इन दिनों खानपान की अनहेल्दी आदतें और सिडेंटरी लाइफस्टाइल हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा रहा है। ऐसे में अक्सर हेल्दी फूड लेने की सलाह दी जाती है। अगर स्वस्थ आहार की बात करें, तो दूध का नाम भी उसमें शुमार है। फिर मन में यही सवाल उठता है कि क्या दूध में कोलेस्ट्रॉल होता है और इसका जवाब है हां। ऐसे में हुदय रोगियों को फैट्स से भरपूर दूध को लो फैट मिल्क और प्लांट बेस्ड मिल्क लेने की सलाह दी जाती है, जो शरीर को पोषण प्रदान करने में कारगर साबित होता है। अगर आप भी हृदय रोग (milk alternatives for cholesterol) से परेशान हैं, तो पहले जान लें दूध का हार्ट पर प्रभाव और उसे किन हेल्दी विकल्पों से रिप्लेस किया जा सकता है।
कंसल्टेंट डायटीशियन एवं डायबिटीज एजुकेटर और सैपडाइट की फांउडर डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि गाय, भैंस और बकरी का दूध आहार में शामिल करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल (milk alternatives for cholesterol) का स्तर बढ़ जाता है। इससे हृदय रोगों का खतरा बना रहता है। ऐसे में शरीर को हेल्दी रखने के लिए लो फैट मिल्क का सेवन करें। इसके अलावा प्लांट बेस्ड मिल्क स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। इसके लिए आहार में कोकोनट, ओट्स, सोया और बादाम मिल्क को शामिल करना चाहिए।
शरीर में एचडीएल और एलडीएल दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं, जो रक्त में पाया जाने वाला फैटी और वैक्सी सबस्टांस है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से हृदय की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हांलाकि फैट्स से शरीर में हेल्दी सेल्स, हार्मोन बनाने और पाचन में सहायता करने के में मदद मिलती है। मोमी पदार्थ शरीर के लिए आवश्यक है लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि क्या वाई दूध कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
सामान्य कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखना आपके सामान्य स्वास्थ्यए विशेष रूप से आपके हृदय के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आपका कुल कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर से अधिक है तो व्यक्ति हाई कोलेस्ट्रॉल का शिकार होता है। यू.एस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अगर आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो वो धमनियों में प्लाक जमा होने का कारण बन सकता है। इससे वे संकरी और सख्त हो सकती हैं। एथेरोस्क्लेरोसिस स्थिति रक्त प्रवाह को बाधित कर सकती है, जिसके चलते दिल का दौरा या स्ट्रोक का जोखिम बए़ सकता है।
यूएसडीए के अनुसार ओट मिल्क एक लोकप्रिय नॉन डेयरी मिल्क विकल्प है, जिसे भीगे हुए या कटे हुए ओट्स से बनाया जाता है। ये फैट फ्री, कोलेस्ट्रॉल रहित और लैक्टोज रहित होता है। ओट मिल्क नॉन डेयरी मिल्क विकल्पों की तुलना में ज़्यादा क्रीमी होता है। सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोग ओट मिल्क पी सकते हैं।
इस हेल्दी विकल्प का सेवन करने से शरीर में एलर्जी के खतरे से बचा जा सकता है। नारियल में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन सी, ई, बी1, बी3, बी5 और बी6 सहित कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा नारियल के दूध से शरीर को आयरन, सेलेनियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस की प्राप्ति होती हैं। इसे नियमित लेने से बचना चाहिए। दरअसल, इसमें संतृप्त वसा भी होता है, जो हानिकारक हो सकता है।
जर्नल ऑफ फूड साइंस और टेकनोलॉजी के अनुसार पिसे हुए बादाम से बना बादाम का दूध स्वाभाविक रूप से लैक्टोज मुक्त होता है। इसमें सेचुरेटिड फैट्स की मात्रा नहीं होती है और अन्य दूध की तुलना में इसमें कैलोरी कम होती है। इसके अलावा बादाम से शरीर को प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी की प्राप्ति होती है।
इसमें वसा की मात्रा कम होती है, जिससे हृदय रोगों से बचा जा सकता है। इसके अलावा एलर्जी, लैकटोज़ इनटॅाल्रेंस और शुगर स्पाइक का खतरा कम हो जाता है। इससे शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी की उच्च मात्रा पाई जाती है।
सोया बीन्स से तैयार ये दूध पूरी तरह से कोलेस्ट्रॉल मुक्त है। इससे शरीर को प्रोटीन, पोटेशियम, विटामिन और कैल्शियम की प्राप्ति होती है। इसमें लो कैलोरी और लो सेचुरेटिड फैअ्स की मात्रा पाई जाती है। इस दूध का सेवन करने से मसल्स को मज़बूती मिलती है।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।