आजकम हम अपने जीवन में हर उस चीज को समय और अहमियत दे रहें है जिसको बहुत अहमियत देने की जरूरत शायद है नहीं। लेकिन हर उस चीज को नजरअंदाज कर रहें है जिसको आपकी अटेंशन की सबसे ज्यादा जरूरत है और वो है आपकी स्वास्थ्य, आपका मानसिक स्वास्थ्य और आपकी नींद। सोशल मीडिया में रात में हम इतना समय देते है कि उसकी वजह से हमारी नींद ही अधूरी रह जाती है।
एक अच्छी और पर्याप्त नींद आपकी सेहत के लिए उतनी ही जरूरी है जितना की सांस लेना। अगर आप क्वालिटी नींद नहीं लेंगे तो इससे आपकी सेहत तो खराब होगी ही साथ ही आपके काम की गुणवत्ता पर भी इसका असर पड़ सकता है। अगर आप अपने दिन को प्रोडक्टिव बनाना चाहते है तो उसके लिए आपको अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।
नींद कई चीजों से बाधित हो सकती है इसमें कुछ मानसिक कारण भी हो सकते है और कुछ बाहरी कारण भी हो सकते है ऐसा हमें सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अशुतोष श्रीवास्तव ने बताया।
ये एक स्लीप डिसऑडर है जो कई लोगों को परेशान करता है। इसके कारण आपको सोनो या नींद आपने में दिक्कत हो सकती है। चलिए इसके बारे में आपको थोड़ा विस्तार से बताते है कि स्लीप एपनिया क्या होता है। स्लीप एपनिया एक स्लीप डिसऑडर है जैसा की हमने पहले भी बताया, जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट आती है। ये रुकावटें, जिन्हें एपनिया के नाम से जाना जाता है, कई सेकंड से लेकर मिनटों तक रह सकती हैं और पूरी रात में कई बार हो सकती हैं। इससे आपकी नींद में बार बार बाधा आती है।
दो प्रकार के स्लीप एपनिया हो सकते है जिसमें पहला है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया ये गले की मांसपेशियों में शिथिलता के कारण होता है, जिससे वायुमार्ग में रुकावट होती है, और दूसरा है सेंट्रल स्लीप एपनिया जो श्वास की मांसपेशियों को नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क संकेतों की कमी से होती है। स्लीप एपनिया से नींद न आना, थकान, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
शराब नींद आने में देरी करके या आराम में खलल डालकर नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। शराब, वाइन और बीयर जैसे पेय पदार्थों में अल्कोहल एक ऐसा पदार्थ है जो नशे का कारण बनता है। हालाँकि शराब आपको शुरू में थका सकती है, लेकिन यह आपकी खराब नींद से भी जुड़ी है। शराब के कारण आप आधी रात में जाग सकते हैं और दोबारा सोने में परेशानी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, शराब आपको मिलने वाली REM नींद को कम कर सकती है।
कई लोग होते है जिनकी कॉफी के बिना न तो सुबह होती है और न ही रात होती है। उन्हें दिन के हर काम के लिए कॉफी की जरूरत हो फिर चाहे वो दूध वाली काफी हो या ब्लैक कॉफी हो। कई रिसर्च है जो ये बताती है कि यदि आप दोपहर दो बजे के बाद कॉफी का सेवन करते है तो ये आपकी नींद को प्रभावित करती है।
कैफीन का सेवन नींद वाले हार्मोन एडेनोसिन के काम में बाधा डालता है और ये 7 से 8 घंटे तक हार्मोन को प्रभावित करता है। इसलिए यदि आप दोपहर 3 बजे कैफीन लेगें तो उसके कारण आपको रात में सोने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ सकता है।
यदि हम गर्म कमरे में सोने, बहुत गर्म बिस्तर का उपयोग करने, या बहुत अधिक गर्मी में सोने वाले व्यक्त के होने के कारण खुद के शरीर को बहुत अधिक गरम महसूस करते हैं, तो नींद को बढ़ावा देने वाले हार्मोन, मेलाटोनिन का उत्पादन करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसके परिणामस्वरूप अनुशंसित 8 घंटे की नींद पूरी करने के बावजूद गहरी नींद के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
जब हमे एंग्जाइटी होती हैं, तो शरीर अत्यधिक मात्रा में कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन करता है, जिससे हल्की, बीच में खुलने वाली और बेचैन करने वाली नींद आती है। यदि आपको एंग्जाइटी होती है तो कई बार आप सोने से डरते है, लेकिन वो इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी एंग्जाइटी का कारण क्या है।
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