प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण समय होता है। मां बनना अपने आप में हज़ारों चिंताओं से भरा होता है। मगर इस साल मां बनने वाली महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चिंता है कोविड-19।
इस महामारी की शुरुआत से ही गर्भवती महिलाओं में अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य हो लेकर डर था- क्या मां से बच्चे में इंफेक्शन ट्रांसफर हो सकता है? क्या गर्भावस्था में मां संक्रमण के प्रति ज्यादा वल्नरेबल हैं?
दुर्भाग्य से यह कहना मुश्किल है। कोविड-19 को लेकर हर दिन नई जानकारी हमारे सामने आ रही है और ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए परेशानियां बढ़ गयी हैं।
पीडियाट्रिक इन्फेक्शस डिसीज़ जर्नल के एक केस रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अमेरिका में एक कोविड-19 पॉज़िटिव मां ने प्रीमैच्योर बेटी को जन्म दिया है। मां डायबिटिक भी थी। जन्म के एक दिन बाद ही नवजात में कोविड-19 के लक्षण नजर आने लगे। टेस्ट करने पर बच्ची कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई।
मां से गर्भ में SARS-CoV-2 वायरस के ट्रांसमिशन के और भी कई केस दुनिया भर में सामने आए हैं। इस केस में प्लेसेंटा में भी कोरोना वायरस मिला है जो यह सिद्ध करता है कि बच्ची में वायरस गर्भ में ही पहुंच गया था, न कि पैदा होने के बाद।
यह केस सभी के लिए चिंता का विषय है।
सच्चाई तो यह है कि यह निश्चित नहीं हुआ है कि ब्रेस्ट मिल्क में कोरोना वायरस पाया जाना एक्सेप्शन था या नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की एक स्टडी में 46 कोविड-19 पॉज़िटिव महिलाओं के मिल्क सैम्पल लिए गए। उसमे से 43 सैंपल में कोरोना वायरस नहीं निकला, मगर 3 में SARS-CoV-2 वायरस एक्टिव पाया गया।
WHO ने कहा कि यह डेटा अभी किसी भी निष्कर्ष पर पंहुचने के लिए पर्याप्त नहीं है।
मगर प्रीकॉशन्स फॉलो करना ही इस वक्त सबसे समझदारी का काम है
टोरंटो की एक रिसर्च में पाया गया कि ब्रेस्ट मिल्क को 62.5℃ पर 30 मिनट तक उबालने से दूध में मौजूद सभी वायरस और बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इस तरीके को होल्डन मेथड कहते हैं। इस मेथड से दूध में मौजूद पोषण खत्म नहीं होते, सिर्फ जीवाणु मर जाते हैं।
अफ़सोस, इस प्रश्न का कोई जवाब ही नहीं है। WHO ने यह बार-बार कहा है कि हमें इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा।
प्रेग्नेंसी के दौरान वायरस का रिस्क कितना बढ़ता है इस पर अभी बहुत रिसर्च होना बाकी है। प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम भी ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है, ऐसे में कोविड-19 से जुड़े रिस्क मां और बच्चे दोनों के लिए ही खतरनाक हो सकते हैं।
इसलिए प्रीकॉशन्स ही एकमात्र उपाय है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं, तो समय-समय पर अपनी डॉक्टर से मिलें, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट्स लें, मास्क पहनें, हाथों को धोती रहें और पोषण युक्त आहार लें। आपकी और आपके बच्चे की ज़िंदगी आपके हाथों में है। सावधानी बरतें।