वजन बढ़ने और बालों के झड़ने के लिए खराब गट हेल्थ हो सकती है जिम्मेदार, जानिए क्यों जरूरी है इसे दुरूस्त रखना

क्या आपको मालूम है खराब खान-पान के कारण पाचन क्रिया पर पड़ने वाले प्रभाव केवल वहीं तक सीमित नहीं रहते। एक खराब पाचन क्रिया आपकी समग्र सेहत को प्रभावित कर सकता है, आइए जानते हैं कैसे।
समग्र सेहत के लिए बहुत जरुरी है गट हेल्थ। चित्र: शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 23 Oct 2023, 09:16 am IST
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पाचन क्रिया हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है यह तो आप सभी जानती होंगी। पाचन संबंधी छोटी सी गड़बड़ी समग्र सेहत में उथल पुथल ला सकती है। यदि आपकी पाचन क्रिया ठीक नहीं रहती, तो त्वचा एवं बाल से लेकर समग्र सेहत में कई तरह के नकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। गट हेल्थ (Gut health) सबसे ज्यादा आपकी त्वचा को प्रभावित करती है। परंतु ऐसा न समझें कि बाकी की सेहत पर इसका असर नहीं होता। राब पाचन क्रिया आपके लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकती है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर रूबी हॉल क्लिनिक की एमबीबीएस, एमडी डर्मेटोलॉजी, वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी की एक्सपर्ट डॉ. भाग्यश्री अदक चव्हाण से बातचीत की। उन्होंने इस विषय पर कई रोचक जानकारियां दी हैं। साथ ही गट हेल्थ को महत्वपूर्ण बताया है और सभी को इसके प्रति विशेष ध्यान देते हुए इसे स्वस्थ रखने की सलाह दी है।

पहले जानें क्या है गट माइक्रोबायोम?

“गट माइक्रोबायोम” आंतों में मौजूद जीवाणु होते हैं। हर व्यक्ति के पाचन तंत्र में बैक्टीरिया, वायरस और फंगी की लगभग 200 से ज्यादा प्रजाति मौजूद होती हैं। इनमें से कुछ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, लेकिन ज्यादातर माइक्रोबायोम सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और ये सभी शरीर की जरुरी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

आंत में मौजूद बैक्टीरिया के कारण डायबिटीज, इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज, गठिया जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्यायों का खतरा सिमित रहता है। साथ ही पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं, ऐसे में त्वचा संबंधी समस्याएं भी आपको परेशान नहीं करती।

जरुरत से ज्यादा दवाएं बर्बाद कर सकती हैं आपकी गट हेल्थ। चित्र : एडॉबीस्टॉक

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1. त्वचा के लिए जरुरी है हेल्दी गट फंक्शन

डॉ भाग्यश्री के अनुसार त्वचा और आंत की सेहत एक दूसरे से पूरी तरह से जुडी हुई हैं। इस ,कनेक्शन को स्किन गट एक्सिस कहा जाता है। आंत का माइक्रोबायोम बॉडी इम्युनिटी से जुड़ा होता है, जो शरीर में सभी प्रणालियों और अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें आपकी त्वचा भी शामिल है। प्रतिरक्षा प्रणाली में होने वाला छोटा सा परिवर्तन त्वचा को प्रभावित कर सकता है।

इस प्रकार यदि आंत के माइक्रोबायोम में बदलाव आता है तो सबसे पहले पाचन से जुडी समस्यायें आपको परेशान करना शुरू कर देती हैं। साथ ही इसका असर त्वचा नजर आने लगता है। गट एक्सिस जरुरी पोषक तत्वों को रेगुलेट करता है साथ ही शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के लिए भी जिम्मेदार होता है। जैसा की हम सभी जानते हैं हॉर्मोनल बदलाव पिम्पले, ब्रेकआउट, ऑयली स्किन जैसी समस्यायों का कारण बनते हैं। इसलिए अपने पाचन क्रिया और आंत की सेहत को जितना हो सके संतुलित रखने का प्रयास करें।

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2. घटते और बढ़ते वजन के लिए जिम्मेदार हो सकती है असंतुलित आंत

डाइट में बिना किसी बदलाव के और शारीरिक रूप से किसी गतिविधि में भाग लिए बगैर यदि आपका वजन अचानक से घटने या बढ़ने लगा है तो यह उचित संकेत नहीं है। ये आपके अस्वस्थ आंतों की ओर इशारा करता है। आंतो के प्रभावित होने से सबसे पहले इसमें मौजूद जीवाणुओं पर असर पड़ता है, जिसकी वजह से शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरिके से नहीं हो पता।

इतना ही नहीं शरीर ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट नहीं कर पता और बॉडी फैट स्टोर होना शुरू हो जाता है। इन्सुलिन रेजिस्टेंस और इन्फ्लेमेशन के बढ़ने के कारण बॉडी वेट गेन करना शुरू कर देती है। इन असुविधाओं से बचने के लिए अपनी डाइट में गट हेल्दी फूड्स को शामिल।

ये आपके अस्वस्थ आंतों की ओर इशारा करता है। चित्र एडॉबीस्टॉक

3. नींद को प्रभावित कर सकता है अनहेल्दी गट

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार आंतों में मौजूद बैक्टीरिया में होने वाला छोटा सा बदलाव भी नींद को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। वहीं नींद की कमी थकान को बढ़ावा देती है। जिसका असर पूरे दिनचर्या पर पड़ता है। इतना ही नहीं यह मेटाबॉलिक फंक्शन और मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह से प्रभावित कर देती है।

4. मेंटल हेल्थ पर भारी पड़ सकता है आपका असंतुलित पाचन तंत्र

आंतों में मौजूद माइक्रोबायोम का असंतुलित होना पाचन क्रिया को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है। जिसका असर आपके मेंटल हेल्थ पर नजर आ सकता है। आपकी आतें नर्व से जुड़ी होती हैं। जो ब्रेन के लिए एक मैसेंजर के रूप में काम करता है। उदाहरण के तौर पर आपकी आंतें सेरोटोनिन प्रोड्यूस करती हैं, यह एक हैप्पी हॉरमोन है और आपको बेहतर महसूस करने में मदद करता है। ऐसी स्थिति में यदि पाचन क्रिया संतुलित नहीं है, तो इसका प्रोडक्शन कम हो जाता है। सेरोटोनिन के गिरते स्तर से स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन की स्थिति पैदा हो सकती है।

प्रोबायोटिक का सेवन आपको इस मौसम की कई समस्याओं से बचा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

यहां जानें पाचन क्रिया की सेहत को बनाए रखने के के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

फर्मेंटेड फूड का सेवन आपकी आंतों में अच्छे माइक्रोबायोम के उत्पादन को बढ़ा देता है। प्रोबायोटिक्स की उचित मात्रा के लिए अपनी डाइट में योगर्ट, किमची और केफिर जैसे फर्मेंटेड फूड्स को शामिल करें। इसके साथ ही फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज, दाल इत्यादि।

जंक, स्पाइसी और प्रोसेस्ड फूड से जितना हो सके उतना दूर रहें। क्योंकि यह सभी आपके आतों को प्रभावित करते हैं और इम्युनिटी को कमजोर बनाते हैं। खाद्य पदार्थों के साथ ही कुकिंग मेथड का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

कॉफी, अल्कोहल, स्मोकिंग, कोला, सोडा से जितना हो सके उतना दूरी बनाए रखें। अदरक, पुदीना और अजवाइन की चाय का सेवन करें। यह सभी पाचन क्रिया को स्वस्थ रखती हैं और शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकलने और इम्यूनिटी बूस्ट करने में भी मदद करती हैं।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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