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5 संकेत जो एनीमिया में नजर आते हैं, चाय–कॉफी ज्यादा पीने वाली महिलाओं को ज्यादा होता है जाेखिम

महिलाओं में एनीमिया एक आम समस्या है। एनीमिया तब होता है जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी होती है। एनीमिया का असर संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
Published On: 23 Mar 2025, 06:00 pm IST
अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है और दिल से जुड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

खराब लाइफस्टाइल के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। बच्चे हों या बुजुर्ग, महिलाएं हों या पुरुष हर किसी को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं महिलाओं के सेहत की बात करें तो महिलाएं सबसे ज्यादा एनीमिया की शिकार हैं। ये तब होता है जब आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होती है। इसके कारण थकान, कमजोरी और चक्कर आना जैसे लक्षण होते हैं। इसके साथ ही कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

डॉ. अंकित पटेल कंसलटेंट जनरल फिजिशियन अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर बताते हैं कि, महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत आम है, लेकिन कई बार वे इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं। एनीमिया तब होता है जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, जिससे खून में हीमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है। इसके कारण कमजोरी, थकान, सिर दर्द, चक्कर आना, हाथ-पैर ठंडे रहना, सांस फूलना और चेहरे व होंठों का पीला पड़ना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। कुछ महिलाओं को बाल झड़ने और नाखून कमजोर होने की भी समस्या हो सकती है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है और दिल से जुड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इससे बचने के लिए आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर आहार लेना जरूरी है, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, अनार, सेब, गुड़, दालें और सूखे मेवे। साथ ही, विटामिन सी वाले फलों जैसे संतरा, आंवला और नींबू का सेवन करना चाहिए, क्योंकि यह आयरन के अवशोषण में मदद करता है। अगर लगातार कमजोरी और थकान बनी रहे, तो डॉक्टर से खून की जांच करवानी चाहिए और सही इलाज लेना चाहिए।

पीरियड्स में हैवी ब्‍लीडिंग एनीमिया का भी कारण बन सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

महिलाओं में एनीमिया के प्रकार (Types of anemia in women)

  • फोलेट की कमी के कारण होने वाला एनीमिया- लाल रक्त कोशिका निर्माण करने के लिए पर्याप्त फोलेट नहीं मिलता है। कई बार ये मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का कारण बनता है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं अपने सामान्य आकार से बड़ी हो जाती हैं।
  • आयरन की कम से होने वाला एनीमिया सबसे ज्यादा होता है। इसमें शरीर में पर्याप्त आयरन नहीं होता या आयरन की कमी के कारण होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को कम करता है।
  • क्रोनिक रोग एनीमिया ये लंबे समय से चल आ रहे संक्रमण के कारण होता है। जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को कम कर सकते हैं।
  • गर्भावस्था के कारण एनीमिया ये तब होता है जब महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बच्चे के लिए ज्यादा रक्त की जरूरत होती है।
  • विटामिन बी12 की कमी के कारण होने वाला एनीमिया लाल रक्त कोशिका के लिए आवश्यक विटामिन बी12 की कमी से के कारण फोलेट की कमी से समान मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो सकता है।

महिलाओं में एनीमिया के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of anemia in women?)

1.कमजोरी – एनीमिया होने की स्थिति में शरीर में खून की कमी हो जाती है, जिससे शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है। कमजोरी के चलते चक्कर आना, सांस फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं और कई बार रोजमर्रा के काम कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। ज्यादा दिनों तक लगातार कमजोरी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

2.पीला रंग – शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया होने पर शरीर का रंग पीला पड़ने लगता है। शरीर में पीलापन नजर आने पर खून की जांच कराएं।

3.हाथ और पैर ठंडे होना – एनीमिया में हाथ-पैरों में झुनझुनाहट और हाथ-पैर के ठंडे होने जैसी समस्या भी महसूस हो सकती है। लगातार झुनझुनाहट महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना ना भूलें।

4.सिरदर्द – एनीमिया होने की स्थिति में नर्वस सिस्टम पर भी इसका असर होता है और परमानेंट डैमेज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कई बार लोगों को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का भी सामना करना पड़ सकता है।

5.सांस लेने में तकलीफ- एनीमिया के चलते शरीर कमजोर पड़ने लगता है और शरीर दिन भर थका हुआ महसूस करता है, जिससे हार्ट बीट तेज या फिर अनियमित हो सकती है। ऐसी स्थिति में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

कॉफी में मौजूद टैनिन शरीर में आयरन का अवशोषण कम कर देते हैं, जिसके चलते आयरन की कमी होने लगती है और एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

एनीमिया से बचाव के उपाय (Measures to prevent anemia)

1.कॉफी/चाय से रहें दूर (Stay away from coffee/tea)

अगर आप या आपका कोई जानने वाला एनीमिया से जूझ रहा है तो उसे चाय-कॉफी से दूर रहने की सलाह दें। दरअसल, चाय और कॉफी में मौजूद टैनिन शरीर में आयरन का अवशोषण कम कर देते हैं, जिसके चलते आयरन की कमी होने लगती है और एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।

2.डाइट का रखें विशेष ध्यान (Take special care of diet)

एनीमिया के मरीजों को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर द्वारा बताए गए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके अलावा अपनी डाइट में विटामिन बी 12, विटामिन ए, आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्वों से भरे खाद्य को जरूर शामिल करना चाहिए। इसके अलावा मसालेदार और खट्टे भोजन से दूर रहना चाहिए।

3.डाइट में शामिल करें ये फल (Include these fruits in your diet)

एनीमिया के मरीजों को अपनी डाइट में कुछ ऐसे फल जरूर शामिल करने चाहिए जो आयरन का बढ़िया स्त्रोत हों। ऐसे मरीजों को अपनी डाइट में संतरा, अंगूर, अनार, कीबी और सेब जैसे फल शामिल करना चाहिए।

4.शराब के सेवन से बचें ( Avoid alcohol consumption)

अगर आप एनीमिया से जूझ रहे हैं तो शराब और धूम्रपान से दूर रहें, क्योंकि इसका सीधा असर रेड ब्लड सेल्स पर होता है। यह पोषक तत्वों के अवशोषण को भी प्रभावित करता है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है।

5. हरी सब्जियों का सेवन (consumption of green vegetables)

एनीमिया से ग्रसित मरीजों को अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए, क्योंकि ये आयरन और फोलेट का रिच सोर्स होती हैं, जो हीमोग्लोबिन और आरबीसी के निर्माण में मददगार होती हैं।

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लेखक के बारे में
रूबी शुक्ला

रूबी शुक्ला युवा हिंदी कंटेट क्रिएटर हैं। वे स्किन केयर, हेयर केयर, हेल्दी लाइफस्टाइल और पारंपरिक उपचार पद्धति के बारे में लिखती हैं।

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