड्डियों के नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। हेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करें, इससे वजन कम करने में आपको मदद मिलेगी, साथ ही पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत करेंगे। इसके अलावा व्यायाम करने से भी शरीर को तमाम फायदे मिलते हैं, विशेष रूप से यह एक्स्ट्रा फैट बर्न करने के साथ ही हड्डियों को लचीला और मजबूत बनाता है।
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