गले में खराश, सिरदर्द, बहती नाक, खांसी और मांसपेशियों में दर्द फ्लू के वो लक्षण है, जो मौसम में तब्दीली आने के साथ ही लोगों में नज़र आने जगते है। डब्ल्यू एच ओ (WHO) के मुताबिक सीज़नल इन्फ्लुएंजा (Seasonal Influenza) को लोग गंभीरता से नहीं लेते है। बावजूद इसके हर साल 650,000 लोग इसके चलते मौत के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में इन्फ्लूएंजा वैक्सिनेशन (Influenza Vaccination) बच्चे, बूढ़ों और गर्भवती महिलाओं समेत उन लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है, जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर ( 5 Immunity booster foods) है।
किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते ही हम गला दर्द, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण महसूस करने लगते है। इसके अलावा किसी इंफैक्टिड व्यक्ति के सामान को छूना और उसके आसपास खांसने और छींकने से भी ये बीमारी फैलने लगती है। जब उन्हीं हाथों से हम अपने चेहरे, आंखों और नाक को छूने लगते हैं, तो फ्लू तेज़ी से फैलने लगता है।
हल्दी को आयुर्वेद और युनानी इलाज में औषणी के तौर पर प्रयोग किया जाता है। एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है। इस तत्व के ज़रिए शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है और स्वैलिंग दूर होने लगती है। इसकी मदद से गला खराब, खांसी, सर्दी, जुकाम, सिरदर्द व बुखार की समस्या को दूर किया जा सकता है। क्रानिक ऑक्सीडेटिव स्टेस को भी भगाने का काम करता है।
हल्दी हमारे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने का काम करता है। इसमें मौजूद पावरफुल एंटीऑक्सीडेंटस फ्लू के साथ साथ अल्ज़ाइमर, कैंसर और ब्रेन हेल्थ का भी समाधान है। पानी में उबालकर हल्दी का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा दूध में हल्दी को मिलाकर पिया जा सकता है।
खांसी के दौरान गले में दर्द और खांसना व छींकना आम समस्या है। ऐसे में छाती में जमा कफ के कम करने के लिए रोज़ाना नमक वाले पानी से गार्गल करें। ये गले का साफ रखने का काम करता है। इसे तैयार करने के लिए एक चौथाई से आधा चम्मच नमक को एक गिलास पानी में डालकर हिलाएं। ध्यान रखें कि पानी हल्का सा गुनगुना होना चाहिए।
ग्रीन टी इंफ्लुएंजा वायरस को कम करने का काम करता है। ग्रीन टी में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंटस पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से फ्लू और वायरल संक्रमण को रोकने और बॉडी के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में मददगार साबित हो सकती है। रोगाणुओं से मुक्ति दिलाने के साथ साथ सर्दी या खांसी देर करने के लिए भी ग्रीन टी का प्रयोग किया जाता है। दिन की शुरूआत हर्बल चाय से होती है, जो हमारे शरीर को डिटॉक्स करने के साथ साथ वज़न कम करने में भी मददगार साबित होती है।
विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करने का काम करते है। एक महिला को दिनभर में 75 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है, जब कि पुरूषों को 90 मिलीग्राम की ज़रूरत होती है। लाइफ स्टाइल डिज़ीज़ को दूर करने का काम करने वाले खट्टे फलों में कैरोटीनॉयड, फ्लेवोनोइड्स और एस्कॉर्बिक नाम के बायोएक्टिव कम्पाउंड पाए जाते हैं। जो हमारे मेटाबॉलिज्म को मज़बूत करने का काम करते हैं।
फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर अदरक हमारे शरीर को कई प्रकार के संकमणों से बचाने का काम करता है। अदरक में जिंजरोल और शोगॉल नाम के बायोएक्टिव कम्पाउंड पाए जाते है। इसके इस्तेमाल से सामान्य सर्दी, फ्लू और मोनोन्यूक्लिओसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है। अदरक को पानी में उबालकर पीना फायदेमंद होताहै। इसके अलावा इसे चाय में भी ग्राइंड करके डाल सकते है। अगर आपके गले में दर्द है, तो अदरक के रस को एक चम्म्च शहद में मिलाकर खाने से भी तुरंत राहत मिल जाती है।
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