आपकी उम्र और जीवन की खुशियां दोनों कम कर सकता है मोटापा, जानिए क्यों जरूरी है इससे जल्द से जल्द निजात पाना
दुनिया भर में मोटापा एक महामारी की तरह बढ़ रहा है। यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बुलावा देता है। इसलिए यह भारत, अमेरिका सहित ज्यादातर देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया भर में 1 अरब से अधिक लोग मोटापे से पीड़ित हैं। कई स्टडी इस बात की ओर संकेत देती है कि 2020 – 2035 के बीच मोटापे से ग्रस्त युवा लोगों की संख्या तीन गुना होने की उम्मीद है। इसका अर्थ यह हुआ कि 2035 तक हर चार में से एक व्यक्ति मोटा होगा। मोटापा कई गंभीर बीमारियों को न्योता देने के साथ-साथ जीने के आनंद और मजा को भी खत्म कर सकता है। मोटापा जीवन को कैसे प्रभावित करता (obese and life happiness) है, इसके लिए हमने बात की गुरुग्राम के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में जनरल, मिनिमल एक्सेस एंड बैरिएट्रिक सर्जरी (एचओडी) डॉ अर्नब मोहंती से।
जीवन की गुणवत्ता में आ जाती है कमी
डॉ अर्नब मोहंती बताते हैं, ‘पिछले 5 वर्षों में अस्पताल में मोटापे के मामलों में 4-5% की वृद्धि हुई है। लेकिन लोग इसे बीमारी नहीं मानते हैं। जब भी मोटापे का विषय उठता है, लोग इस पर चर्चा करने से कतराते हैं। लोगों को यह डर रहता है कि दूसरे लोग उनका मजाक न उड़ा दें। मोटापा हमारे शरीर को कमजोर बना देता है, जिससे हम कई काम को अच्छी तरह नहीं कर पाते हैं। यह न सिर्फ जीवन में अकेलापन और उदासी (obese and life happiness) लाता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है। मोटापे के कारण कई रोग होने के कारण चिकित्सा उपचार की खर्च में वृद्धि हो जाती है। ये परिस्थितियां खुद मोटे लोगों और उनके परिवार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा सकता है।
यहां हैं वे 4 कारण जिनसे पता चलता है कि मोटापा जीवन के आनन्द को घटा देता है
1 मोटापे से ख़ुशी हो जाती है कम (Obesity Effect On Happiness)
जर्नल ऑफ़ ओबेसिटी एंड ओवरवेट की स्टडी बताती है कि जो लोग मोटापे से ग्रस्त थे, उनके जीवन के दौरान उन लोगों की तुलना में अवसाद विकसित होने का 55 प्रतिशत अधिक जोखिम था, जिन्हें मोटापा नहीं था। मोटापे को खुशी और संतुष्टि की भावना को कम करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक माना जाता है, खासकर महिलाओं में।
दरअसल, मोटापा भावनात्मक मुद्दों से जुड़ा होता है। जैसे उदासी, चिंता और अवसाद। इससे लाइफ एक्स्पेक्टेंसी (Life Expectancy) भी घट जाती है।
2 घातक बीमारियों का बढ़ा देता है जोखिम (Chronic Diseases)
डॉ. अर्नब बताते हैं, ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है, हैप्पीनेस रहती है। मोटापा के कारण शरीर में हार्मोनल चेंज होते हैं। इससे स्ट्रेस बढ़ता है और मेटाबोलिज्म भी प्रभावित होता है। इससे मधुमेह(Diabetes), हृदय रोग (Heart Health) और कुछ कैंसर (Cancer) सहित शरीर को दुर्बल करने वाली और घातक बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है।
3 मेंटल हेल्थ को करता है प्रभावित(Obesity for Mental Health)
मोटापा कुछ मानसिक स्वास्थ्य विकारों के उच्च जोखिम से भी जुड़ा हुआ है। इसके कारण एंग्जाइटी(Anxiety), डिप्रेशन(Depression) यहां तक कि बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) ईटिंग डिसआर्डर (Eating Disorder) भी हो सकते हैं।
जर्नल ऑफ़ हैप्पीनेस की स्टडी बताती है कि अवसाद मोटापे से भी जुड़ा है। दुनिया भर में मोटापे की दर जैसे-जैसे बढ़ी है अवसाद की दर लगातार बढ़ी है। मोटापे से ग्रस्त लोगों में अवसाद का प्रसार स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में दोगुना हो सकता है।
4 सोशल स्टेटस को कर सकता है प्रभावित (Social Status)
अक्सर लोग मोटापे से ग्रस्त लोगों से शादी नहीं करना चाहते हैं। इसलिए उनकी शादी की संभावना कम हो जाती है। यदि आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपकी फिजिकल एक्टिविटी कम हो पाएगी। आप कोई भी ऑफिशियल वर्क भी सही तरीके से नहीं कर पाएंगी। इससे नौकरी छूटने की आशंका होती रहेगी और आपका सोशल स्टेटस भी प्रभावित होगा।
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