यह तो आपके साथ भी हुआ ही होगा कि कोल्डड्रिंक पीने के बाद डकार आने लगती है। इसका कारण है कि कोल्डड्रिंक में कार्बन डाइऑक्साइड मिली हुई होती है जो पेट में जाकर गैस बना लेती है और यह गैस डकार के रूप में बाहर आती है। लेकिन जब आपने कोई फ्रिजी ड्रिंक नहीं पी, तब क्यों आती है डकार?
दरअसल हमारे पेट मे कई तरह के एसिड और जूस होते हैं, जो खाना पचाने का काम करते हैं। पाचन के वक्त पेट में कुछ गैस बनतीं हैं जो दो तरह से पेट के बाहर निकलती हैं- डकार के रूप में या फार्ट के रूप में।
तो डकार लेना असल में अच्छा है, क्योंकि अगर यह गैस पेट में रह गयी तो दर्द और ब्लोटिंग की समस्या होगी। इसलिए आपने देखा होगा कि एसिडिटी होने पर डकार आने के बाद काफी राहत मिलती है।
लेकिन अगर आपको लगातार डकार आ रही हैं तो कुछ समस्या हो सकती है।
अब आप सोच रहे होंगे कि हवा कैसे निगल सकते हैं? दरसल च्युइंगगम चबाते हुए, बहुत जल्दी खाने से, स्ट्रॉ से पीने से और खाते वक्त बोलने से हम हवा निगल जाते हैं।
यह हवा हमारे पेट में फंस जाती है, जिससे सामान्य से ज्यादा डकार आती है। क्या आप जानते हैं टेंशन या नर्वस होने पर भी आप हवा निगल जाते हैं? इस प्रक्रिया को ऐरोफेजीया कहते हैं।
“चावल जैसे ज्यादा स्टार्च वाले फूड गैस पैदा करते हैं। हर व्यक्ति का पाचनतंत्र अलग होता है जिसकी वजह से हर व्यक्ति खाने को अलग-अलग गति से पचाता है। अगर आपका पाचनतंत्र धीमा है तो आपको ज्यादा डकार आएगी”, कहती हैं गुरुग्राम के कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की इंटरनल मेडिसिन की डॉक्टर मंजीता नाथ दास।
डॉ दास बताती हैं, “आपको अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा सलाद शामिल करना चाहिए क्योंकि सलाद सुपाच्य होता है। साथ ही खाने के बीच ज्यादा वक्त का गैप न करें। इससे डकार में कमी आएगी”।
डॉ दास के अनुसार इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम के मरीजों को हमेशा दस्त, कब्ज और अन्य पाचनतंत्र की समस्या रहती हैं। कब्ज होने पर गैस पेट में भर जाती है जिससे डकार आती है। इस सिंड्रोम में डकार आने पर पेट मे दर्द होता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
डियाबिटिक मरीजों को एक समस्या का सामना करना पड़ता है- गेस्टोपरेसिस। इस समस्या में पेट की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है जिसके कारण पाचन पर भी असर पड़ता है। इसलिए इस समस्या में उल्टी, उलझन और बहुत अधिक डकार की समस्या होती है।
सिलिएक डिजीज उन लोगों में अक्सर देखी जाती है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी होती है। ग्लूटेन युक्त भोजन जैसे ब्रेड और बार्ले पाचनतंत्र में सूजन उत्पन्न कर देते हैं और साथ ही छोटी आंत को भी डैमेज कर देते हैं। इसके कारण पाचन में बहुत समय लगता है, जिससे ब्लोटिंग, पेट दर्द, क्रैम्प्स और बहुत अधिक डकार और फार्ट की समस्या होती है।
आपकी दिनचर्या में एक्सरसाइज की कमी भी बार-बार डकार आने के कारण हो सकती है। और अगर आप खाने के तुरन्त बाद लेट जाते हैं तो भी डकार आने लगती है। बुजुर्गों में यह अक्सर होती है क्योंकि एक्सरसाइज की कमी होती है।
“खाने के बाद 30 मिनट वॉक जरूर करें। इससे पाचन संबंधी समस्या नहीं होती और डकार भी कंट्रोल होती है”, कहती हैं डॉ दास।
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